कृषि कानूनों के खिलाफ भारतीय किसान यूनियन ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा
नई दिल्ली : केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों और सरकार की लड़ाई अब अदालत तक पहुंच गई है। शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन ने तीनों कानूनों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है। भारतीय किसान यूनियन ने संसद द्वारा पारित तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। याचिका में दावा किया गया है कि इन कानूनों से किसान कॉर्पोरेट के लालच की भेंट चढ़ जाएंगे। भारतीय किसान यूनियन हरियाणा के अध्यक्ष रवि आजाद ने टिकरी बॉर्डर पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि सिंघु बॉर्डर पर किसान संगठनों के सेंट्रल ऑफिस में लिए गए फैसले के तहत शनिवार को देशभर में टोल प्लाजा फ्री करने का फैसला लिया गया है।
मालूम हो कि किसानों ने केंद्र सरकार के बातचीत और संशोधित प्रस्ताव को मानने से इनकार करते हुए आंदोलन को तेज करने की धमकी दी है। कहा गया है कि आगे रेलवे ट्रैकों को भी बंद करने की योजना है। इसके बाद पुलिस ने हरियाणा और राजस्थान की सीमाओं पर चौकसी बढ़ा दी है।
गुरुग्राम बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ाई
गुरुग्राम के पंचगांव चौक, राजीव चौक, इफ्को चौक और सरहुल चौक पर सुरक्षा बढ़ाई गई है। खबरों के मुताबिक, गुरुग्राम की सीमाओं पर करीब 2 हजार पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। वहीं दिल्ली पुलिस ने भी अपनी तरफ चौकस व्यवस्था की है। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि 12 दिसंबर को किसान टोल को फ्री करेंगे, औार टोल पर भी धरने पर बैठ सकते हैं, ये आंदोलन का हिस्सा है। टिकैत ने बताया कि 14 दिसंबर को हर जिला मुख्यालय पर जिला अधिकारी को प्रधानमंत्री के नाम से एक ज्ञापन दिया जाएगा, उसमें तीन कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी पर कानून बनाने की मांग करेंगे।