
मौनी अमावस्या स्नान पर्व पर दो करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने लगाई पुण्य की डुबकी
माघ मेले में श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से की गई पुष्प वर्षा.माघ मेले में योगी सरकार की तरफ से हुई नव्य व्यवस्था से भाव विभोर हुए श्रद्धालु
प्रयागराज । प्रयागराज के संगम तट में लगे आस्था के सबसे बड़े समागम माघ मेले के सबसे बड़े स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर दो करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने पुण्य की डुबकी लगाई है। महाकुम्भ -2025 के आयोजन के रिहर्सल के रूप में आयोजित किये जा रहे इस माघ मेले को भव्य और नव्य स्वरूप देने के लिए योगी सरकार द्वारा पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कई नए कदम उठाए गए थे जो पूरी तरह सफल रहे हैं।
दो करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी
प्रयागराज के संगम तट पर लगे आस्था के सबसे बडे समागम माघ मेले के मौनी अमावस्या स्नान पर्व पर आस्था का जन सैलाब उमड़ पड़ा । सुबह से ही संगम में पुण्य की डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं का सिलसिला शुरू हो गया जो पुण्य काल में शाम तक चलता रहा । डीआईजी माघ मेला राजीव रंजन मिश्रा के मुताबिक़ इस स्नान पर्व में दो करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में पुण्य की डुबकी लगाई है।प्रशासन ने इसके लिए 786 हेक्टेयर में बसाए गए इस माघ मेला को 6 सेक्टर में बांटते हुए स्नान के लिए 12 स्नान घाट बनाए जिसमे 8 हजार फीट का रनिंग इलाका स्नान के लिए रखा गया था । मेला क्षेत्र में आवागमन के लिए 6 पांटून पुल बनाए गए हैं।
संगम से पास ही पार्किंग की व्यवस्था की गई थी जिससे श्रद्धालुओं को अधिक पैदल न चलना पड़े। स्वच्छता और श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए पूरे मेला क्षेत्र में 21 हजार शौचालय बनाए गए । माघ मेला क्षेत्र में 36 वाटर एटीएम लगाए गए है साथ ही माघ मेला क्षेत्र में 2000 बेड की टेंट सिटी भी श्रद्धालुओ के ठहरने के लिए बनाई गई । भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया गया। संपूर्ण मेला क्षेत्र में 6000 के आसपास पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं । मेला क्षेत्र में 14 पुलिस स्टेशन और 41 पुलिस चौकियां बनाई गई हैं । श्रद्धालुओं के आवागमन में कोई परेशानी ना हो इसके लिए रोडवेज की तरफ से 2800 सरकारी रोडवेज बसें भी चलाई गई हैं ।
माघ मेला में हेलीकाप्टर से हुई श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा
माघ मेला क्षेत्र में आज सुबह से ही आस्था, ज्ञान और भक्ति की त्रिवेणी बह रही थी । त्रिवेणी की पावन धारा में मुक्ति और पुण्य की कामना से संगम क्षेत्र में पहुंच रहे श्रद्धालुओं को अभिनन्दन करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से हेलीकाप्टर से कराई गई पुष्प वर्षा ने पूरे माघ मेला क्षेत्र को दिव्य और भव्य आयोजन के चरम पर पहुंचा दिया । त्रिवेणी में डुबकी लगाकर पावन रेत पर दान-पुण्य और पूजा के लिए लीन श्रद्धालुओं पर पुष्पों की पंखुड़ियों की वर्षा ने पूरे संगम क्षेत्र को अकल्पनीय अनुभूति से सराबोर कर दिया ।
