BusinessNationalUP Live

सांस्कृतिक और सामाजिक के साथ आर्थिक पुनरोत्थान की भी नींव रखेगा महाकुम्भ 2025

आर्थिक जानकारों की राय में महाकुम्भ के भव्य आयोजन से प्रदेश की जीडीपी में एक फीसदी से ज्यादा वृद्धि का अनुमान.जीएसटी कलेक्शन में भी आएगा अभूतपूर्व उछाल, दिसंबर, जनवरी और फरवरी में तीन गुना हो सकता है जीएसटी कलेक्शन.लोगों की जेब में आएगा पैसा तो बढ़ेगी क्रय शक्ति, मांग में होगा इजाफा, अधिक उत्पादन से होगी रोजगार में वृद्धि.

  • जानकारों के अनुसार, महाकुम्भ के पूरे आयोजन में 4 लाख करोड़ से ज्यादा का हो सकता है कारोबार
  • व्यापार में वृद्धि से सभी तरह के वर्गों को मिलेगा लाभ, उत्तर प्रदेश सरकार को हो सकती है बंपर आय
  • महाकुम्भ से होने वाली आय का बड़ा हिस्सा योगी सरकार प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर में करेगी निवेश

महाकुम्भ नगर । तीर्थराज प्रयागराज में हो रहा महाकुम्भ 2025 न सिर्फ सांस्कृतिक और सामाजिक बल्कि आर्थिक पुनरोत्थान की दिशा में भी महत्वपूर्ण होने जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी हाल ही में इसकी ओर संकेत किया था, जब उन्होंने कहा था कि महाकुम्भ से दो लाख करोड़ का व्यापार होगा। देश और प्रयागराज के अर्थ से जुड़े विशेषज्ञों की मानें तो 45 दिन तक चलने वाले इस महाआयोजन से उत्तर प्रदेश की जीडीपी में एक प्रतिशत या उससे भी ज्यादा की वृद्धि हो सकती है। यही नहीं, जीएसटी कलेक्शन में भी भारी उछाल देखने को मिलेगा। दुनिया भर से आ रहे श्रद्धालुओं द्वारा किए जा रहे खर्च से मांग बढ़ेगी, उत्पादन बढ़ेगा, रोजगार में वृद्धि होगी और छोटे से लेकर बड़े व्यापारियों की जेब में पैसा आएगा। यही नहीं, सरकार को भी इस आयोजन से बड़े पैमाने पर आय होगी, जिसका उपयोग प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर में होगा। कुल मिलाकर यह आयोजन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के वन ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक सकारात्मक पहल साबित होगा।

अर्थव्यवस्था में जान डाल देगा महाकुम्भ

देश के मशहूर सीए और अर्थशास्त्री पंकज गांधी जायसवाल के अनुसार, इस बार के महाकुम्भ के आंकड़े जो सरकार बता रही है उसके होने भर से ही नॉमिनल और रियल दोनों जीडीपी के आंकड़ों में एक प्रतिशत तक की वृद्धि हो सकती है। बतौर उत्तर प्रदेश सरकार देश विदेश से करीब 45 करोड़ लोग इस महाकुम्भ में आएंगे। वो काशी, अयोध्या, चित्रकूट समेत देश के कई हिस्सों में जाएंगे। यदि उनके घर से कुम्भ में आने से लेकर घर वापस आने तक का प्रति व्यक्ति औसत खर्च जोड़ लेंगे तो औसत करीब 10 हजार रुपए प्रति व्यक्ति हो सकता है। ऐसे में यदि 45 करोड़ में इस दस हजार प्रति व्यक्ति खर्च का गुणा करेंगे तो यह करीब साढ़े चार लाख करोड़ रुपए होता है। इसे हम दस फीसदी अनुमान रिस्क के नाम पर थोड़ा कम चार लाख करोड़ ही मान लेते हैं तो भी यह अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए कमाल का आंकड़ा है। कुम्भ का अर्थशाष्त्र तिमाही के आंकड़ों को तो मजबूत करेगा ही, साथ ही देश के वार्षिक राष्ट्रीय जीडीपी को भी मजबूत करेगा और अर्थव्यवस्था को भी।

सीए और अर्थशास्त्री पंकज गांधी जायसवाल
सीए और अर्थशास्त्री पंकज गांधी जायसवाल

निवेश का कई गुना रिटर्न मिलेगा सरकार

पंकज गांधी जायसवाल के अनुसार, सरकार का इस महाकुम्भ में हुए निवेश से कई गुना रिटर्न आ जाएगा। डबल इंजन की सरकार महाकुम्भ के आयोजन पर मिलकर करीब सोलह हजार करोड़ रुपए का खर्च कर रही है। अगर इसी को आधार मान लें तो सरकार की ही आय कई गुना हो जाएगी। मसलन अगर चार लाख करोड़ पर औसत जीएसटी का संग्रह निकालें तो यह करीब 50 हजार करोड़ के आसपास होगा। इस खर्च पर जो लोगों को आय होगी उस पर आयकर तथा अन्य सुविधाओं के अप्रत्यक्ष कर जोड़ दें तो यह आंकड़ा एक लाख करोड़ तक पहुंच जाएगा, मतलब कई गुना आय तो सरकार को ही होगी। ये सारे विश्लेषण और आंकड़े बताते हैं की किताबी आंकड़े भले ही कुछ कहें, महाकुम्भ के बाद अगली तिमाही में अर्थ अमृत का प्रसाद मिलने वाला है। तिमाही आकड़े के साथ शेयर बाजार भी नृत्य करेगा।

