State

वकालत पेशे में गुरू-शिष्य परम्परा सर्वोपरि – न्यायमूर्ति अशोक

वाराणसी, जनवरी ।वकालत पेशे में गुरु शिष्य परम्परा सर्वोपरि रही है लेकिन वर्तमान में इस पेशे में आ रहे वकीलो का प्रशिक्षण समाप्त होने से यह परंपरा समाप्त हो रही है जिससे सौहार्द भी नही बन पा रहा है। यह उद्गार इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अशोक कुमार ने सेंट्रल बार एसोसिएशन के निर्वाचित पदाधिकारियों के शपथग्रहण समारोह में शनिवार को व्यक्त किया। इस अवसर पर न्यायमूर्ति ने कहा कि समाज के प्रति कर्तव्यों को निभाये बिना अच्छा वकील नही बना जा सकता है ।मुवक्किल यह अपेक्षा करता है कि उसे शीघ्रातिशीघ्र न्याय मिले, इसके लिए चिकित्सा पेशे से प्रेरणा लेने की जरूरत पर उन्होंने बल दिया। न्यायमूर्ति ने सेंट्रल बार अध्यक्ष प्रेमशंकर पांडेय वरिष्ठ उपाध्यक्ष कृपाशंकर सिंह,महामंत्री शैलेन्द्र सिंह बबलू,सुनील मिश्र,विपिन पाठक,साधना सिंह,राकेश पांडेय समेत 22 सदस्यीय कार्यकारिणी को शपथ दिलाई। मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति समेत मंचस्थ अतिथियों को स्मृति चिन्ह और अंगवस्त्रम देकर बार की तरफ से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में बार कौंसिल के उपाध्यक्ष प्रशान्त सिंह अटल, सदस्य अरुण कुमार त्रिपाठी,जिला जज यूसी शर्मा, एल्डर्स कमेटी के चेयरमैन दीनानाथ सिंह,सीजेएम रणविजय सिंह,बनारस बार अध्यक्ष मोहन सिंह यादव,महामंत्री अरुण सिंह झप्पू,सौरभ श्रीवास्तव,कृपाशंकर सिंह,रंजन मिश्र,सुनील मिश्र,कुलदीप पांडेय,अमित मालवीय, न्यायमूर्ति की पत्नी,निवर्तमान अध्यक्ष व महामंत्री शिवपूजन गौतम व बृजेश मिश्र समेत अधिवक्ताओ से बार सभागार भरा रहा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
%d bloggers like this: