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जहांगीरपुरी खुलासा: अंसार को फोन करके बुलाया गया था मस्जिद के पास

जहांगीरपुरी हिंसा मामले में डिजिटल साक्ष्य पर ध्यान केंद्रित कर रही पुलिस

नई दिल्ली। उत्तर पश्चिमी जिले के जहांगीरपुरी हिंसा मामले की पूछताछ में यह खुलासा हुआ है कि शनिवार को जिस दौरान शोभायात्रा निकल रही थी, उस दौरान जहांगीरपुरी के सी ब्लॉक से ही उसके पास एक कॉल आई थी और कॉलर ने उसे मस्जिद के पास बुलाया था। इस कॉल के आते ही अंसार अपने 4-5 साथियों के साथ मस्जिद के बाहर पहुंचा और शोभायात्रा में चल रहे लोगो से बहस करने लगा और यहीं से माहौल बिगड़ गया था। ऐसे में अंसार को फोन करने वाले कॉलर का इस हिंसा से क्या कनेक्शन है, इसकी बारीकी से जांच की जा रही है। पुलिस ने अब उस कॉलर की भूमिका की जांच कर रही है। इसके लिए उससे भी पूछताछ करने की तैयारी है।

जांच में जुटी पुलिस टीम जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती पर हुई हिंसा का क्या कोई कनेक्शन है ? इसमें अंसार, असलम व सोनू अलावा और कौन-कौन से मुख्य किरदार हैं ? उनकी भूमिका क्या है ? पुलिस यह जानने में जुटी है। इसलिए पुलिस ने अंसार के साथ आए उन सभी साथियों के मोबाइल की कॉल डिटेल रिकॉर्ड भी खंगालनी शुरू कर दी है, जो भी उसके साथ शोभायात्रा के दौरान हुई हिंसा में मौजूद थे। पुलिस को यह शक है कि अंसार के साथ कुछ बाहरी लोग भी जहांगीरपुरी पहुंचे थे और मौजूद रिकॉर्ड के मुताबिक, अंसार का जन्म भले ही जहांगीरपुरी में हुआ हो, लेकिन उसकी पारिवारिक जड़ें पश्चिम बंगाल से जुड़ी हैं। वह पहले चाकू के साथ गिरफ्तार हो चुका है। उसपर आर्म्स एक्ट का मामला चल रहा है। यही नहीं उसके खिलाफ पांच अन्य मामले भी दर्ज हैं तो पुलिस यह जानना चाहती है कि उसके आपराधिक नेटवर्क के आखिरकार कौन-कौन से लोग करीबी हैं?

200 वीडियो फुटेज की हो रही है जांच

उधर जांच में जुटी पुलिस टीम के पास हिंसा से जुड़े करीब दो फुटेज आ चुके हैं। इसमें कुछ इलाके में लगे सीसीटीवी से जुड़े हैं तो कुछ लोगों द्वारा मोबाइल से बनाए गए हैं। वहीं कुछ ऐसे फुटेज हैं, जिन्हें सोशल मीडिया श्रोतों पर वायरल होने पर पुलिस के पास पहुंचे हैं। इन सभी की पुलिस की सोशल मीडिया मॉनिटरिंग टीम व साइबर सेल की टीम बारीकी से जांच कर रही है। अभी तक इस मामले में 24 लोगों की गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें एक महिला भी शामिल है। इस महिला पर सोमवार को आरोपी सोनू के घर पुलिस के पहुंचने पर पत्थर फेंकने का आरोप है। जबकि दो नाबालिग को भी पुलिस ने पकड़ा है। वहीं क्राइम ब्रांच की 14 टीमें जांच में जुटी हैं।

अबतक चार एफआईआर हुई दर्ज

अबतक जहांगीरपुरी हिंसा को लेकर कुल चार एफआईआर दर्ज हुई है। जिसमें से पहली एफआईआर हिंसा को लेकर थी। जिसमें शोभायात्रा के दौरान अचानक हुई बहसबाजी के दौरान हुए पथराव, आगजनी, वाहनों में तोड़फोड़ व पुलिस पर हमला से संबंधित हैं। वहीं दूसरी एफआईआर शोभायात्रा की मंजूरी नहीं लेने को लेकर दर्ज की गई है। जबकि तीसरी एफआईआर गोली चलाने वाले सोनू के घर पुलिस पर पत्थर फेंकने को लेकर हुई है। इसके अलावा चौथी एफआईआर सोनू को गिरफ्तार करने के बाद गोली चलाने व आर्म्स एक्ट के तहत हुई है।(हि.स.)

