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घर-घर वैक्सीन लगाना संभव नहीं, बढ़ जाएगी वैक्सीन बर्बाद होने की संभावना : स्वास्थ्य मंत्रालय

केंद्र सरकार ने बुधवार को बॉम्बे हाई कोर्ट को बताया कि घर-घर जाकर कोरोना वायरस से बचाव का टीका लगाना सरकार के लिए संभव नहीं है। केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अंडर सेक्रेटरी सत्येंद्र सिंह ने इसको लेकर अदालत में एफिडेविट दिया। इस एफिडेविट में वह तमाम कारण बताए गए हैं, जिसके चलते ऐसा कर पाना मुमकिन नहीं हो सकता।

केंद्र सरकार की ओर से इसको लेकर मना करने की जो सबसे बड़ी वजह बताई गई है वो ये है कि इससे वैक्सीन के खराब होने, बर्बाद होने और उसकी गुणवत्ता प्रभावित होने की आशंका बहुत ज्यादा है।

जनहित याचिका पर दिया गया जवाब

अधिवक्ता ध्रुति कपाड़िया और कुणाल तिवारी ने इस संबंध में बॉम्बे हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की थी। जनहित याचिका (पीआईएल) में 75 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों, दिव्यांगों और बिस्तर या व्हील चेयर पर रहने के लिए बाध्य लोगों की खातिर घर पर टीकाकरण की सुविधा का आग्रह किया गया था।

निम्नलिखित कारणों से संभव नहीं है घर-घर टीकाकरण

केंद्र सरकार की ओर से दायर हलफनामे में कहा गया है कि ‘अगर टीकाकरण के बाद कोई दुष्प्रभाव का मामला सामने आता है तो उसे संभालना मुश्किल हो सकता है और स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंचने में देरी हो सकती है। ज्ञात हो, कोविड वैक्सीनेशन प्रोटोकॉल के तहत मरीज को 30 मिनट तक डॉक्टरों की निगरानी में रखा जाता है और घर पर टीका लगाने की स्थिति में इस तरह की निगरानी कर पाना बहुत बड़ी चुनौती साबित हो सकती है। घर-घर टीकाकरण से टीके के खराब होने की आशंका भी ज्यादा है, क्योंकि हर घर में वैक्सीन कंटेनर को बाहर निकालना पड़ेगा, जिससे उसका असर प्रभावित हो सकता है।

लोगों में संक्रमण फैलने की संभावनाएं बढ़ जाएंगी

केंद्र सरकार ने बताया कि प्रत्येक टीकाकरण के लिए टीके को निश्चित तापमान वाले डिब्बे से निकालने और रखने में उसके दूषित होने की संभावनाएं बढ़ सकती हैं। इससे टीके की दक्षता पर असर पड़ सकता है और दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। लाभार्थियों तक पहुंचने का समय बढ़ने से टीके की बर्बादी में वृद्धि हो सकती है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि घर-घर जाकर टीकाकरण अभियान के दौरान सुरक्षित दूरी और संक्रमण नियंत्रण के नियमों का पालन करना भी संभव नहीं हो पाएगा।

टीकाकरण केंद्रों की संख्या बढ़ाई गई है

एफिडेविट में इस बात का भी जिक्र है कि ‘इससे टीकाकरण अभियान ज्यादा लंबा हो जाएगा, जिससे इसकी बर्बादी की संभावना भी बढ़ जाएगी। राज्यों की मांग पर ज्यादा टीकाकरण केंद्र को मंजूरी दी गई है, खासकर वरिष्ठ नागरिकों को ध्यान में रखते हुए।

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