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जम्मू और कश्मीर,हरियाणा 2022 तक प्रत्येक परिवार को नल का पानी उपलब्ध कराएगा

नई दिल्ली । जम्मू और कश्मीर ने जल जीवन मिशन (जेजेएम्) के तहत दिसंबर, 2022 तक सभी ग्रामीण परिवारों को पानी की आपूर्ति के लिए नल का कनेक्शन प्रदान करने की योजना बनाई है। वर्तमान वर्ष के दौरान, केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) 3 जिलों – गंदरबल, श्रीनगर और रायसी के सभी 5,000 गांवों के 100 प्रतिशत कवरेज के लिए योजना बना रहा है।

यूटी के अधिकारियों ने जेजेएम के तहत प्रत्येक परिवार को नल द्वारा जल आपूर्ति से सम्बंधित अपनी कार्ययोजना कल पेयजल और स्वच्छता विभाग को पेश की। यूटी के अधिकारियों ने कहा कि यूटी में 18.17 लाख घर हैं, जिनमें से 5.75 लाख घरों को पहले ही चालू घरेलू नल कनेक्शन (एफएचटीसी) दिए जा चुके हैं। शेष घरों में से 1.76 लाख घरों को 2020-21 तक नल का कनेक्शन उपलब्ध कराने की योजना है।

इस वित्तीय वर्ष के लिए संघ शासित प्रदेश को जेजेएम के तहत केंद्र के हिस्से के रूप में 680 करोड़ रुपये मिलने की संभावना है। केंद्र शासित प्रदेश, भौतिक और वित्तीय प्रदर्शन के आधार पर अतिरिक्त आवंटन के योग्य है। यूटी प्रशासन दिसंबर 2022 तक 100 प्रतिशत कवरेज की योजना बना रहा है, जबकि राष्ट्रीय लक्ष्य 2024-25 के लिए निर्धारित किया गया है। प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नल कनेक्शन प्रदान करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को पूरा करने के बाद जे एंड के का नाम एक प्रमुख उदाहरण की तरह लिया जायेगा।

संघ शासित प्रदेश ने चालू वर्ष के दौरान 98 जल परीक्षण प्रयोगशालाओं में से 10 प्रयोगशालाओं को एनएबीएल मान्यता दिलाने की योजना बनाई है। पानी की गुणवत्ता के परीक्षण के लिए सामुदायिक स्तर पर फील्ड परीक्षण किट प्रदान किए जाएंगे। इसके आधार पर सुधारात्मक उपाय किये जाएंगे। यूटी प्रशासन ने सभी 4 गुणवत्ता-प्रभावित बस्तियों को पीने का पानी उपलब्ध कराने की योजना बनाई है। समुदाय में स्वामित्व की भावना को बढ़ाने के लिए गांवों में ग्राम जल और स्वच्छता समितियों के गठन पर जोर दिया जा रहा है। गाँवों के लिए ग्राम कार्य योजनाएँ चलाई गई हैं, जिसके आधार पर उपरोक्त कार्य योजना को अंतिम रूप दिया गया है।

कोविड  -19 महामारी के इस कठिन समय के दौरान, ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू नल कनेक्शन प्रदान करने के प्रयासों से जीवन जीने में आसानी होगी खासकर महिलाओं और लड़कियों को कठिन परिश्रम से निजात मिलेगी और उन्हें सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जीने में मदद मिलेगी।

‘जल जीवन मिशन’ (जेजेएम) का उद्देश्य देश के प्रत्येक ग्रामीण परिवार को पीने के पानी के लिए एक एफएचटीसी उपलब्ध कराना है ताकि परिवार को किफायती दर पर निर्धारित गुणवत्ता के अनुरूप और नियमित रूप से पर्याप्त मात्रा में पीने के पानी मिल सके जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार हो सके।

केंद्र सरकार का यह प्रयास है कि वर्त्तमान कोविड-19 स्थिति के दौरान प्राथमिकता के आधार पर ग्रामीण घरों में पानी के नल कनेक्शन प्रदान किये जाएँ, ताकि ग्रामीण लोगों को सार्वजनिक जगहों से पानी लाने और बड़ी कतार में खड़े होने की कठिनाई से गुजरना न पड़े। ।

सरकार कोविड-19 महामारी के कारण ग्रामीण समुदायों व समाज के गरीब और हाशिए पर रहने वाले लोगों को उनके घर में ही नल कनेक्शन के माध्यम से पानी की आपूर्ति उपलब्ध कराना चाहती है ताकि उन्हें संक्रमित होने से सुरक्षित रखा जा सके। उन्हें पानी लाने के लिए  सार्वजनिक जगहों पर जाना नहीं पड़े और वे सामाजिक दूरी बनाये रखने के मानदंडों का पालन करते हुए अपने आप को सुरक्षित रख सकें।

राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों को प्राथमिकता के आधार पर पेयजल से संबंधित कार्य करने के लिए परामर्श जारी किए गए हैं ताकि ग्रामीण परिवारों को जल आपूर्ति के लिए नल कनेक्शन की सुविधा प्रदान करने के साथ-साथ स्थानीय लोगों और प्रवासी श्रमिकों के लिए रोजगार के अवसर पैदा हो सकें। पिछले 3 महीनों में, राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श किये गए हैं, जिसमें प्रत्येक गाँव की जलापूर्ति योजनाओं का विश्लेषण किया गया है ताकि परिवारों को नल कनेक्शन प्रदान किये जा सकें।