जहांगीरपुरी हिंसा मामले में डिजिटल साक्ष्य पर ध्यान केंद्रित कर रही पुलिस

राष्ट्रीय राजधानी के जहांगीरपुरी इलाके में हाल की हिंसा की घटनाओं की जांच के संदर्भ में दिल्ली पुलिस डिजिटल साक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित कर रही है।दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया कि जहांगीरपुरी इलाके में हाल में हुई हिंसा की घटनाओं से जुड़े अपराधियों का पता लगाने के लिए फोन विवरण, सीडीआर, वायरल वीडियो क्लिप, सोशल मीडिया अकाउंट और सीसीटीवी फुटेज पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। पुलिस उस पिस्तौल को उपलब्ध कराने वालों का भी पता लगाने में जुटी है जिसका इस्तेमाल घटना के दौरान किया गया था।इससे पहले पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा था कि ‘सोशल मीडिया पर अपलोड वीडियो फुटेज की प्रत्येक कोण से जांच की जा रही है।

उन्होंने जोर दिया कि प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से घटना से जुड़े तत्वों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी।उन्होंने बताया कि घटना के सिलसिले में दो आरोपियों सोनू (28) और शेख हमीद (36) को सोमवार को गिरफ्तार किया गया था। सोनू उर्फ इमाम उर्फ यूनुस जहांगीरपुरी के ब्लॉक सी का रहने वाला है, जिसे 17 अप्रैल को सोशल मीडिया पर प्रसारित एक कथित वीडियो में देखा गया था। बताया गया है कि सोनू ही वहीं व्यक्ति है जो नीले रंग के कुर्ते में पिस्तौल लिए नजर आ रहा है। वहीं दूसरे आरोपी कबाड़ का व्यवसाय करने वाले हमीद ने पूछताछ में खुलासा किया है कि उसने हिंसा के दौरान पथराव के लिए इस्तेमाल की बोतलें उपलब्ध करायी थी।पुलिस ने अब तक 25 लोगों को गिरफ्तार किया है।

जहांगीरपुरी हिंसा: फायरिंग करने वाले असलम को स्थानीय बदमाश गुल्ली ने मुहैया कराया असलहा

उत्तर पश्चिमी जिले के जहांगीरपुरी इलाके में तीन दिन पूर्व हुई हिंसा के मामले में ताजा खुलासा हुआ कि पुलिस पर गोली चलाने वाले आरोपित असलम को स्थानीय बदमाश गुल्ली ने हथियार मुहैया कराया था। गुल्ली भी जहांगीरपुरी के सी ब्लॉक का रहने वाला है। असलम से मिली इस जानकारी के बाद पुलिस अब गुल्ली को दबोचने के लिए उसके ठिकानों पर दबिश दे रही है।

पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार वीडियो में फिरोजी कुर्ते में गोली चलाता दिख रहा व्यक्ति पहचान लिया गया है। वह सोनू उर्फ यूनुस है। सोनू जहांगीरपुरी के सी ब्लॉक का रहने वाला है। उसे सोमवार को गिरफ्तार कर मंगलवार को कोर्ट में पेश किया गया। पुलिस का कहना है कि उसके पास मौजूद हथियार के बारे में जांच टीम जानकारी जुटा रही है। उसे गुल्ली ने कहां से असलहा दिलाया ? और इसके बदले में उसने कितनी रकम ली ? यह साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं।

दिल्ली पुलिस के पास यह इनपुट था कि जहांगीरपुरी की हिंसा के दौरान जिन हथियारों से गोलियां चली हैं वो यहां के स्थानीय बदमाशों ने सप्लाई की हैं और असलम ने भी इस बात का जिक्र पूछताछ में किया है कि उसे गुल्ली ने हथियार मुहैया कराया। पुलिस अब गुल्ली सहित इलाके के अन्य बदमाशों की तलाश कर रही है। हिंसा में उनकी कोई भूमिका है या नहीं, उसकी भी जांच कर रही है।

पुलिस ने इलाके को सेक्टर में बांटा

पुलिस को बदमाशों और संदिग्धों के घर पहुंचने पर भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। अब दिल्ली पुलिस ने जहांगीरपुरी कुशल चौक सी ब्लॉक बी ब्लॉक सहित आसपास के पूरे इलाके को सेक्टर में बांट दिया है। इन सेक्टरों में जगह-जगह फोर्स तैनात की गई है। कल जवानों पर हुए पथराव के मद्देनजर यहां पुलिस बल को और बढ़ाया गया है। अर्ध सैन्य बलों की कंपनियों को भी यहां पर तैनात किया गया है।

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