
नयी दिल्ली : मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने आज भारतीय अर्थव्यवस्था की गुलाबी तश्वीर पेश करते हुये कहा कि देश को आर्थिक सुस्ती की चिंता करने की अब जरूरत नहीं है।आर्थिक समीक्षा 2022-23 के लेखक श्री नागेश्वरन ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा समीक्षा को संसद में पेश किये जाने के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार 6.4 प्रतिशत राजकोषीय घाटा के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में बढ़ रही है।
इसके साथ ही अप्रैल से नंबवर तक आठ महीने में सकल कर राजस्व में भी 15.5 प्रतिशत की बढोतरी हुयी है और चालू वित्त वर्ष की पहली तीन तिमाहियों में जीएसटी राजस्व के रूप में 13.40 लाख करोड़ रुपये संग्रहित हुये हैं।उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2015 से लेकर वित्त वर्ष 2023 तक व्यवहार्यता अंतर वित्त पोषण योजना के तहत 2982.4 करोड़ रुपये वितरित किये गये हैं। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2022 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्रवाह 21.3 अरब डॉलर थो इससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 76 प्रतिशत अधिक है। इसके साथ ही दवा निर्यात में भी 24 प्रतिशत की बढोतरी दर्ज की गयी है।
श्री नागेश्वरन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने चालू वित्त वर्ष में भारत की विकास दर के 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। अगले वित्त वर्ष में इसके 6.1 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2024-25 में इसके 6.8 प्रतिशत रहने की बात कही गयी है। उन्होंने अर्थव्यवस्था में पूर्ण रिकवरी होने की बात कहते हुये कहा कि गैर बैंकिंग और कार्पोरेट क्षेत्र की बैलेंस सीट अब अच्छी स्थिति में है। देश को महामारी से उबर कर अगले चरण की ओर देखने की जरूरत है।(वार्ता)