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‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ बीबीसी डॉक्यूमेंट्री विवाद पर छह फरवरी को सुनवाई

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर (उनके मुख्यमंत्री के कार्यकाल के दौरान) 2002 के गुजरात दंगों से संबंधित बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका और इससे संबंधित अन्य याचिकाओं पर छह फरवरी को सुनवाई करेगा।

मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने बीबीसी की‌ इस विवादित डॉक्यूमेंट्री से संबंधित वरिष्ठ पत्रकार एन. राम और अधिवक्ता प्रशांत भूषण के ट्वीट हटाने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर शीघ्र सुनवाई की गुहार स्वीकार करते हुए संबंधित अन्य मामलों पर भी सुनवाई के लिए 06 फरवरी 2023 को सूचीबद्ध करने का आदेश दिया।अधिवक्ता मनोहर लाल शर्मा ने बीबीसी की इस डॉक्यूमेंट्री पर केंद्र सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाने को दुर्भाग्यपूर्ण, मनमाना और असंवैधानिक बताते हुए शीर्ष अदालत के समक्ष एक याचिका दायर की है।

श्री शर्मा ने अपनी याचिका में डॉक्यूमेंट्री के भारत में दिखाए जाने पर प्रतिबंध हटाने की मांग करते हुए कहा है कि इससे गुजरात के 2002 के दंगों के आरोपियों को दोषी ठहराया जा सकेगा। याचिका में डॉक्यूमेंट्री के दोनों हिस्सों की जांच करने की गुहार लगाते हुए मांग की गई ह। इस में कहा गया है कि केंद्र सरकार अतीत में हुई कुछ गलतियों को कथित तौर पर छिपाने की कोशिश न करे।सर्वश्री राम और भूषण ने डॉक्यूमेंट्री के क्लिप और ट्वीट को ‘ब्लॉक’ करने के लिए ‘आपातकालीन शक्तियों’ के उपयोग पर चिंता व्यक्त करते हुए इसे चुनौती दी है।

विशेष उल्लेख के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकील ने मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष कहा कि आपातकालीन शक्तियों का उपयोग करते हुए ट्वीट को हटाया गया और अजमेर के छात्रों को निलंबित किस आधार पर किया गया।इस डॉक्यूमेंट्री को सार्वजनिक तौर पर दिखाने को लेकर दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, मिल्लिया इस्लामिया, दिल्ली विश्वविद्यालय, अंबेडकर विश्वविद्यालय परिसरों में भी विद्यार्थियों के विभिन्न संगठनों और पुलिस के बीच पिछले दिनों झड़पें हुईं तथा कई लोग हिरासत में लिए गए थे।(वार्ता)

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