भारत परिवर्तन के नए युग में प्रवेश कर चुका है: पीएम मोदी
हिंदुस्तान टाइम्स समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दुनिया आर्थिक और राजनीतिक अनिश्चितताओं के दौर से गुजर रही है, लेकिन भारत आत्मविश्वास और मजबूत इच्छाशक्ति के साथ तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि देश की जीडीपी दूसरी तिमाही में आठ प्रतिशत से अधिक रही है, जो भारत की अर्थव्यवस्था को ग्लोबल ग्रोथ इंजन के रूप में स्थापित करती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, स्पेस सेक्टर रिफॉर्म और पीएम सूर्य घर योजना जैसे अभियानों ने विकास की नई दिशा दी है। उन्होंने गुलामी की मानसिकता से मुक्त होकर विकसित भारत की ओर आगे बढ़ने का आह्वान किया।
- हिंदुस्तान टाइम्स समिट में प्रधानमंत्री का संबोधन, कहा-दुनिया की अनिश्चितताओं के बीच भारत आत्मविश्वास और तेज़ विकास की ओर
नई दिल्ली। हिंदुस्तान टाइम्स समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अनिश्चितताओं से भरे वैश्विक दौर में भारत आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है और दुनिया के लिए एक भरोसेमंद भागीदार बनकर उभरा है। उन्होंने कहा कि जब वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी और अविश्वास की स्थिति दिख रही है, तब भारत विकास की नई कहानी लिख रहा है और ग्लोबल ग्रोथ इंजन के रूप में अपनी भूमिका निभा रहा है।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में हिंदुस्तान टाइम्स समूह की अध्यक्षा शोभना भरतिया की ओर से दिए गए स्वागत संबोधन का भी उल्लेख किया और फोटोग्राफरों की प्रदर्शनी की सराहना की। उन्होंने कहा कि मीडिया हाउस को सुझाव देने की हिम्मत कोई नहीं करता, लेकिन उन्होंने सुझाव दिया और उसे पूरी भावनाओं से पूरा किया गया। उन्होंने प्रदर्शनी को भारत की बदलती सोच और संवेदनशीलता का प्रतीक बताया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था में आए सकारात्मक बदलाव केवल आंकड़ों का विषय नहीं हैं बल्कि देश की सोच में आए मूलभूत परिवर्तन के प्रतीक हैं। उन्होंने दूसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़ों का उल्लेख करते हुए कहा कि आठ प्रतिशत से अधिक की विकास दर यह दर्शाती है कि भारत उच्च विकास और कम महंगाई के आदर्श मॉडल के रूप में उभरा है। इसके विपरीत, प्रमुख विकसित अर्थव्यवस्थाओं की विकास दर डेढ़ प्रतिशत के आसपास सीमित है।
मोदी ने कहा कि यह परिवर्तन आकस्मिक नहीं है बल्कि पिछले दशक में किए गए जागरूक प्रयासों का परिणाम है। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक भारत की संभावनाओं का पूरा उपयोग नहीं हो पाया था। पूर्वी भारत, उत्तर-पूर्व, ग्रामीण क्षेत्रों, टियर-2 और टियर-3 शहरों, नारीशक्ति और युवा शक्ति के सामर्थ्य को अब पहली बार व्यापक अवसर मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत की बेटियां हर क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं और यह परिवर्तन पूरे समाज को नई दिशा दे रहा है।
प्रधानमंत्री ने देश के स्पेस सेक्टर का उदाहरण देते हुए कहा कि पहले यह क्षेत्र केवल सरकारी नियंत्रण में था, लेकिन अब इसमें निजी क्षेत्र के प्रवेश से बड़े बदलाव हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि हैदराबाद में स्थापित किए गए स्काईरूट इन्फिनिटी कैंपस में हर महीने रॉकेट तैयार करने की क्षमता विकसित की जा रही है, जो आने वाले समय में भारत को अंतरिक्ष क्षेत्र में नई ऊंचाइयों पर पहुंचाएगा।
