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भारत ने निवेशकों को बड़े अवसर प्रदान करने के लिए कई पहल की है: डॉ. वाघेला

भारतीय दवा और चिकित्सा उपकरण उद्योग में निवेश करने के लिए जापानी कंपनियों को आमंत्रित किया गया

नई दिल्ली । कोविड – 19 के बाद के परिदृश्य में भारत और जापान के बीच व्यापार सहयोग के लिए “चिकित्सा उपकरण और एपीआई सेक्टर: चुनौतियाँ तथा उभरते अवसर” विषय पर  एक वेबिनार आयोजित किया गया। इस वेबिनार को औषध विभाग, रसायन और उर्वरक मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से भारत के दूतावास, टोक्यो द्वारा आयोजित किया गया किया गया था।

जापान में भारत के राजदूत  संजय कुमार वर्मा ने कोविड – 19 संकट के संदर्भ में आपसी संबंधों को और बढ़ावा देने के लिए भारत और जापान के लिए मौजूद इस सुनहरे अवसर पर अपने बहुमूल्य विचार साझा किए। फार्मास्यूटिकल्स विभाग के सचिव डॉ. पी डी वाघेला ने भारत में दवा और चिकित्सा उपकरण उद्योग पर तथा क्षेत्र में निवेश के अवसरों पर प्रस्तुति दी। उन्होंने देश में व्यापार और व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा की गई विभिन्न पहलों को भी प्रस्तुत किया। फार्मास्यूटिकल्स विभाग के संयुक्त सचिव श्री नवदीप रिणवा ने बल्क ड्रग और चिकित्सा उपकरणों के विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए विभाग की योजनाओं जैसे उत्पादन से जुडी प्रोत्साहन योजनाएँ, बल्क ड्रग / चिकित्सा उपकरण पार्कों को प्रोत्साहन आदि के बारे में बताया। उन्होंने प्रतिनिधियों से योजनाओं का लाभ उठाने का अनुरोध किया।

फार्मास्यूटिकल ट्रेडर्स एसोसिएशन और जापान फेडरेशन ऑफ मेडिकल डिवाइसेस एसोसिएशन ने कोविड – 19 के बाद की स्थिति में दवा और चिकित्सा उपकरण क्षेत्र की चुनौतियों एवं अवसरों तथा वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर इसके प्रभाव के बारे में विचार – विमर्श किया। दोनों संगठनों ने सुझाव दिया कि दोनों देशों के बीच सहयोग आपूर्ति-श्रृंखला विशेष रूप से एपीआई और चिकित्सा उपकरणों को स्थिरता प्रदान करने में योगदान दे सकता है। जेईटीआरओ, चेन्नई के प्रतिनिधि ने एपीआई क्षेत्र और चिकित्सा उपकरण क्षेत्र में चुनौतियों और उभरते अवसरों पर अपने विचार व्यक्त किये।

सुश्री मोना के सी खानधर, मंत्री (आर्थिक और वाणिज्य), ईओआई, टोक्यो ने भारतीय अर्थव्यवस्था के लचीलेपन और मजबूती के बारे में उल्लेख किया और कोविड -19 संकट को दूर करने और निवेश में सुधार के लिए भारत सरकार द्वारा घोषित प्रोत्साहन और सुधार पैकेजों पर विस्तृत जानकारी दी। भारतीय अर्थव्यवस्था में लाभ, एफडीआई पारितंत्र और जापान के लिए विशिष्ट सुविधाओं का भी उल्लेख किया गया।

जापानी सहायक कंपनियों, निप्रो इंडिया कॉर्प और ईसाइ फार्मास्यूटिकल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधियों ने मेक इन इंडिया ’कार्यक्रम के बारे में एक विस्तृत प्रस्तुति दी और अपने अनुभव साझा किये। प्रमुख भारतीय फार्मास्यूटिकल और मेडिकल डिवाइस एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने भारत में दवा और चिकित्सा उपकरण उद्योग में भविष्य के अवसरों पर अपने विचार साझा किये।

​गुजरात, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश और गोवा की राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों ने अपने-अपने राज्यों में निवेश के अवसरों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किये, जिसमें प्रोत्साहन पैकेज और टैक्स लाभ, कारोबार शुरू करने में आसानी, भूमि उपलब्धता, ढांचागत सुविधाएं, नियामक ढांचा आदि शामिल थे। प्रतिनिधियों ने अपने-अपने राज्यों में निवेश के लिए जापानी कंपनियों को आमंत्रित किया।

वेबिनार में जी2बी और बी2बी नेटवर्किंग के हिस्से के रूप में आंध्र प्रदेश मेडटेक ज़ोन, वॉकहार्ट, सन फार्मा, पैनासिया बायोटेक और बड़ी संख्या में जापानी कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।

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