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कोरोना के मद्देनजर केरल और तमिलनाडु में वोटिंग को लेकर चुनाव आयोग ने की है ये खास तैयारियां

सुबह से तमिलनाडु, केरल, असम, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी में वोटिंग जारी है और इस बार कोरोना के चलते चुनाव आयोग के लिए ये चुनाव चुनौती भरे हैं। बताना चाहेंगे कि तमिलनाडु और केरल में सुरक्षा और कोरोना महामारी के मद्देनजर चुनाव आयोग ने पहले ही पूरी तैयारी कर ली थी, आइए इस लेख के जरिए जानते हैं चुनाव आयोग की उन विशेष व्यवस्थाओं के बारे में, जो वोटिंग बूथ पर मतदाताओं को कोरोना महामारी से बचाने में कर रही हैं मदद…

तमिलनाडु में किए गए विशेष इंतजाम

गौरतलब हो, तमिलनाडु की सभी 234 विधानसभा सीटों के लिए आज एक ही चरण में मतदान हो रहा है। विधानसभा चुनाव के साथ-साथ कन्याकुमारी लोकसभा सीट पर उपचुनाव भी हो रहा है। यह सीट पिछले साल बसंत कुमार के आकस्मिक निधन के कारण खाली हुई थी। ज्ञात हो, राज्य में कुल 6 करोड़ 28 लाख से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। इसमें से 30 लाख से अधिक मतदाता पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं। कोविड के कारण चुनाव आयोग ने प्रत्येक 1000 मतदाता पर 1 पोलिंग बूथ की स्थापना की है। इस प्रकार पूरे राज्य में 88 हजार से अधिक पोलिंग बूथ बनाए गए। वहीं इस चुनाव में 1 लाख 50 हजार से अधिक ईवीएम का इस्तेमाल किया जा रहा है। मतदाताओं को मतदान केंद्र पर मास्क भी उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रत्येक पोलिंग बूथ पर 12 PPT किट उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जो कि संक्रमित मतदाताओं के लिए हैं। कोविड के कारण मतदान का समय 1 घंटा बढ़ाया गया है, जो अब शाम के 6 बजे से बढ़ाकर 7 बजे तक कर दिया है।

सुरक्षा के लिए 1 लाख 58 हजार से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनाती

सुरक्षा के लिहाज से 1 लाख 58 हजार से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। चुनावों को सफलतापूर्वक कराने के लिए 4 लाख से अधिक राज्य सरकार के कर्मचारी ड्यूटी पर तैनात हैं। वहीं 118 से अधिक पर्यवेक्षक आचार संहिता के उल्लंघन पर नजर रख रहे हैं। 10 हजार से ज्यादा राज्य परिवहन की बसों को मतदाताओं के लाने ले जाने के लिए रखा गया है। इलेक्शन कमीशन ने चेन्नई, कोयंबटूर और तिरुचिरापल्ली में बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं के लिए मुफ़्त में ओला-उबर टैक्सी का भी इंतजाम किया है।

केरल विधानसभा चुनाव

केरल दक्षिण का दूसरा राज्य है जहां एक ही चरण में विधानसभा चुनाव हो रहा है। साथ ही यहां मलप्पुरम लोकसभा सीट पर उपचुनाव भी है। चुनाव आयोग पूरी तैयारी के साथ चुनाव करवा रहा है। उसका मकसद पिछले विधानसभा चुनाव में हुई 77% वोटिंग का रिकॉर्ड तोड़ना है। सुरक्षा की दृष्टि से 580 बूथ नाजुक स्थिति के हैं वहीं 213 बूथ लेफ्ट विंग एक्सट्रीमिस्ट राजनीति से प्रभावित हैं। 50 हजार से अधिक अधिकारियों को चुनाव आयोग ने विभिन्न पोलिंग बूथ पर तैनात किया है, जिसमें 10 हजार से अधिक केंद्रीय बल बाकी राज्य के जवान हैं। सभी पोलिंग बूथ पर वेबकास्टिंग व सीसीटीवी के जरिए निगरानी रखी जा रही है।

कोविड को देखते हुए सभी बूथ पर कोरोना प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन कराया जा रहा है। बता दें, पिछले 24 घंटे में राज्य में 2 हजार से अधिक कोरोना केस सामने आए हैं। इस प्रकार चुनाव आयोग, चुनाव कराने के साथ-साथ कोरोना की दूसरी लहर से भी लड़ रहा है। कोरोना के गाइडलाइंस का पालन सभी अधिकारियों को सुनिश्चित करने में लगे हैं। कोरोना के कारण राज्य में पोलिंग बूथ की संख्या दोगुनी की गई। पिछले चुनाव में पोलिंग बूथ 20 हजार के आसपास थे जबकि इसबार इन्हें बढ़ाकर 40 हजार से अधिक किया गया है। प्रत्येक बूथ पर 1 हजार मतदाताओं की वोटिंग कराने का इंतजाम किया गया है।

प्रत्येक मतदाता को 2 गज दूरी का पालन करने को कहा जा रहा है व सभी अधिकारियों को ग्लव्स और मास्क पहनने के लिए उपलब्ध कराए गए हैं। सभी की थर्मल स्क्रीनिंग जारी है और जिस किसी का भी तापमान ज्यादा होता है उसे वापस कर दिया जा रहा है। ऐसे व्यक्तियों के लिए वोटिंग का समय शाम 6 से 7 बजे के बीच रखा गया है।

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