
कुपोषित बच्चों को संक्रमण का खतरा ज्यादा -डॉ. विवेक
जिले में चिन्हित हैं 25771 कुपोषित और 4017 अति कुपोषित बच्चे , कमजोर बच्चों में संक्रामक रोगों के विरुद्ध कम होती है प्रतिरोधक क्षमता
महराजगंज । कुपोषित बच्चों को संक्रामक रोगों से अधिक खतरा रहता है, क्योंकि उनमें संक्रामक रोगों से लड़ने के लिए प्रतिरोधक क्षमता कम होती है जिसकी वजह से वे विभिन्न संक्रामक रोगों के शिकार हो जाते हैं। उक्त जानकारी वीबीडी के नोडल अधिकारी डॉ. विवेक श्रीवास्तव ने दी। उन्होंने कहा कि जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा उपलब्ध कराए गए सर्वे रिपोर्ट के अनुसार जिले में कुल 25771 कुपोषित तथा 4017 अति कुपोषित बच्चे चिन्हित हैं। कुपोषित बच्चों में संक्रामक रोगों के विरुद्ध प्रतिरोधक क्षमता कम होती है।
ऐसे में संक्रामक रोगों से लड़ने के लिए उनमें प्रतिरोधक क्षमता बढ़ानी होगी। इसके लिए बच्चों को प्रोटीन युक्त आहार देना जरूरी है। बरसात का मौसम आ गया है। तरह-तरह की संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा रहता है। ऐसे में इन बीमारियों से बचाव के बारे में सतर्क रहना पड़ेगा।
इस संबंध में जिला कार्यक्रम अधिकारी शैलेन्द्र कुमार राय ने कहा कि चिन्हित कुपोषित तथा अति कुपोषित बच्चों की नियमित स्क्रीनिंग एव पोषाहार उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक दिशा -निर्देश जारी किए गए हैं।
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ध्यान देने योग्य बात
-बच्चों की सेहत पर ध्यान दिया जाय।
-बच्चों के ग्रोथ के लिए हाईप्रोटीन डायट दिया जाए।।
-उथले हैंडपंप का पानी का सेवन न किया जाए ।
-अपने घर तथा घरों के आसपास जलभराव न होने दिया जाए।
-लार्वा खाने वाली मछली का संचयन किया जाए ।
-मच्छरदानी का प्रयोग किया जाए -पूरी बांह की कमीज पहना जाए।
सैम बच्चों स्वास्थ्य परीक्षण कराएं सभी अधीक्षक और एमओआईसी
वीबीडी के नोडल अधिकारी ने सभी स्वास्थ्य अधीक्षकों और प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वह अपने क्षेत्र के बाल विकास परियोजना अधिकारियों से समन्वय स्थापित करके सभी सैम बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कराएं। यदि किसी अस्पताल पर बाल रोग विशेषज्ञ न हो तो उसे एंबुलेंस सेवा से जिला अस्पताल भेजवाना सुनिश्चित कराएं।
चिन्हित हैं 70 सैम व 1506 मैम बच्चे
नोडल अधिकारी कहा कि गंभीर स्थिति वाले 70 बच्चे सैम ( सिवियरली एक्यूट मालनरिस्ड) तथा 1506 मैम ( माडरेट एक्यूट मालनरिस्ड ) बच्चे चिन्हित हैं ।