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अन्तरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष 2023:अब खोटे नहीं खरे होंगे मोटे अनाज,सावां का भी होगा खुद का संसार

कोदो की बढ़ेगी पूछ, और बढ़ेगा बाजरे का जोर,योगी सरकार ने इस बाबत तैयार की मुकम्मल रणनीति

लखनऊ । अब खोटे नहीं खरे होंगे मोटे अनाज। लुप्तप्राय हो चले सावां का भी होगा खुद का संसार। इसी तरह कोदो की भी पूछ बढ़ेगी। रही बात बाजरे की तो इसका जोर और बढ़ेगा। अन्तरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष (2023) के मद्देनजर योगी सरकार ने इस बाबत विभागवार मुकम्मल रणनीति तैयार की है। इस पूरी कार्ययोजना का नाम है,”मिलेट्स पुनरोद्धार योजना”।

21लाख हेक्टेयर से 25 लाख हेक्टेयर बढ़ेगा रकबा

इसके तहत कृषि विभाग संभवनाओं वाले जिलों में मोटे अनाजों का रकबा बढ़ाने के लिए ब्लॉक स्तर की रणनीतिक तैयार करेगा। मालूम हो कि कृषि विभाग पहले ही इन अनाजों का रकबा 21 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 25 लाख हेक्टेयर करने का लक्ष्य तय कर रखा है। हालांकि प्रदेश में करीब 40 लाख हेक्टेयर ऐसी भूमि चिन्हित की गई है जहां मोटे अनाजों की खेती संभव है। क्रमशः इसे बढाया जाएगा।रकबा बढ़ाने के साथ सबसे जरूरी है इनकी खेती करने वाले किसानों को भरपूर मात्रा सही समय पर गुणवत्तायुक्त बीज मुहैया कराना है।

निःशुल्क मिनीकिट एवं अनुदान पर मिलेगा बीज

इस बाबत भी प्रदेश सरकार की ओर से केंद्र सरकार से बीज की मांग की जा चुकी है। वितरण का काम उप्र बीज विकास निगम,एनएससी और एफपीओ के माध्यम से कराया जाएगा। किसानों को बतौर प्रोत्साहन इनके निःशुल्क मिनीकिट भी दिए जाएंगे। साथ ही अनुदान पर भी बीज उपलब्ध कराए जाएंगे। प्रगतिशील किसानों एवं एफपीओ को इनके बीज उत्पादन के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा।

प्रशिक्षण एवं प्रदर्शन पर भी होगा जोर

मिलेट्स के उन्नत खेती हेतु कृषकों के प्रशिक्षण एवं क्षमतावर्धन के लिए प्रदर्शन फील्ड डे एवं एक्सपोज़र विजिट पर भी फोकस होगा। इस क्रम में कृषि विभाग का एक प्रतिनिधिमंडल बंगलुरू में आयोजित इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में भी प्रतिभाग करेगा।

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