
भारत को अमेरिका की धमकी, चुकानी होगी कीमत
नई दिल्ली । रूस और यूक्रेन के बीच जारी घमासान युद्ध के बीच भारत की तटस्थता की नीति अमेरिका का रास नहीं आ रही है, और वह कई बार इस मुद्दे को लेकर भारत पर दबाव बना चुका है। परोक्ष रूप से दबाव बनाने की नाकाम कोशिश के बाद अब अमेरिका खुली धमकी देने पर उतारू हो गया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के शीर्ष आर्थिक सलाहकार ब्रायन डीज ने कहा है कि रूस के साथ गठबंधन की भारत को भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। डीज ने यह भी कहा कि रूस-यूक्रेन मुद्दे पर चीन और भारत द्वारा लिए गए फैसलों ने पश्चिमी देशों को निराश किया है। पत्रकारों से बात करते हुए डिज ने कहा कि यूक्रेन संकट पर भारत और चीन द्वारा दिखाई गई तटस्थता से अमेरिका बहुत निराश है और इसके दीर्घकालिक संबंध प्रभावित हो सकते हैं। अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और जापान सहित कई देशों ने रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगा रखे हैं तो दूसरी तरफ भारत ने इन प्रतिबंधों को मानने से इनकार कर दिया है और उससे तेल आयात करने की तैयारी कर रहा है।
इससे पहले भी अमेरिका भारत पर दबाव बनाने की लगातार कोशिश कर रहा है। कुछ दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह ने अपनी भारत यात्रा के दौरान चेताया था कि अगर चीन एलएसी का उल्लंघन करता है तो भारत को यह उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि रूस भारत को बचाने के लिए आएगा। गौरतलब है कि रूस-यूक्रेन के बीच बीते 42 दिन से घमासान युद्ध चल रहा है। रूस ने यूक्रेन के कई शहरों को पूरी तरह से तबाह कर दिया है। अमेरिका, जी-7 और यूरोपीय संघ ने रूस के खिलाफ नए वित्तीय प्रतिबंधों का एलान किया है। अमेरिका ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बेटियों को भी प्रतिबंधों के दायरे में रखा है।
रूस को यूएनएचआरसी से किया गया बाहर, भारत ने वोटिंग से किया किनारा
यूक्रेन के साथ जारी संघर्ष के बीच रूस को एक और बड़ा झटका लगा है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) से रूस को बाहर कर दिया गया है। यह फैसला संयुक्त राष्ट्र आम सभा की आपातकालीन बैठक में वोटिंग के बाद लिया गया। संयुक्त राष्ट्र आमसभा की आपातकालीन बैठक में रूस को बाहर करने के प्रस्ताव के पक्ष में 93 देशों ने वोट किया, जबकि विरोध में 24 देशों ने वोट किया। भारत समेत 58 देशों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। रूस ने इस बैठक को उनके खिलाफ पश्चिमी देशों की साजिश का हिस्सा बताया था। बैठक से पहले रूस ने सभी सदस्य देशों से अपील की थी कि वो पश्चिमी देशों और उनके सहयोगियों द्वारा मानवाधिकार को लेकर बनाए गए उनके ढांचे के खिलाफ वोट करें।
रूस को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार संगठन से बाहर निकालने को लेकर बुलाई गई संयुक्त राष्ट्र आम सभा से पहले रूस के विदेश मंत्री सर्गे लावरोव ने कहा कि बार-बार उकसाने के बावजूद मॉस्को कीव के साथ बातचीत जारी रखेगा।दूसरी तरफ यूक्रेन की तरफ से संयुक्त राष्ट्र आम सभा में मौजूद प्रतिनिधि ने कहा कि रूस को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार संगठन से बाहर निकालना विकल्प नहीं है। यूक्रेन के प्रतिनिधि ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हम एक ऐसी अजीब स्थिति में फंस गए हैं जहां एक देश की सीमा में घुसकर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग का सदस्य देश मानवाधिकार का उल्लंघन कर रहा है। यही नहीं वो वहां युद्ध अपराध कर रहा है जो मानवता के खिलाफ है।उल्लेखनीय है कि यूक्रेन के बूचा शहर में एक सामूहिक कब्रिस्तान मिला है जिसमें से करीब 300 यूक्रेनी नागरिकों का क्षत-विक्षत शव निकला जा चुका है। इनमें से कई लोग ऐसे हैं जिन्हें पास से गोली मारी गई है।
प्रतिबंधों के बावजूद भारत-रूस व्यापारिक संबंधों को बनाए रखने के लिए प्रयास जारी
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अमेरिका और पश्चिमी देशों द्वारा रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों के मद्देनजर भारत-रूस आर्थिक संबंधों को सामान्य बनाए रखने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों में स्थायित्व बनाए रखने के लिए एक प्रणाली मौजूद है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि आर्थिक प्रतिबंधों के कारण द्विपक्षीय व्यापारिक संबंधों में फिलहाल कोई दबाव महसूस नहीं किया जा रहा। यह सही है कि प्रतिबंधों के कारण भारत के लिए कुछ दिक्कतें पेश आ सकती हैं। संभावित कठिनाइयों का आकलन करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में एक मंत्रिमंडलीय समिति विचार करने के लिए बनाई गई है।उन्होंने कहा कि यूरोप के अनेक देशों ने रूस से तेल और गैस की आपूर्ति जारी रखी है। इसी तरह उर्वरकों को प्रतिबंधों के दायरे से बाहर रखा गया है। रुपये और रूबल में लेन-देन के बारे में पूछे गए प्रश्न में के जवाब में प्रवक्ता ने कहा कि रूस के साथ व्यापारिक संबंधों को सुचारू बनाए रखने के लिए भारत की ओर से उठाए जा रहे कदमों राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए।
यूक्रेन को 10 करोड़ डॉलर की मिसाइल देगा अमेरिका
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने यूक्रेन को दस करोड़ डॉलर की जैवलिन हथियार रोधी मिसाइलों के हस्तांतरण की मंगलवार को मंजूरी दे दी। बाइडन प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। इसके साथ ही, बाइडन के जनवरी 2021 में अमेरिका का राष्ट्रपति पद संभालने के बाद से वाशिंगटन द्वारा यूक्रेन को दी गई सैन्य सहायता 2.4 अरब डॉलर पर पहुंच गई है।व्हाइट हाउस ने मंगलवार देर रात घोषणा की कि बाइडन ने यूक्रेन को दस करोड़ डॉलर की मिसाइल सहायता देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जो रूस के आक्रमण के बाद पिछले महीने संसद द्वारा यूक्रेन के लिए अनुमोदित 13.6 अरब डॉलर की व्यापक सहायता राशि का हिस्सा है। बाइडन प्रशासन के एक अधिकारी ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर बताया कि यूक्रेन को जैवलिन मिसाइलों की आपूर्ति की जाएगी, जो यूक्रेनी सेना द्वारा रूसी आक्रमण से निपटने के लिए मांगी गई थी।