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कोविड-19-रक्षा मंत्री ने आयुध निर्माणी बोर्ड के सहयोग तथा उनकी परिचालन योजनाओं की समीक्षा की

नई दिल्ली । रक्षा मंत्री  राजनाथ सिंह ने आज यहां वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में रक्षा  क्षेत्र की सार्वजनिक इकाइयों (डीपीएसयू) और आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) के सहयोग तथा उनकी परिचालन योजनाओं की समीक्षा की।श्री सिंह ने रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा कोविड-19 से लड़ने के लिए नए उत्पादों के निर्माण में प्रदर्शित अभिनव कौशल और स्थानीय प्रशासन को कई रूपों में प्रदान की गई सहायता की सराहना की।

रक्षा मंत्री ने इन इकाइयों को लॉकडाउन खत्म होने के बाद फिर से काम शुरु करने के लिए जरुरी योजना तैयार करने का निर्देश दिया ताकि लॉकडाउन की वजह से बर्बाद हुए काम की भरपाई की जा सके और उत्पादन शुरु किया जा सके। अर्थव्यवस्था को लॉकडाउन के बाद पुनर्जीवित करने की प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की योजनाओं का उल्लेख करते हुए, श्री सिंह ने कहा कि रक्षा क्षेत्र के निजी उद्योगों के साथ-साथ डीपीएसयू आर्थिक पुनरुद्धार में एक प्रमुख भूमिका निभा सकते हैं।

रक्षा मंत्री ने रक्षा मंत्रालय के रक्षा उत्पादन विभाग,ओएफबी और डीपीएसयू की ओर से पीएम केयर्स में 77 करोड़ रूपए दान दिए जाने की सराहना की। यह रकम कर्मचारियों के एक दिन के वेतन और कंपनियों के सीएसआईआर फंड से जुटाई गई।यह सूचित किया गया है कि अप्रैल 2020 के दौरान डीपीएसयू की ओर पीएम केयर्स मे और भी योगदान किया जा सकता है।

कॉन्फ्रेंस के दौरान,  बोर्ड ने बताया कि उसके 41विनिर्माण स्थानों में से किसी में भी पॉजिटिव का कोई मामला सामने नहीं आया है। बोर्ड की ओर से यह जानकारी भी दी गई कि कोविडके खिलाफ लड़ाई में उसकी ओर से 100से अधिक वेंटिलेटरों की मरम्मत, 12,800कवरआल सूट का उत्पादन, पीपीई के परीक्षण के लिए स्थानिक मशीनों का विकास, स्थानीय अधिकारियों को 6.35लाख मास्क की आपूर्ति,कोविड रोगियों के लिए अरुणाचल प्रदेश को 340विशेष टेंटों की आपूर्ति और एक 1लाख लीटर हैंड सैनिटाइजर इत्यादि वितरित किए गए हैं। बोर्ड ने 10 स्थानों पर अपने अस्पतालों में 280आइसोलेशन बेड लगाए हैं। इसके अलावा, एचएएल ने कोविड रोगियों के लिए बेंगलूरु में 93आइसोलेशन बेड की व्यवस्था की है।

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने मई 2020 में 12,000वेंटिलेटर और जून में और 18,000वेंटिलेटर बनाने की व्यवस्था की है। इन वेंटिलेटर को संचालित करने में स्वास्थ्य पेशेवरों के प्रशिक्षण में लगभग 3,000 इंजीनियर भी भाग लेंगे।

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने 300एयरोसोल कैबिनेटों का निर्माण किया है और उनकी विभिन्न अस्पतालों में आपूर्ति की है। इसने 56,000 मास्क वितरित किए हैं और प्रवासी मजदूरों को सहायता प्रदान की है। इसके अलावा कंपनी ने कोविड रोगियों के लिए बेंगलूरु में 93आइसोलेशन बिस्तरों की व्यवस्था भी की है। एचएएल के कर्मचारियों के बीच कोरोना संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है।

भारत डायनामिक्स लिमिटेड (बीडीएल) भी वेंटिलेटर के लिए डिजाइन को अंतिम रूप देने और इसका प्रोटोटाइप बनाने के लिए प्रख्यात वैज्ञानिकों के साथ काम कर रहा है।

मझगावं डॉ शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) ने मुंबई के नौसेनिक क्वारंटाइन केन्द्र  को पाँच लाख रुपये की पीपीई और दवाइयाँ उपलब्ध करवाई हैं और 4,000लीटर सैनिटाइज़र वितरित किया है।

नॉन रेड जोन में स्थित ओएफबी और डीपीएसयू की कई इकाइयां पहले से ही परिचालन शुरू कर चुकी हैं। लगभग सभी डीपीएसयू ने लॉकडाउन हटने के बाद उत्पादन में तेजी लाने के लिए तीन शिफ्टों में काम करने और सप्ताह में पांच दिनों की बजाए छह दिन काम करने की योजना बनाई है। सभी इकाइयों में सामाजिक दूरी बनाए रखने तथा स्वास्थ्य संबधी दिशानिर्देशों का पालन करते हुए काम किया जाएगा।

वीडियो कॉन्फ्रेंस में रक्षा उत्पादन विभाग के सचिव श्री राज कुमार,विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी,ओएफबी,बीईएल,एचएएल,एमडीएल,भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड,गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड,  हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड, मिधानी मिश्रधातु निगम लिमिटेड और गोवा शिपयार्ड लिमिटेड के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

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