कोविड-19-पिछले 24 घंटों में 3.26 लाख नमूनों के हुए परीक्षण,रोगियों की वास्तविक संख्या केवल 3,31,146
“परीक्षण, पता लगाना, उपचार” की रणनीतिक के तहत केन्द्र सरकार राज्य/ संघ शासित क्षेत्रों में परीक्षण में लगातार बढ़ोतरी कर रही है। परिणामस्वरूप, देशभर में लगातार परीक्षण प्रयोगशालाओं में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। परीक्षण में आईसीएमआर के दिशानिर्देशों के साथ ही बढ़ोतरी की जा रही है और इससे मामलों के जल्दी पता लगाने में सहायता मिली है।
परीक्षण में आरटी-पीसीआर शामिल होता है, जो कोविड-19 परीक्षण का स्वर्ण मानक है। इसे रैपिड एंटीजन प्वाइंट ऑफ केयर (पीओसी) परीक्षण के साथ बढ़ाया किया गया है, जो आधे घंटे के भीतर ही परिणाम देता है। इसके परिणामस्वरूप संक्रमण प्रभावित क्षेत्रों और बफर जोन्स में परीक्षण तेज हुए हैं। इससे संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने में खासी सहायता मिली है। सभी पंजीकृत चिकित्सा विशेषज्ञ परीक्षण के लिए सुझाव दे सकते हैं। इसके साथ ही राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों ने आरटी-पीसीआर, ट्रूनैट और सीबीएनएएटी लैब नेटवर्क के माध्यम से व्यापक परीक्षण की सुविधा के द्वारा नमूनों का परीक्षण बढ़ाकर खासा योगदान किया है।
पिछले 24 घंटों में 3,26,826 नमूनों का परीक्षण किया गया। इस प्रकार भारत में कुल 1,27,39,490 नमूनों के परीक्षणों के साथ प्रति मिलियन आबादी पर 9,231.5 परीक्षण हो चुके हैं। देश में परीक्षण प्रयोगशाला नेटवर्क और मजबूत हो गया है। अब भारत में 1,234 प्रयोगशालाएं इस बीमारी का परीक्षण कर रही हैं; इनमें से 874 सरकारी क्षेत्र की और 360 निजी प्रयोगशालाएं हैं।
कोविड-19 के 6.1 लाख से अधिक रोगी स्वस्थ हो चुके हैं
कोविड-19 की रोकथाम, उसे सीमित करने और संक्रमित लोगों के उपचार की व्यवस्था के लिए केंद्र सरकार के साथ ही राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा ‘संपूर्ण सरकार’ की कार्यनीति के तहत एक ग्रेडेड और सक्रिय दृष्टिकोण अपनाया गया है। कोविड-19 के संबंध में किए जा रहे सामूहिक प्रयासों की उच्चतम स्तर पर नियमित रूप से समीक्षा और निगरानी की जाती है। कोविड-19 की रोकथाम को लेकर किए गए लक्षित उपायों की वजह से इसके संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार गिरावट देखी जा रही है। आज की तारीख में देश में कोविड -19 रोगियों की वास्तविक संख्या केवल 3,31,146 है। यह अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए कुल मामलों के एक तिहाई (34.18%) से थोड़ा अधिक हैं। कोविड-19 मरीजों की वास्तविक संख्या घर-घर सर्वेक्षण, परिधि नियंत्रण गतिविधियों, संक्रमित मरीजों के संपर्क में आने वालों का समय-समय पर पता लगाने तथा कैंटेनमेंट ज़ोन की निगरानी, तेजी से परीक्षण तथा समय रहते निदान और देखभाल प्रोटोकॉल के अच्छी तरह से लागू मानक के माध्यम से मध्यम से गंभीर मामलों में उपचार सहित इसकी रोकथाम के लिए किए गए सक्रिय उपायों की वजह से सीमित है और इनका इलाज हो रहा है। इन उपायों की वजह से कोविड-19 रोगियों के उपचार के बाद स्वस्थ होने की संभावना काफी हद तक बढ़ गई है।
