केजरीवाल ने कहा- निजामुद्दीन मरकज से 1,500 लोग निकाले गए, आयोजकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
नयी दिल्ली । दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने मंगलवार को कहा कि यहां निजामुद्दीन मरकज से 1,548 लोगों को निकाला गया है जिनमें से 441 को कोरोना वायरस के लक्षण दिखने के बाद अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। मुख्यमंत्री ने डिजिटल संवाददाता सम्मेलन में कहा कि निजामुद्दीन (पश्चिम) में धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हुए 1,107 लोगों को पृथक रखा गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में कोरोना वायरस के 97 मामलों में से 24 लोग वे हैं जो इस महीने के शुरू में धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हुये।
केजरीवाल ने कार्यक्रम के आयोजकों की निन्दा की और कहा कि इन लोगों ने महामारी के चलते दूसरे देशों में हजारों लोगों की मौत को देखते हुए ऐसे समय में इस तरह का धार्मिक कार्यक्रम आयोजित कर बहुत ही ‘‘गैर जिम्मेदाराना’’ काम किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार आयोजकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए पहले ही उपराज्यपाल अनिल बैजल से सिफारिश कर चुकी है। उन्होंने कहा कि निजामुद्दीन इलाके में हुई इस घटना को लेकर अधिकरियों की किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि शहर में कोरोना वायरस के 97 मामलों में से 86 रोगियों की हालत स्थिर है। दो लोगों को ऑक्सीजन दी जा रही है और एक अन्य को वेंटिलेटर पर रखा गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार लगभग 3,775 स्कूलों और रैन बसेरों से बुधवार से लगभग 10-12 लाख लोगों को भोजन के पैकेट बांटने शुरू करेगी। केजरीवाल ने कहा कि हालांकि भोजन के लिए इतनी बड़ी संख्या में लोगों के आने की संभावना नहीं है, लेकिन अधिक वितरण बिन्दु भौतिक दूरी बनाए रखने में मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि मदद की कोशिश कर रहे उद्योगपतियों को मेडिकल स्टाफ के लिए रक्षात्मक उपकरण, जांच किट और वेंटिलेटर दान करने में मदद करनी चाहिए जिनकी इस समय सर्वाधिक आवश्यकता है।
भोपाल में पूरी तरह लॉकडाउन शहर की सीमाओं को किया सील, मैरिज गार्डनों और धर्मशालाओँ को बनाया क्वारेंटाइन सेंटर
भोपाल । मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की सभी सीमाएं सील कर दी गई हैं। अब आसपास के जिलों से न तो कोई आ पाएगा और न ही भोपाल से कोई जा पाएगा। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पूरे शहर को चार भागों में बांटकर टोटल लॉक डाउन कर दिया गया है। जिला प्रशासन ने आदेश जारी कर भोपाल शहर को नए और पुराने शहर सहित कोलार और बैरागढ़ मिलाकर चार भागों में बांटा गया है। शहर में चार व दो पहिया वाहन भी सड़क पर उतारने पर प्रतिबंध रहेगा। वाहन उतारा तो लायसेंस निरस्त होगा और वाहन भी अधिग्रहित कर लिया जाएगा। सिर्फ वे ही लोग अपने वाहन से शहर में घूम सकेंगे जिन्हें प्रशासन ने पास जारी किया है।
जिले की सीमाओं को सील करने के बाद सोमवार शाम को शहर की सीमा पर पहुंचे 16 लोगों को 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन सेंटर में भेजा गया है। शुरुआत में इनको मैरिज गार्डन और धर्मशाला में रखने की योजना थी, लेकिन संक्रमण की आशंका के चलते कोलार रोड पर स्थित एडवांस मेडिकल कॉलेज में रखा गया है। ये सभी लोग भोपाल के रहने वाले हैं। जिला प्रशासन ने बताया कि सोमवार से शहर में बाहर से आने वाले लोगों को घर जाने से पहले 14 दिन क्वारेंटाइन रखा जाएगा। यदि कोई भी व्यक्ति राजधानी की सीमा में आता है, तो उसे घर जाने से पहले प्रशासन द्वारा तय किए गए भवनों में 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन किया जाएगा। कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने बताया कि शहर की चारों सीमाओं पर पुलिस और प्रशासन की टीमों को लगाया गया है। आने वाले लोगों की मेडिकल जांच कराई जा रही है। इसके बाद ही शहर में प्रवेश दिया जाएगा, लेकिन इन लोगों को पहले क्वारेंटाइन में रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि धर्मशाला, सामुदायिक भवन में व्यवस्था बनाई जा रही है।
कोरोना के मद्देनजर सीहोर, उज्जैन, देवास और इंदौर की ओर से आने वालों की निगरानी के लिए भोपाल पुलिस ने 11 मील बायपास पर चैक पॉइंट बनाया है, जहां से दूसरे शहरों में जाने वालों की भोपाल में एंट्री पूरी तरह से बंद कर दी गई है। यहां से सिर्फ भोपाल के लोगों को प्रवेश दिया जा रहा है। चैक पॉइंट पर प्रवेश से पहले सभी की स्क्रीनिंग की जा रही है, जिसके लिए डॉक्टर्स की टीम 8-8 घंटे की शिफ्ट में ड्यूटी पर दे रहे हैं। इसके अलावा प्रशासन द्वारा जारी किए गए पास देखने के साथ ही आने कारण भी पूछा जा रहा है। वही दूसरे राज्यों से आने वाले मजदूर और अन्य लोगों के लिए शहर की सीमा में किसी तरह के जांच की व्यवस्था अभी तक नहीं थी। जिसको देखते हुए मिसरोद थाना पुलिस ने शहर में प्रवेश करने वाले 35 लोगों को सुरक्षा की दृष्टि से मैरिज गार्डन में रुकाया है। साथ ही इनके खाने-पीने की पूरी व्यवस्था की गई है। थाना प्रभारी निरंजन शर्मा का कहना है कि उन्होंने क्षेत्र के 3 मैरिज गार्डन अधिग्रहित किए हैं, ताकि विपरीत परस्थितियों में दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों को क्वारंटाइन किया जा सके। जिन 35 लोगों को मैरिज गार्डन में ठहराया गया है उनकी प्रोटोकॉल के मुताबिक जांच नहीं हो पाई है। जबकि शहर खाद्यान की कमी न हो इसको लेकर शाम 8 बजे बड़े वाहनों की एंट्री होगी और 12 बजे के पहले किराना व अन्य सामान वाला ट्रक रवाना कर दिया जाएगा। यह व्यवस्था 14 अप्रैल तक लागू रहेगी।
जिला प्रशासन ने बताया कि विदेश से आने वाले विद्यार्थीयों को ईएमई सेंटर बैरागढ़ में रखा जाएगा। अभी तक प्रदेश के 500 छात्र-छात्राएं और अन्य ऐसे लोग जो विदेश में फंसे हुए हैं, उनका जल्द ही रेस्क्यू किया जाएगा। इन सभी को सेना के मालवाहक जहाज से भोपाल लाया जाएगा। भोपाल के थ्री ईएमई सेंटर में इनके लिए 500 बेड का अस्पताल तैयार किया गया है। जहां इन्हें 14 दिन तक क्वारेंटाइन किया जाएगा। इतना ही नहीं अगर इस बीच किसी में कोरोना के लक्षण दोबारा दिखाई देते हैं तो उन्हें 28 दिन तक यहां आइसोलेट किया जाएगा। इसके बाद स्वस्थ्य होने पर इन्हें रवाना किया जाएगा। पहले तो यह विशेष विमान 22 मार्च तक भोपाल आने वाला था, लेकिन भारत सरकार की स्वीकृति न मिलने से फिलहाल मामला अटका हुआ है। दो अप्रैल तक इस फ्लाइट के भोपाल पहुंचने की उम्मीद है। इनके लिए सेना के अधिकारियों की सतर्क निगरानी में आईसोलेट किया जाएगा।