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महाकुंभ:पर्यटन विभाग ने शुरू की शहर के रिक्शा चालकों की संस्कार की पाठशाला

कुंभ नगरी में आवागमन की सुविधा देने के साथ महाकुंभ की गाथा और प्रयाग का महात्म्य भी बताएंगे शहर के ई-रिक्शा चालक.महाकुंभ में टैक्सी और ऑटो चालकों के बाद ई रिक्शा चालकों को संस्कारवान बनाने की योगी सरकार की पहल.

  • शहर के 1000 ई-रिक्शा चालकों को स्टोरी टेलिंग और सॉफ्ट स्किल की दी जा रही है ट्रेनिंग
  • स्वच्छता दूत, प्लास्टिक मुक्त महाकुंभ और डिजिटल इंडिया अभियान के वाहक बनेंगे ई रिक्शा चालक

प्रयागराज । उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश में पारम्परिक भारतीय मूल्यों और ‘अतिथि देवो भव:’ की संकल्पना को साथ लेते हुए पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं और वातावरण प्रदान कर रही है। प्रयागराज महाकुंभ इसके लिए बड़ा मंच प्रदान कर रहा है। प्रयागराज शहर के ई रिक्शा चालकों को संस्कारवान बनाने की आज से हुई शुरुआत इसी का हिस्सा है । पर्यटन विभाग को इसकी जिम्मेदारी दी गई ।

शहर के 1000 ई रिक्शा चालकों को संस्कारवान बनाने की पाठशाला शुरू

महाकुंभ आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों की प्रयागराज पहुंचने पर सबसे पहले भेंट होती है यहां टैक्सी चालक या ई रिक्शा चालकों से। इन चालकों के बर्ताव, आगंतुकों से संवाद और उनके तौर तरीके से भी कुंभ नगरी की छवि तय करेंगे। ऐसे में इनकी सॉफ्ट स्किल की ट्रेनिंग की जरूरत को देखते हुए आज से ई रिक्शा चालकों की ट्रेनिंग भी पर्यटन विभाग की तरफ से शुरू हुई है।

क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि एक हजार ई रिक्शा चालकों का प्रशिक्षण देने का अभियान आज से शुरू हुआ है। पहले दिन सौ ई रिक्शा चालकों को प्रशिक्षण दिया गया है। इस अभियान का उद्देश्य रिक्शा चालकों का स्किल डेवलेपमेंट और उनके बर्ताव को आगंतुकों के प्रति और बेहतर बनाना है। मान्यवर कांशीराम पर्यटन प्रबन्ध संस्थान, लखनऊ की अगुवाई में इन रिक्शा चालकों को ट्रेनिंग दी जा रही है। जिसके लिए उसकी एसओपी बनाई गई है। कुंभ मेला प्रशासन के मुताबिक ये रिक्शे कुंभ क्षेत्र के अंदर और बाहर चलाए जाएंगे जिनके लिए कलर कोडिंग भी की जायेगी।

महाकुंभ की गाथा और प्रयाग का महात्म्य बताएंगे ई रिक्शा चालक

मान्यवर कांशीराम पर्यटन प्रबंध संस्थान की तरफ से शहर के होटल राही इलावर्त में यह ट्रेनिंग शुरू हुई है। कांशीराम पर्यटन प्रबंध संस्थान के असिस्टेंट प्रोफेसर प्रखर तिवारी का कहना है कि पर्यटकों के साथ व्यवहार के प्रति संवेदनशील बनाने और पर्यटक स्थलों एवं मार्गों की जानकारी देने के साथ स्वच्छता की जानकारी देने के लिए इनका प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इन रिक्शा चालकों को महाकुंभ की कहानियां और प्रयाग के महात्म्य का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है ताकि ये लोग महाकुंभ आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को गंतव्य स्थल तक पहुंचाने के साथ प्रयागराज के पर्यटक स्थलों की भी रोचक अंदाज में जानकारी दे सकें। इसी क्रम में आज इन्हें यातायात के नियमों , स्वच्छता , अच्छे बर्ताव और डिजिटल भुगतान का भी प्रशिक्षण दिया गया है।

ई रिक्शा चालक बोलेंगे “वेलकम सर”

इन ई रिक्शा चालकों को ट्रेनिंग देने के पहले एक फॉर्म भी पर्यटन विभाग की तरफ से उनकी बुनियादी जानकारी के लिए भरवाया गया है। प्रयागराज ई रिक्शा एसोसिएशन के उपाध्यक्ष रघुनाथ द्विवेदी का कहना है कि यह फॉर्म ई रिक्शा चालकों को दे दिया गया है जिसमें उल्लेखित शर्तों का पालन करने पर ही उनको ट्रेनिंग का प्रमाणपत्र और रिक्शे का क्यू आर कोड मिलेगा जिसे वो अपने रिक्शे में अपनी पहचान के लिए लगा सकेंगे । यह ट्रेनिंग वहीं रिक्शा चालक कर सकेंगे जिनके रिक्शे चाइना मेड नहीं हैं। ट्रेनिंग लेने आए मोहम्मद इसरार खान का कहना है कि इस ट्रेनिंग से उन्हें कुंभ के महत्व और कुंभ से जुड़ी जानकारी मिली है। मेहमानों का स्वागत करने का जो अवसर मिला है वह भी हमारे लिए खास है।

रिक्शा चालक राजेश शर्मा का कहना है कि हमारे शहर की पहचान है कुंभ मेला । इसलिए यहां आने वाले पर्यटक के सामने अच्छी से अच्छी छवि अपने शहर की जाए इसके लिए हमे जो ट्रेनिंग दी गई है उससे हमारा भी लाभ होगा। साफ सफाई के साथ स्वच्छता का भी हम पूरा ख्याल रखेंगे। हम श्रद्धालुओं और पर्यटकों के हमारे रिक्शे के पास आते ही वेलकम सर कह कर उनका स्वागत करेंगे।

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