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मोदी ने दशहरा से पहले ही विएनतिएन में देखी लाओ रामायण पर आधारित रामलीला

विएनतिएन (लाओस) : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को लाओस की अपनी दो दिन की यात्रा के पहले दिन राजधानी विएनतिएन में लाओस रामायण पर आधारित रामलीला के एक अंक का मंचन देखा और सब पर श्रीराम की कृपा का आह्वान किया।यह संयोग है कि श्री मोदी ने लाओस में विजयादशमी का मंचन ऐसे समय देखा जबकि यह उनकी सरकार द्वारा पूर्व के देशों के साथ मिल कर काम करने की लुक ईस्ट पालिसी के 10 वर्ष पूरे हुये हैं और भारत में प्रथम शारदीय नवरात्र के दसवें दिन मनाया जाने वाला दशहरा शनिवार को मनाया जायेगा। श्री मोदी ने लुक ईस्ट पॉलिसी के 10 वर्ष पूरे होने पर भारत की ओर से आसियान के साथ सहयोग की एक 10 सूत्री नयी पहल की भी घोषणा की।

श्री मोदी ने लाओस में रामलीला देखने के बाद उसके आंशिक वीडियो के साथ सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। प्रधानमंत्री ने इस पोस्ट में कहा, “ विजयादशमी कुछ ही दिन दूर है और आज लाओस पीडीआर में मैंने लाओ रामायण का एक हिस्सा देखा, जिसमें प्रभु श्री राम की रावण पर विजय को दर्शाया गया है। यह देखकर खुशी हुई कि यहां के लोग रामायण से जुड़े हुये हैं। प्रभु श्री राम का आशीर्वाद हम पर हमेशा बना रहे! ”श्री मोदी प्रधानमंत्री सोनेक्‍से शिफानडोन के निमंत्रण पर इस समय लाओस की यात्रा पर है। उन्होंने यात्रा के पहले दिन भारत-आसियान शिखर बैठक भाग लिया। श्री मोदी पूर्व एशियायी देशों के शिखर सम्मेलन में भी भाग लेंगे।इससे पहले श्री मोदी के विएनतिएन पहुंचने पर लाओ में रह रहे भारतीय समुदाय के लोगों ने उनके स्वागत के लिये एक कार्यक्रम आयोजित किया था। इस कार्यक्रम में स्त्री-पुरुष और बच्चे-बूढ़ों ने प्रधानमंत्री का हर्षोल्लास के साथ स्वागत किया।

श्री मोदी यात्रा के पहले दिन लाओस के प्रतिष्ठित भिक्षुओं से मुलाकात की और उनका आशीर्वाद के लिये आभार जताया। श्री मोदी ने इस अवसर लाओस में पाली भाषा को मिल रहे सम्मान को देख कर प्रसन्नता प्रकट की। उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार ने हाल में पांच और भारतीय भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया है, जिसमें प्राकृत और पाली भी है।प्राचीन बौद्ध साहित्य का अधिकांश पाली भाषा में पाया जाता है।श्री मोदी दिन में भारत के सहयोग से लाओं में एतिहासिक, सांस्कृतिक और पुरातात्विकदृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों के संरक्षण कार्य की प्रगति का जायजा भी लिया, जिसमें वाट फोऊ (फोऊ मंदिर परिसर) का संरक्षण कार्य भी शामिल है। इस अवसर पर उनके साथ संरक्षण कार्य से जुड़े भारत के कुछ अधिकारी भी उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री ने आज सुबह लाओस की यात्रा के लिये प्रस्थान करते एक वक्तव्य जारी किया, जिसमें पूर्व और दक्षिण पूर्व के देशों के साथ भारत के संबंधों के महत्च और उनको भारत की ओर दे दी जा रही प्राथमिकता को रेखांकित किया गया है। (वार्ता)

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