हरियाणा में दिसंबर 2022 तक सभी ग्रामीण परिवारों को पाइप लाइन के जरिए नल का पानी पहुंचाने की तैयारी हो रही है। राज्य ने जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत 2019-20 में 1.05 लाख नल कनेक्शन उपलब्ध कराए हैं। अब राज्य सरकार 2024-25 के लिए निर्धारित राष्ट्रीय लक्ष्य से पहले दिसंबर 2022 तक ग्रामीण परिवारों को 100 प्रतिशत नल कनेक्शन उपलब्ध कराने की योजना बना रही है। ऐसा करके हरियाणा प्रत्येक ग्रामीण परिवार तक नल कनेक्शन प्रदान करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को पूरा करने वाले अग्रणी राज्यों मे से एक हो जाएगा।

जेजेएम के तहत हर घर तक नल से जल आपूर्ति के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कल राज्य के अधिकारियों ने पेयजल और स्वच्छता विभाग को एक कार्य योजना प्रस्तुत करते हुए बताया कि हरियाणा में 28.94 लाख परिवार हैं, जिनमें से 18.83 लाख परिवारों को पहले से नलों के जरिए पीने का पानी उपलब्ध कराया जा चुका है। शेष 10.11 लाख घरों में से 2020-21 तक 7 लाख घरों में नल कनेक्शन देने की योजना है।

मौजूदा वर्ष राज्य सरकार ने एक जिले और कुल 6,987 गाँवों में से 2,898 गाँवों में नल के जरिए घरों तक पीने का पानी पहुंचाने का काम सौ फीसदी पूरा करने की योजना बनाई है। इसमें सूखा संभावित क्षेत्रों और आकांक्षी जिलों पर विशेष ध्यान दिया गया है। राज्य को इस वित्त वर्ष के लिए जेजेएम के तहत केंद्रे से मिलने वाले हिस्से के रूप में 290 करोड़ रुपये प्राप्त होने की संभावना है। राज्य की ओर से भी योजना के लिए इतनी ही राशि दी जाएगी। राज्य के पास भौतिक और वित्तीय प्रदर्शन के आधार पर अतिरिक्त आवंटन की मांग का अधिकार है।

राज्य ने 44 जल परीक्षण प्रयोगशालाओं में से, चालू वर्ष के दौरान 18 प्रयोगशालाओं के लिए एनएबीएल से मान्यता प्राप्त करने की योजना बनाई है। सुधारात्मक उपाय करने के लिए पानी की गुणवत्ता के परीक्षण के लिए सामुदायिक स्तर पर फील्ड परीक्षण किट प्रदान किए जाएंगे। राज्य ने सभी 35 गुणवत्ता-प्रभावित बस्तियों में पीने का पानी उपलब्ध कराने की योजना बनाई है।

प्रत्येक ग्राम पंचायत में ग्राम स्तर पर नियोजन के लिए जीपी या उनकी उप-समिति यानी ग्राम जल और स्वच्छता समितियों का गठन किया गया है। गाँवों के लिए ग्राम कार्य योजनाएँ चलाई गई हैं, जिसके आधार पर कार्य योजना को अंतिम रूप दिया गया है। मुख्यमंत्री ने हाल ही में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचईडी) के डैशबोर्ड का शुभारंभ किया है जिसमें गांवों, नल के कनेक्शन और वित्तीय प्रगति आदि का विवरण वास्तविक समय के आधार पर देखा जाता है।

कोविड  महामारी के इस कठिन समय के दौरान, ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू नल कनेक्शन देने के इस तरह के प्रयासों से निश्चित रूप से महिलाओं और लड़कियों के लिए जीवन सुगम बनेगा और उन्हें सुरक्षित बनाने तथा सम्मानजनक जीवन जीने में मदद दी जा सकेगी।

भारत सरकार ने जल जीवन मिशन राज्यों के साथ मिलकर लागू कर रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि देश के प्रत्येक ग्रामीण परिवारों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए उन्हें पाइप लाइन के जरिए पीने का पानी किफायती दरों में पर्यापत मात्रा में और नियमित रूप से उपलब्ध कराया जा सके।

केंद्र सरकार का यह प्रयास है कि कोविड-19 के मौजदा हालात में  प्राथमिकता के आधार पर ग्रामीण घरों में नल कनेक्शन प्रदान किया जाए, ताकि ग्रामीण लोगों को सार्वजनिक स्थलों से पानी लाने के लिए बड़ी कतार में खड़े होने की कठिनाई से न गुजरना पड़े। । सरकार चाहती है कि ग्रामीण समुदाय कोविड-19 संक्रमण से सुरक्षित रहे और समाज के गरीब और वंचित तबकों को उनके घर परिसर के अंदर नल कनेक्शन के माध्यम से पानी की आपूर्ति उपलब्ध हो जाए जिससे सामाजिक दूरियों के नियम का पालन करते हुए उन्हें सार्वजनिक स्थलों पर पानी लाने जाने से रोका जा सके।  राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों को प्राथमिकता के आधार पर पेयजल से संबंधित कार्य करने के लिए आदेश जारी किए गए हैं ताकि ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन प्रदान करने के साथ-साथ स्थानीय लोगों और प्रवासी श्रमिकों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा हो सकें।

पिछले 3 महीनों के दौरान राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के परामर्श से व्यापक अभ्यास किया गया, जिसमें गांवों में नल कनेक्शन प्रदान करने के लिए हर गांव की जल आपूर्ति योजनाओं का विस्तृत विश्लेषण किया गया।

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