केंद्र और राज्य / केंद्र शासित प्रदेशों के संयुक्त प्रयासों से परीक्षण क्षमता में वृद्धि, स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में सुधार, एसएआरआई / आईएलआई मामलों में निगरानी को प्राथमिकता और बुजुर्ग तथा सह-रुग्णताओं वाले लोगों की पहचान सुनिश्चित करने की वजह से पूरे भारत में कोविड-19 के मरीजों के उपचार के बाद स्वस्थ होने की दर में निरंतर तेजी देखी जा रही है। जैसा कि नीचे दिए गए ग्राफ के आंकड़ें बताते हैं, स्वस्थ होने की दर के 50% का आंकड़ा पार करने के बाद जून 2020 के मध्य से रोगियों के ठीक होने की संख्या में लगातार वृद्धि और सक्रिय मामलों की संख्या में निरंतर गिरावट देखी जा रही है। कोविड-19 के कुल रोगियों में से अब तक 63.25% रोगी ठीक हो चुके हैं। इसके साथ ही, जून 2020 के मध्य में लगभग 45% सक्रिय मामलों में से आज अभी तक यह घटकर लगभग 34.18% तक पहुंच गई है।
पिछले 24 घंटों में कोविड संक्रमण से कुल 20,783 लोग ठीक हुए हैं जिससे इस बीमारी से ठीक होने वाले लोगों की कुल संख्या 6,12,814 हो गई है। इस बीमारी से ठीक होने वालों और इससे ग्रसित लोगों की संख्या के बीच का अंतर बढ़कर 2,81,668 हो गया है। कोविड-19 से संक्रमित लोगों के उपचार के लिए अस्पताल के बुनियादी ढांचे में श्रेणी I के तहत 1381 समर्पित कोविड अस्पताल, श्रेणी II के तहत 3100 समर्पित कोविड देखभाल केंद्र, श्रेणी III के तहत 10,367 कोविड देखभाल केंद्र शामिल हैं। इन सभी अस्पतालों में कुल मिलाकर 46,666 आईसीयू बेड हैं। केंद्र और राज्यों के बीच सहयोगात्मक रणनीति से यह भी सुनिश्चित हुआ है कि देश में कोविड मामलों में वृद्धि प्रतिबंधित क्षेत्र तक ही सीमित है। केवल दो राज्य- महाराष्ट्र और तमिलनाडु में ही देश में कोविड के कुल सक्रिय मामलों का 48.15% हिस्सा है। कुल 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से केवल 10 राज्य में ही कुल सक्रिय मामलों का 84.62% हिस्सा मौजूद है। केंद्र सरकार इस बीमारी की रोकथाम और इससे पीड़ित लोगों के प्रभावी नैदानिक प्रबंधन के मामलों में इन 10 राज्यों को लगातार मदद कर रही है।
डॉ. हर्षवर्धन ने एम्स दिल्ली की राजकुमारी अमृत कौर ओपीडी ब्लॉकका उद्घाटन किया
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज यहां राज्यमंत्री (एचएफडब्ल्यू) श्री अश्विनी कुमार चौबे के साथ एम्स,नई दिल्ली के राजकुमारी अमृत कौर ओपीडीब्लॉक का उद्घाटन किया। इस अवसर पर एम्स के निदेशक प्रो. आर. गुलेरिया और एम्स के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। डॉ. हर्षवर्धन ने इस अवसर पर इस बात पर खुशी जताई कि नई ओपीडी का नाम प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी और देश की पहली स्वास्थ्य मंत्री श्रीमती राज कुमारी अमृत कौर के नाम पर रखा गया है। कोविड-19 के खिलाफ देश के सामूहिक प्रयासों के बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे हम महामारी के खिलाफ लड़ाई जीतने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि कोविड से पीड़ित रोगियों में 2 प्रतिशत से कमआईसीयू में भर्ती हैं। हमारे लैब नेटवर्क को मजबूत किया गया है। उन्होंने कहा कि हमने प्रयोगशालाओं की संख्या में तेजी से वृद्धि की है जो जनवरी 2020 में महज एक से बढ़कर आज1234 हो गई हैं। आज की तारीख में हमप्रति दिन 3.26 लाख से अधिक नमूनों का परीक्षण कर रहे हैं। