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सिक्किम घूमने गए 700 पर्यटक फंसे, भारतीय सेना ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया

  • सेना की टीमें पर्यटकों को सुरक्षित निकालकर पहुंचा रही हैं राजधानी गंगटोक
  • फंसे पर्यटकों को गुरुद्वारों, होटलों सहित विभिन्न स्थानों पर शरण लेनी पड़ी

गंगटोक । सिक्किम के उत्तरी जिले में घूमने गए लगभग 700 पर्यटक भूस्खलन के कारण फंस गए। यातायात अवरुद्ध हो जाने से उन्हें गुरुद्वारों, होटलों सहित विभिन्न स्थानों पर शरण लेनी पड़ी। उत्तरी सिक्किम के विभिन्न स्थानों में फंसे 550 पर्यटकों को सेना की मदद से निकाला गया है। सेना की कई टीमें रेस्क्यू करने में लगीं हैं और पर्यटकों को सुरक्षित निकालकर राजधानी गंगटोक लाया जा रहा है।

सिक्किम के उत्तरी जिले में पर्यटकों के लिए आकर्षण के कई स्थान हैं। सिक्किम आने वाले पर्यटक उत्तरी सिक्किम के लाचेन, लाचुंग, चुंगथांग, गुरुदोंगमार झील आदि स्थानों की यात्रा करना पसंद करते हैं। लगातार बारिश के कारण गत 10 अक्टूबर को चुंगथांग संभाग के विभिन्न स्थानों पर सड़क संपर्क पूरी तरह से नष्ट हो गया था। उत्तरी सिक्किम में यातायात अवरूद्ध हो जाने के कारण लगभग 700 पर्यटक विभिन्न स्थानों पर फंस गए। खराब मौसम के चलते फंसे हुए पर्यटकों को चुंगथांग के गुरुद्वारा में ठहराया गया।

इसी तरह 12 अक्टूबर को लगभग 360 पर्यटकों को उत्तरी सिक्किम के विभिन्न स्थानों से सुरक्षित निकालकर गंगटोक लाया गया। अन्य 400 पर्यटक चुंगथांग में फंसे हुए थे जिन्हें 13 अक्टूबर की सुबह गंगटोक लाया गया। फंसे हुए पर्यटकों के बचाव और राहत कार्य में जिला प्रशासन, सिक्किम पुलिस, आईटीबीपी, ग्रेफ, दमकल विभाग, पर्यटन विभाग, उत्तरी सिक्किम ड्राइवर संघ, टूर ऑपरेटर भी सेना की मदद कर रहे हैं।

बड़े पैमाने पर चलाए गए राहत एवं बचाव अभियान में उत्तरी सिक्किम के लाचुंग, लाचेन और चुंगथांग में फंसे सैकड़ों पर्यटकों को सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचाया गया। पर्यटकों को ट्रांसशिप के जरिए गंगटोक लाया गया। ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ सिक्किम के अध्यक्ष सोनाम नोर्गे लाचुंगपा ने कहा कि शुक्रवार सुबह सड़क बहाली का काम शुरू करने के लिए ग्रेफ और बीआरओ के साथ लगातार संपर्क में हैं ताकि बाकी पर्यटकों को सुरक्षित घर भेजा जा सके।

भारतीय सेना ने एक बयान में बताया कि उत्तरी सिक्किम में भारी वर्षा के कारण 12 अक्टूबर को भूस्खलन के कारण फंसे लगभग 550 पर्यटकों को सहायता प्रदान की। सेना ने पानी, भोजन और चिकित्सा देखभाल के मामले में तत्काल राहत प्रदान की।(हि.स.)

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