NationalUP Live

मनुष्य ने ही खड़ी की कई आपदा, पारिस्थितिकी तंत्र में भी आया परिवर्तनः सीएम योगी

सीएम ने जताई चिंता, बोले- कार्बन उत्सर्जन व प्रदूषण कम करने के लिए यूपी में चल रहे अनेक अभियान.लकड़ी व कोयले पर एक वक्त भोजन बनाना, यानी 100 से अधिक सिगरेट के धुएं से खतरनाक, सरकार ने देश में उज्ज्वला योजना के दिए 10 करोड़ से अधिक कनेक्शनः सीएम .

  • मुख्यमंत्री ने एक समाचार पत्र समूह की तरफ से आयोजित ‘ग्रीन भारत समिट’ को किया संबोधित
  • यूपी सरकार ने भी रिन्यूबल, ग्रीन एनर्जी व कंप्रेस्ड बायो गैस की अलग-अलग पॉलिसी तैयार कीः सीएम
  • बोले-देश में कंप्रेस्ड बायो गैस के सर्वाधिक प्लांट यूपी में लगे हैं और लग भी रहे हैं
  • सीएम की अपीलः संस्थानों में जाएं विशेषज्ञ, शोध व नवाचार को बढ़ाएं आगे
  • 40 वर्ष में 50 हजार बच्चों की मौत हुई थी, अब इंसेफेलाइटिस से नहीं जाती किसी की जानः योगी

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को एक समाचार पत्र समूह की तरफ से आयोजित ‘ग्रीन भारत समिट’ को संबोधित करते हुए बदलते पर्यावरण और पारिस्थितिकी तंत्र पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि देश की राजधानी दिल्ली पिछले एक महीने से गैस चैंबर बन गई है। श्वांस रोगियों और बुजुर्गों के लिए स्थिति बेहद गंभीर है। इससे सरकार चिंतित व माननीय न्यायालय सख्त है। उन्होंने कहा कि पर्यावरणीय आपदाएं मानव की अनियोजित विकास नीतियों और गलत आदतों का परिणाम हैं।

कहीं अतिवृष्टि तो कहीं सूखा

सीएम योगी ने मानसून के बदलते पैटर्न पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पहले मानसून 15 जून से शुरू होकर 15 अगस्त तक समाप्त हो जाता था, लेकिन अब यह 15 अगस्त से 15 अक्टूबर तक खिंच जाता है। इससे फसलों की कटाई और बोवाई के समय में भी बदलाव हो रहा है। उन्होंने कहा कि कहीं अतिवृष्टि है तो कहीं सूखा, जिससे किसान तबाह हो रहे हैं।

नदियों को अस्वस्थ कर खड़ी कर रहे आपदा

सीएम योगी ने जल प्रदूषण को भी प्रमुख समस्या बताया। प्रदूषित जल से बीपी, शुगर और पेट की बीमारियां बढ़ रही हैं। सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘हर घर नल’ योजना के माध्यम से शुद्ध पेयजल की आपूर्ति हो रही है, जिससे जलजनित बीमारियों पर नियंत्रण पाया जा सके। सीएम योगी ने कहा कि हमने विकास भी अनियोजित व अवैज्ञानिक किया है। उद्योग बड़ा लगाएंगे और कचरा नदियों में उड़ेल देंगे। जीवनदायिनी नदियों को अस्वस्थ करके हम मानव व जीव सृष्टि पर आपदा खड़ी कर रहे हैं। क्षमता से अधिक पेस्टिसाइड व केमिकल का छिड़काव करने से बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। एक राज्य के भीतर सरकार को ट्रेन चलानी पड़ी, जिसे कैंसर ट्रेन नाम दिया गया यानी ट्रेन में आने वाले अधिकतर पेशेंट कैंसर के थे। यह आपदा कहीं और से नहीं आई, बल्कि मनुष्य ने स्वयं ही खड़ा किया है।

कार्बन उत्सर्जन घटाने की दिशा में हो रहे प्रयास

सीएम योगी ने बताया कि यूपी सरकार ने कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए कई अभियान शुरू किए हैं। 2017 के बाद से 16 लाख एलईडी स्ट्रीट लाइट्स लगाई गईं, जिससे 9.4 लाख टन कार्बन उत्सर्जन कम हुआ और 968 करोड़ रुपये की बचत हुई। उन्होंने पीएम मोदी की “पीएम सूर्य घर योजना” का जिक्र करते हुए बताया कि इस योजना के तहत लोग सोलर पैनल लगाकर अपनी जरूरत की बिजली का उत्पादन कर सकते हैं और अतिरिक्त बिजली बेच सकते हैं।

वनाच्छादन और ग्रीन एनर्जी पर फोकस

सीएम ने बताया कि 2017 से अब तक प्रदेश में 204 करोड़ पौधारोपण किया गया है। राज्य का वनाच्छादन 10% तक पहुंच गया है, जिसे अगले तीन वर्षों में 15% तक ले जाने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि यूपी में 23,000 हेक्टेयर लैंडबैंक तैयार किया गया है, जिसका उपयोग रिन्यूवल एनर्जी के लिए किया जा सकता है।

स्मॉग और घरेलू प्रदूषण पर भी जताई चिंता

उन्होंने कहा कि पराली जलाने और लकड़ी-कोयले पर खाना बनाने से भी प्रदूषण बढ़ रहा है। पीएम मोदी ने 2016 में उज्ज्वला योजना का अभियान चलाया। 10 करोड़ परिवारों को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन देकर इस समस्या का समाधान किया गया है। उन्होंने बताया कि लकड़ी या कोयले पर भोजन बनाना 100 से अधिक सिगरेट के धुएं के बराबर खतरनाक है।

… अब इंसेफेलाइटिस से नहीं जाती किसी की जान

सीएम योगी ने कहा कि प्रदूषित जल व खुले में शौच बहुत खतरनाक होता है। 1977 से 2017 तक पूर्वी उप्र के 38 जनपदों में इंसेफेलाइटिस से हुई मौत इसके प्रमाण हैं। 40 वर्ष में 50 हजार बच्चों की मौत हुई थी। बीमारी का कारण प्रदूषित जल व गंदगी थी। अब हर घर में शौचालय बन रहे, अभियान चलाकर हर घऱ शुद्ध जल पहुंचाया जा रहा। इसके कारण इस बीमारी को महज दो वर्ष के अंदर नियंत्रित किया गया, अब इंसेफलाइटिस से कोई मौत नहीं होती।

सतत विकास और समाज की भूमिका पर जोर

सीएम योगी ने कहा कि यह प्रयास केवल सरकार तक सीमित नहीं हो सकता। इसमें समाज, संस्थान और आमजन की भागीदारी जरूरी है। उन्होंने विशेषज्ञों से शोध और नवाचार को बढ़ावा देने की अपील की। सीएम ने ‘ग्रीन भारत समिट’ के आयोजन के लिए समाचार पत्र समूह के पहल की सराहना करते हुए इसे पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया।

BABA GANINATH BHAKT MANDAL  BABA GANINATH BHAKT MANDAL

Related Articles

Back to top button