- भारत-मॉरीशस संबंधों को “Enhanced Strategic Partnership” का दर्जा
- विशेष आर्थिक पैकेज में स्वास्थ्य, ऊर्जा, ढांचागत विकास, शिक्षा और समुद्री सुरक्षा शामिल
- IIT मद्रास और मॉरीशस विश्वविद्यालय के बीच MoU
- फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट और इलेक्ट्रिक बसें मॉरीशस के लिए
- EEZ की सुरक्षा और संयुक्त हाइड्रोग्राफी सहयोग
वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत और मॉरीशस सिर्फ रणनीतिक साझेदार नहीं बल्कि “एक परिवार” हैं। उन्होंने गुरुवार को वाराणसी में अपने संसदीय क्षेत्र से मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचन्द्र रामगुलाम के साथ संयुक्त प्रेस वक्तव्य देते हुए घोषणा की कि भारत मॉरीशस की आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए **विशेष आर्थिक पैकेज** देगा। इस पैकेज का उद्देश्य केवल सहायता नहीं बल्कि दोनों देशों के साझा भविष्य में निवेश करना है। इसमें स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार, ढांचागत विकास, शिक्षा व अनुसंधान में साझेदारी और समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने जैसे कई बड़े कदम शामिल हैं।
ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रिश्ता
मोदी ने कहा कि भारतीय संस्कृति और संस्कार सदियों पहले मॉरीशस पहुंचे और वहां की जीवनधारा में रच-बस गए। उन्होंने कहा – “काशी में माँ गंगा के अविरल प्रवाह की तरह भारतीय संस्कृति का सतत प्रवाह मॉरीशस को समृद्ध करता रहा है। आज जब हम मॉरीशस के दोस्तों का स्वागत कर रहे हैं, यह केवल औपचारिक नहीं बल्कि आत्मीय मिलन है।” प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत और मॉरीशस के सपने और नियति एक हैं। सर शिवसागर रामगुलाम की 125वीं जयंती का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि वे केवल मॉरीशस के राष्ट्रपिता ही नहीं, बल्कि भारत और मॉरीशस के बीच अटूट रिश्ते की नींव रखने वाले व्यक्तित्व थे।
विशेष आर्थिक पैकेज : क्या-क्या शामिल है
भारत ने मॉरीशस के लिए जो पैकेज तैयार किया है, उसमें बहुआयामी योजनाएं शामिल हैं –
1. स्वास्थ्य क्षेत्र
- मॉरीशस में 500-बिस्तर का सर शिवसागर रामगुलाम राष्ट्रीय अस्पताल का निर्माण
- आयुष उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना
- वेटेनरी स्कूल और पशु अस्पताल का निर्माण
- भारत के बाहर पहला जनऔषधि केंद्र मॉरीशस में स्थापित
2. ढांचागत विकास
- SSR इंटरनेशनल एयरपोर्ट का ATC टॉवर
- मॉरीशस के हाईवे और रिंग रोड का विस्तार
- चागोस मरीन प्रोटेक्टेड एरिया का विकास
3. ऊर्जा क्षेत्र
- मॉरीशस को 100 इलेक्ट्रिक बसें (10 पहले ही पहुंच चुकी)
- ‘तमारिंड फाल्स’ में 17.5 मेगावॉट का फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट
- ऊर्जा सुरक्षा और ट्रांजिशन के लिए व्यापक साझेदारी समझौता
4. शिक्षा और शोध
- IIT मद्रास और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ प्लांटेशन मैनेजमेंट के मॉरीशस विश्वविद्यालय से समझौते
- डायरेक्टरेट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी की स्थापना
- मॉरीशस में मिशन कर्मयोगी ट्रेनिंग मॉड्यूल शुरू होंगे
- अब तक 5000 से अधिक मॉरीशस के नागरिक भारत में प्रशिक्षण ले चुके हैं
5. समुद्री सुरक्षा और रक्षा सहयोग
- मॉरीशस के विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) की सुरक्षा के लिए भारत की प्रतिबद्धता
- हाइड्रोग्राफी समझौता – अगले 5 वर्षों तक संयुक्त सर्वेक्षण और नेविगेशन चार्ट्स पर काम
- मॉरीशस कोस्ट गार्ड शिप का भारत में रिफिटिंग
- 120 अधिकारियों को भारत में प्रशिक्षण
रणनीतिक महत्व
मोदी ने कहा कि मॉरीशस, भारत की Neighbourhood First नीति और Vision महासागर का अहम स्तंभ है। हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की भूमिका “नेट सिक्योरिटी प्रोवाइडर” और “फर्स्ट रिस्पॉन्डर” की है। चागोस समझौते को ऐतिहासिक बताते हुए मोदी ने कहा कि भारत ने हमेशा डीकोलोनाइजेशन और मॉरीशस की संप्रभुता का समर्थन किया है।
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