माइक्रोसॉफ्ट आउटेज में दिखा तकनीकी निर्भरता के क्या दुष्परिणाम हो सकते हैंः चंद्रचूड़
मदुरै (तमिलनाडु) : देश के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को कहा कि माइक्रोसॉफ्ट आउटेज में दिखा कि तकनीकी निर्भरता के क्या-क्या दुष्परिणाम हो सकते हैं।सीजेआई चंद्रचूड़ ने मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ की स्थापना के 20 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित समारोह का उद्घाटन करते हुए कहा,“हर कोई जानता है कि मैं प्रौद्योगिकी के लाभों का प्रबल समर्थक हूं। कल ही हमने तकनीकी निर्भरता के प्रतिकूल प्रभाव देखे। माइक्रोसॉफ्ट आउटेज के कारण पूरे देश में उड़ानें रद्द कर दी गईं। दिल्ली से कई उड़ानें रद्द कर दी गईं। लेकिन मुझे लगता है कि यह मदुरै के लोगों का प्यार है जो मेरी पिछली यात्रा के दौरान मुझ पर बरसाया, जिसने आज आप सभी के बीच मेरी उपस्थिति सुनिश्चित की है।
”इस दौरान उन्होंने कहा कि मदुरै को ‘थुंगा नगरम’ या ऐसा शहर कहा जाता है, जो कभी नहीं सोता, क्योंकि इसके बाजार हमेशा लोगों के लिए खुले रहते हैं। यह इस महान शहर की आमंत्रित और मेहमाननवाज़ संस्कृति को दर्शाता है। उन्होंने कहा,“यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि मद्रास उच्च न्यायालय की स्थायी पीठ के लिए मदुरै को चुना गया। इस अर्थ में, मदुरै एक शाश्वत प्रतीक है कि न्याय कभी नहीं सोता है।”सीजेआई ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 214 में कहा गया है कि प्रत्येक राज्य के लिए एक उच्च न्यायालय होगा, लेकिन यह सोचना बहुत बड़ी गलती होगी कि मद्रास उच्च न्यायालय विशेष रूप से मदुरै बेंच से आने वाले निर्णयों का प्रभाव तमिलनाडु राज्य तक ही सीमित है।
देश भर के वकील, न्यायाधीश और नागरिक मदुरै बेंच से आने वाले निर्णयों को बहुत प्रशंसा के साथ देखते हैं। यह उल्लेखनीय है कि बार के साथ-साथ उच्च न्यायालय की पीठ के न्यायाधीश केवल 20 वर्षों की छोटी अवधि में ऐसी प्रतिष्ठा स्थापित करने में सक्षम हुए हैं।उन्होंने कहा कि जब मदुरै पीठ की स्थापना की गई थी, तब यह अनिवार्य रूप से एक ‘जिला बार’ था और जिला बार के सामने कई चुनौतियाँ थीं। उन्होंने कहा कि जिला न्यायालय में वकालत करने वाले वकीलों के रूप में आपका ध्यान जिले की समस्याओं से हटकर राज्य की समस्याओं की ओर होना चाहिए। (वार्ता)