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जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन अध्यक्ष रोंगा को पुलिस ने किया गिरफ्तार भेजा जम्मू

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता नजीर रोंगा के परिवार ने गुरुवार को दावा किया कि बुधवार रात पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया और जम्मू स्थानांतरित किया गया है।परिवार ने दावा किया कि श्री रोंगा पर सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत मामला दर्ज किया गया है, जो सरकार को किसी व्यक्ति को बिना मुकदमे के एक साल तक हिरासत में रखने की अनुमति देता है।

जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष के पुत्र उमैर रोंगा ने यूनीवार्ता से कहा, “हमें पुलिस ने बताया है कि उन पर पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया है और उन्हें जम्मू जेल में स्थानांतरित कर दिया गया है।”इससे पहले दिन में, उमैर ने कहा कि पुलिस ने कल देर रात उनके घर पर छापेमारी के दौरान उनके पिता को घर से गिरफ्तार किया। श्री उमैर श्रीनगर उच्च न्यायालय में एक वकील हैं।उमैर रोंगा ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट किया, “ मेरे पिता एवं अधिवक्ता जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एन.ए. रोंगा को हाल ही में एक घटनाक्रम के मामले में गिरफ्तार किया गया है।

जम्मू-कश्मीर पुलिस कल देर रात एक बजकर 10 मिनट पर बिना किसी गिरफ्तारी वारंट के हमारे घर पहुंची और पुलिस ने केवल इतना कहा, गिरफ्तारी का ऊपर से आदेश आया है।”उन्होंने कहा कि “हम सदमे और गहरे संकट की स्थिति में हैं। हम केवल यह आशा कर सकते हैं कि यह जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के सदस्यों को डराने-धमकाने के लिए पीएसए के दुरुपयोग का एक और उदाहरण प्रस्तुत नहीं किया जाएगा।” वरिष्ठ अधिवक्ता रोंगा की गिरफ्तारी पर जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अभी तक कोई बयान जारी नहीं किया है।

पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वरिष्ठ अधिवक्ता रोंगा उसके ‘दमनकारी कार्रवाई” का नवीनतम शिकार है।एक्स पर एक पोस्ट पर कहा “जम्मू-कश्मीर में हिंसा बेरोकटोक जारी है, वह भी उन क्षेत्रों में जहां शायद ही कभी आतंकवाद देखा गया हो। हर रोज जवान शहीद हो रहे हैं। केन्द्र सरकार न केवल आतंकवाद को समाप्त करने में विफल रही है, बल्कि असहाय कश्मीरियों पर क्रूर कार्रवाई शुरू करके अपनी हताशा व्यक्त कर रही है। अधिवक्ता नज़ीर रोंगा इसके दमनकारी कृत्यों का नवीनतम शिकार है।

”हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष की गिरफ्तारी वकीलों द्वारा संविधान से एक पैराग्राफ हटाने और ‘कश्मीर विवाद का शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में काम करने’ के आह्वान के कुछ दिनों बाद हुई है।जम्मू-कश्मीर सरकार ने 2020 से बार को उसकी कथित ‘अलगाववादी विचारधारा’ का हवाला देते हुए निषेधाज्ञा धार 144 आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के तहत चुनाव कराने की अनुमति नहीं दी है।गौरतलब है कि पिछले महीने बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष मियां कयूम को 2020 में अधिवक्ता बाबर कादरी की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था।(वार्ता)

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