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सर्प से स्वयं व परिवार को रखें सुरक्षित, सर्पदंश होने पर कराए तत्काल चिकित्सा’

वर्षा ऋतु में सांप काटने की समस्या अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक बढ़ जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में सांप के काटने पर उचित जानकारी के अभाव में लोग अक्सर झाड़-फूंक और ओझा पर विश्वास कर लेते हैं, जिससे कई बार लोगों की मृत्यु हो जाती है। छत्तीसगढ़ के मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर आर.एस. सेंगर ने जानकारी दी है कि अप्रैल 2024 से अब तक सांप काटने की 80 प्रकरण आए हैं, जिसमें 5 लोगों की मृत्यु हुई है। सभी स्वास्थ्य केंद्रों में पर्याप्त मात्रा में एंटी स्नैक वेनो इंजेक्शन की व्यवस्था की गई है। आम लोगों को सर्पदंश के उपचार एवं प्रबंधन की उचित जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है।

’सर्पदंश होने पर क्या करें :

सबसे पहले जिसे सांप ने काटा है, उसे धीरज दिलाएं, मरीज को स्थिर रखें, घाव को पानी से धोएं, घाव को साफ कपड़े से ढंक दें, कपड़े ढीले कर दे, आभूषण निकाल दें, हिलने-डुलने न दें, घाव के ऊपर-नीचे टोनिरकेट नहीं लगाएं, तुरंत अस्पताल ले जाएं।

’सर्पदंश होने पर क्या न करें :

व्यक्ति को बेहोश न होने दें। मरीज की झाड़-फूंक न करवाएं। जहां सांप ने काटा है, उस जगह पर न तो चीरा लगाएं और न ही जहर चूसें। काटने वाली जगह पर रूमाल, कपड़ा, रस्सी जैसा कुछ न बांधें। दर्द कम करने के लिए पेन किलर या अल्कोहल जैसी चीजें बिल्कुल न दें।

सर्पदंश से कैसे बचें :

यदि आप कोई सांप देखें तो उसे न छेड़ें, वो आपसे खुद ही दूरी बना लेगा। झाड़ियों या फसलों में हाथ या पैर डालने से पहले लकड़ी या डंडे से टटोल लें। रात में हमेशा टार्च की मदद से घर और बाहर दोनों जगह को अच्छी तरह देख कर काम करें। घर के आसपास साफ़-सफाई रखें और चूहों को न रहने दें, सांप चूहों से आकर्षित होते है। रास्तों और पगडंडियों को गिरी हुई पत्तियों और घास-फूस से मुक्त रखें। घर के बाहर हमेशा जूते या चप्पल पहन कर काम करें। जमीन में न सोएं और मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। वीएनएस

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