मेला अधिकारी दयानंद प्रसाद ने बताया कि संगम समेत कुल 12 घाट आठ हजार रनिंग फीट में बनाए गए हैं। स्नान घाटों पर महिलाओं के लिए बड़ी संख्या में चेंजिंग रूम बनाए गये हैं। संगम पर तीन दिशाओं में सनान घाट तैयार किए गये हें। एक तो संगम नोज पर बृहद घाट बनाया गया हैए दूसरा संगम नोज के ठीक सामने अरैल क्षेत्र में और तीसरा गंगा पार झूंसी तरफ घाट तैयार कराया गया है। स्नानए सकुशल आयोजन को मेला प्रशासन मुस्तैद है।सनातन धर्म रक्षक समिति के सलाहकार आचार्य सरस्वती प्रसाद पाण्डे ने बताया कि मौनी अमावस्या पर अबकी ग्रह नक्षत्रों के मिलन से चतुरग्रहीय योग के अद्भुद संयोग बने हैं जिससे स्नान पर्व का महत्व बढ़ गया है। मकर राशि में चंद्रमाए सूर्यए मंगल और बुध ग्रह का संचारण होने से चतुर्ग्रहीय योग बना है। इससे संगम के पवित्र जल में स्नान करने वाले के धन और वैभव में वृद्धी होगी।आचार्य पाण्डे ने बताया कि माघ माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली अमावस्या को माघ अमावस्या या मौनी अमावस्या कहा जाता है। इस दिन मौन रहते हुए पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन सृष्टि के संचालक मनु का जन्म हुआ था, इसलिए भी इसे मौनी अमावस्या कहा जाता है।हालांकि प्रशासन सुबह चार बजे से स्नान शुरू होने की बात कह रहा है जबकि साधु-महात्मा और गृहस्थों ने त्रिवेणी तट पर आधी रात के बाद से ही पुण्य की डुबकी लगाना शुरू कर दिया।न कोई आमंत्रण और न ही किसी तरह का निमंत्रण श्रद्धा से भरपूर श्रद्धालुओं की भीड़ सिर पर गठरी और कंधे पर कमरी रखे प्रयागराज की सड़कों पर पैदल, रेलवे स्टेशनों, सिविल लाइंस, लीडर रोड और जीरो रोड बस अड्डे से भीड़ मेला क्षेत्र की ओर लगतार बढ़ती चली आ रही है।आस्था की डुबकी लगाने वाले श्रद्धालु सुरक्षा में लगे पुलिस और अन्य एजेंसियों के जवानों से संगम जाने के लिए रास्ता पूछते हुए सिर पर गठरी का बोझ रखे दीऩण्दुनिया से बेपहरवाह लक्ष्य पतित पावनी गंगाए श्यामल यमुना और अदृश्य सरस्वती में परिवार और सगे संबंधियों के लिए आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य प्राप्त करना है।
प्रयागराज जंक्शन, प्रयागराज रामबाग, सिटी स्टेशन, प्रयाग और प्रयाग घाट स्टेशनों से निकल रही भीड़ का रुख संगम ही है। नैनी और छिवकी एवं झूंसी स्टेशन हो या नैनी और झूंसी में बनाए गए अस्थायी बस अड्डों पर भी यही दृश्य बने हैं। शहर से लेकर मेला के प्रवेश मार्गों तक और फिर मेला क्षेत्र के अंदर तक सिर पर गठरी ही गठरी ही दिखाई दे रही है।माघ मेला में आस्था और अध्यात्म के साथ आधुनिकता का भी संगम हो रहा है।श्रद्धालुओं का रेला त्रिवेणी में गोता लगाने के लिए पांच से सात किलोमीटर की दूरी पैदल कर संगम पहुंच रहा है। चारों ओर आस्था का रेला नजर आ रहा है।परेड में काली सड़क हो या फिर लाल सड़क। शहर की सड़कों से लेकर मेला तक में मौनी अमावस्या पर आस्था का ऐसा जमघट लगने लगा है कि मौनी अमावस्या की दिव्यता चारों ओर निखरने लगी। गठरी लिए इन श्रद्धालुओं को न तो किसी व्यवस्था से मतलब होता है और न ही रोशनी से। अगाध आस्था में डूबे गठरी वाले श्रद्धालु पावन संगम पहुंच रहे हैं।(वार्ता)
दान, व्रत व त्याग के लिए प्रेरित करते आस्था के महापर्व मौनी अमावस्या की सभी श्रद्धालुओं एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!
मोक्षदायनी माँ गंगा और भगवान सूर्य की कृपा से सभी की मनोकामना पूर्ण हो, सभी के जीवन में नव ऊर्जा व नव उत्साह का संचार हो।
इस पावन अवसर पर संगम स्नान हेतु… pic.twitter.com/2NgVyN40aG
— Yogi Adityanath (मोदी का परिवार) (@myogiadityanath) February 9, 2024