इंफ्रास्ट्रक्चर को मिलेगी मजबूती

प्रयागराज के प्रख्यात सीए अनिल गुप्ता के अनुसार महाकुम्भ के भावनात्मक पहलू के साथ ही आर्थिक पहलू भी बहुत महत्वपूर्ण है। सरकार ने इस बार महाकुम्भ को लेकर जो निवेश किया है, उससे बड़े पैमाने पर रेवेन्यू भी जेनरेट होगा। रेलवे, ट्रांसपोर्ट, इलेक्ट्रिसिटी समेत कुम्भ मेले में रेंट पर जो भूमि आवंटित की गई है, इन सभी से व्यापक रेवेन्यू जेनरेट होगा। इन सभी को मिलाकर देखें तो जीएसटी और समस्त इंफ्रास्ट्रक्चर से सरकार को करीब एक लाख करोड़ रुपए आय की संभावना है।

सीए अनिल गुप्ता
सीए अनिल गुप्ता

इस आय को सरकार जब इंफ्रास्ट्रक्चर में डालेगी तो निश्चित रूप से इसका असर इकॉनमी पर भी देखने को मिलेगा। जानकारी के अनुसार पूरी दुनिया से लोग आ रहे हैं, इससे टूरिज्म को बहुत बल मिलेगा। अगर सिर्फ प्रयागराज की ही बात करें तो पहले यहां 5 स्टार, 7 स्टार होटल नहीं थे अब ये सारे यहां स्थापित हो रहे हैं। निश्चित रूप से इन सभी फैक्टर्स से जीडीपी ग्रोथ में एक प्रतिशत की ग्रोथ आराम से हो जाएगी। जहां तक जीएसटी की बात है तो यह प्रयागराज समेत पूरे प्रदेश को मिलाकर देखें तो दिसंबर, जनवरी और फरवरी में इसके तीन गुना तक बढ़ने की संभावना है।

लोगों की बढ़ेगी आमदनी, सबका साथ सबका विकास को मिलेगा प्रोत्साहन

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के रिटायर्ड डीन वाणिज्य फैकल्टी एवं वित्त अधिकारी डॉ एके सिंघल ने कहा कि डबल इंजन की सरकार ने महाकुम्भ को भव्य बनाने में कोई कमी नहीं रखी है। इसका प्रयागराज समेत पूरे प्रदेश की इकॉनमी पर जबर्दस्त असर देखने को मिलेगा। देश विदेश से आ रहे करोड़ों लोग यहां आकर पैसा खर्च करेंगे। चाहे ट्रांसपोर्ट हो, लोकल वेंडर्स हो, शहर के दुकानदार हों,रिक्शा वाले हों, टैक्सी वाले हों, नाव वाले हों इनकी आमदनी बढ़ेगी। मेरे अनुमान के अनुसार लगभग 40 से 50 हजार करोड़ रुपए आएगा। यही नहीं, सरकार ने जितना खर्च किया है उसका 10 गुना तक उसको लाभ हो सकता है।

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के रिटायर्ड डीन वाणिज्य फैकल्टी एवं वित्त अधिकारी डॉ एके सिंघल
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के रिटायर्ड डीन वाणिज्य फैकल्टी एवं वित्त अधिकारी डॉ एके सिंघल

सरकार को जो पैसा मिलेगा वो विकास में खर्च होगा। सबका साथ सबका विकास को प्रोत्साहन मिलेगा। प्रदेश और देश की अर्थव्यवस्था को भी बड़ा फायदा होगा। प्रदेश की जीडीपी में एक प्रतिशत या इससे ज्यादा की भी वृद्धि हो सकती है। इलाहाबाद समेत अयोध्या, चित्रकूट, वाराणसी, विंध्याचल सभी जगह लोग जा रहे हैं, इसका लाभ भी प्रदेश को मिलेगा। उत्तर प्रदेश को जीएसटी से होने वाले लाभ की बात करें तो इसमें भी बड़ा बूम दिखेगा। सरकार को जो होगी उसका उपयोग प्रदेश के विकास में होगा। लोगों की क्रय शक्ति बढ़ेगी, मांग बढ़ेगी, उत्पादन ज्यादा होगा।

महाकुंभ के दौरान दो लाख करोड़ रुपए के कारोबार की उम्मीद,देश की जीडीपी में भी में होगा योगदान

Website Design Services Website Design Services - Infotech Evolution
SHREYAN FIRE TRAINING INSTITUTE VARANASI

Related Articles

Graphic Design & Advertisement Design
Back to top button