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि इस क्षमता को आने वाले 12 हफ्तों में प्रति दिन 10 लाख परीक्षणों तक बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह उपचार के बाद स्वस्थ होने के उत्तरोत्तर बढ़ते मामलों और ठीक होने वाले लोगों की संख्या तथा संक्रमित मामलों के बीच बढ़ती खाई (2,81,668)के साथ मेल खाता है। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि यह आंकड़ा दर्शाता है कि ‘संपूर्ण सरकार’ की कार्यनीति के तहत अपनाए गए एक ग्रेडेड और सक्रिय दृष्टिकोण के अंतर्गत उठाए गए कदमों का सकारात्मक असर दिखने लगा है।
डॉ. हर्षवर्धन ने एम्स के निदेशक और अन्य अधिकारियों को भी निर्देश दिया कि वे जच्चा-बच्चा विभाग,बुजुर्ग विभाग और सर्जरी विभाग का संचालन जल्द शुरू करें ताकि लोग जल्द से जल्द स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकें। उन्होंने अधिकारियों और विभागाध्यक्षों से आग्रह किया कि वे प्रत्येक विभाग में विस्तृत और सामूहिक विचार मंथन सत्र करें जिसमें उन अभिनव कदमों का मूल्यांकन किया जाए जो यह सुनिश्चित करने के लिए उठाए जा सकते हैं कि एम्स नई दिल्ली में आने वाले सभी रोगियों को बेहतरीन स्वास्थ्य सेवा मिले। उन्होंने कहा कि देखभाल की खराब / घटिया गुणवत्ता और मरीजों की असुविधा कतई बर्दाश्त नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने उनसे विचार-मंथन करने और रोगी के अनुकूल सुधारों का प्रस्ताव देने का आग्रह किया।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्यमंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे ने अत्याधुनिक न्यू ओपीडी भवन के निर्माण में शामिल पूरी टीम को धन्यवाद दिया और आशा व्यक्त की कि यह निश्चित रूप से रोगी देखभाल सुविधाओं को बढ़ावा देगा। उन्होंने कहा कि देश के हर हिस्से के नागरिकों को एम्स दिल्ली में भरोसा है क्योंकि यह देखभाल की सर्वोत्तम गुणवत्ता प्रदान करता है और एम्स को इस शानदार परंपरा को बरकरार रखना चाहिए। श्री चौबे ने कोरोना योद्धाओं के लिए उच्च सम्मान जाहिए किए जिन्होंने कोविड-19 के खिलाफ संघर्ष में अपने जीवन का बलिदान दिया है।
मंत्रियों ने कई ओपीडी का निरीक्षण किया और मरीजों से बातचीत कर मिल रही सुविधाओं का जायजा लिया।
लगभग 6300 वर्गमीटर के क्षेत्र में निर्मित राजकुमारी अमृता कौर ओपीडी भारत का सबसे बड़ा ओपीडी है। नए आरएके ओपीडी ब्लॉक में स्मार्ट लैब भी है जिसे 15 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। यह एक एकल एकीकृत वर्कफ़्लो में विभिन्नविश्लेषकों और प्रौद्योगिकियों को जोड़ता है। यहाँपूर्व-विश्लेषणात्मक, विश्लेषणात्मक और विश्लेषण के बाद की स्थितिसभी एक रोबोट ट्रैक के जरिए भौतिक रूप से जुड़े हुए हैं और तकनीकी रूप से एकीकृत हैं। इसमें प्रतिदिन 2 लाख परीक्षणों तक विस्तार किए जाने की क्षमता है। प्रति दिन 10,000 से अधिक रोगियों की जांच क्षमता के साथ यह एशिया प्रशांत में इस तरह के ट्रैक-आधारित प्रयोगशाला स्वचालन प्रतिष्ठानों में से एक है और इसे एक वर्ष से भी कम समय में शुरू किया गया है।