मोदी ने कहा कि पहले सुधार संकट और राजनीतिक स्वार्थ के कारण किए जाते थे, लेकिन आज राष्ट्रीय लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए सुधार किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस वर्ष देश में अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार लागू किए गए और प्रत्यक्ष कर व्यवस्था में बड़े बदलाव हुए हैं। इसके तहत अब 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर देय नहीं है, जो पहले कभी संभव नहीं माना जाता था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश को मानसिक रूप से स्वतंत्र बनाने की दिशा में भी प्रयास जारी हैं। उन्होंने कहा कि गुलामी की मानसिकता ने भारत के आत्मविश्वास को लंबे समय तक क्षति पहुंचाई, इसलिए आज भारत इस मानसिकता को पूरी तरह समाप्त करने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि मैकाले की शिक्षा नीति के 200 वर्ष 2035 में पूरे होंगे, इसलिए अगले दस वर्षों में देश को मानसिक गुलामी से पूरी तरह मुक्त करना होगा।
प्रधानमंत्री ने रक्षा निर्माण और जहाज निर्माण क्षेत्र में हुए नुकसान का उल्लेख करते हुए कहा कि आजादी के बाद सरकारी व्यवस्था में घर कर गई गुलामी की मानसिकता के कारण भारत को आयात पर निर्भर होना पड़ा। उन्होंने कहा कि अब भारत इन दोनों क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने बैंकिंग और प्रशासनिक क्षेत्र में आए बदलावों का उदाहरण देते हुए कहा कि पहले सरकार अपने नागरिकों पर भरोसा कम करती थी, लेकिन अब आत्मविश्वास की यह कमी दूर की गई है। नागरिकों के लिए स्वयं-प्रमाणन को मान्य किया गया है तथा अनेक प्रावधानों को अपराध की श्रेणी से बाहर किया गया है। प्रधानमंत्री ने बताया कि मुद्रा योजना के तहत अब तक 37 लाख करोड़ रुपये के बिना गारंटी वाले ऋण दिए जा चुके हैं, जिससे लाखों युवाओं को लाभ मिला है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देशभर के बैंकों, बीमा कंपनियों और म्यूचुअल फंडों में जनता के लगभग एक लाख करोड़ रुपये बिना दावे के पड़े हुए हैं। सरकार अब विशेष अभियान चलाकर इस धन को असली हकदारों तक पहुंचा रही है। इस अभियान के माध्यम से कई जिलों में हजारों करोड़ रुपये वापस लोगों को दिए जा चुके हैं।
मोदी ने प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि केवल काशी में ही 26 हजार से अधिक घरों में सौर ऊर्जा प्रणाली लगाई गई है। इससे प्रतिदिन तीन लाख यूनिट से अधिक बिजली पैदा हो रही है और हर महीने पांच करोड़ रुपये की बचत हो रही है। साथ ही 90 हजार मीट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन भी कम हुआ है।
मोबाइल निर्माण क्षेत्र की बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले भारत में जरूरत के 75 प्रतिशत मोबाइल फोन आयात किए जाते थे, लेकिन अब भारत एक बड़ा मोबाइल निर्यातक बन गया है। यह परिवर्तन मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान की सफलता को दर्शाता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के बेहतर भविष्य के लिए यह परिवर्तन की यात्रा जारी रहनी चाहिए, क्योंकि यह केवल नीतियों और योजनाओं की नहीं बल्कि जनभागीदारी की यात्रा है। उन्होंने कहा कि परिवर्तन का यह राष्ट्रीय संकल्प तभी पूरा होगा जब सभी मिलकर प्रयास करेंगे।
प्रधानमंत्री ने समापन में हिंदुस्तान टाइम्स और शोभना भरतिया का आभार जताते हुए कहा कि मीडिया की साझेदारी और देशवासियों के सहयोग से भारत निश्चित रूप से विकसित राष्ट्र के लक्ष्य को प्राप्त करेगा। उन्होंने कहा कि विचार देने के लिए वह हमेशा तैयार हैं और किसी प्रकार की मदद की आवश्यकता हो तो उन्हें अवश्य बताया जाए।
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