
बजट सत्र-अभिभाषण में राष्ट्रपति नें मोदी सरकार की उपलब्धियों गिनाते हुए कहा, कोरौना संकट में भारत की क्षमता दिखी
राष्ट्रपति बोले- आर्थिक मदद से मजबूत हुई भारत की नारी, 2 करोड़ गरीबों को मिले घर
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को कहा कि महिला सशक्तीकरण सरकार की उच्च प्राथमिकताओं में शामिल हैं और इसके लिए क्रांतिकारी कदम उठाये जा रहे हैं।राष्ट्रपति ने बजट सत्र के दौरान संसद के संयुक्त अधिवेशन काे संबोधित करते हुए कहा कि बेटे-बेटी को समानता का दर्जा देते हुए सरकार ने महिलाओं के विवाह के लिए न्यूनतम आयु को 18 वर्ष से बढ़ाकर पुरुषों के समान 21 वर्ष करने का विधेयक संसद में प्रस्तुत किया है।उन्हाेंने कहा कि उज्ज्वला योजना की सफलता महिला सशक्तीकरण का उदाहरण है। मुद्रा योजना के माध्यम से देश की माताओं-बहनों की उद्यमिता और कौशल को बढ़ावा मिला है।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पहल के अनेक सकारात्मक परिणाम सामने आये हैं और विद्यालयों में प्रवेश लेने वाली बेटियों की संख्या में उत्साहजनक वृद्धि हुर्ह है। उन्होंने कहा कि सरकार के नीतिगत निर्णय और प्रोत्साहन से, विभिन्न पुलिस बलों में महिला पुलिस-कर्मियों की संख्या में, 2014 के मुकाबले दोगुनी से ज्यादा बढ़ोतरी हो चुकी है।राष्ट्रपति ने कहा कि मौजूदा सभी 33 सैनिक स्कूलों में बालिकाओं का प्रवेश आरंभ हो चुका है। सरकार ने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में भी महिला कैडेट के प्रवेश को मंजूरी दी है। महिला कैडेट का पहला बैच एनडीए में जून 2022 में प्रवेश करेगा। सरकार के नीतिगत निर्णय और प्रोत्साहन से विभिन्न पुलिस बलों के महिला पुलिस कर्मियों की संख्या में 2014 के मुकाबले दुगुनी से ज्यादा वृद्धि हो चुकी हैं।
कोरोना संकट में भारत की क्षमता दिखी: कोविंद
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि काेरोना संकट के दौरान भारत की क्षमता दिखायी दी है और देश से 180 देशों को संबंधित दवाइयों की आपूर्ति की जा रही है।राष्ट्रपति ने सोमवार को बजट सत्र में संसद के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार देश में स्वास्थ्य सेवाओं का बुनियादी ढांचा मजबूत कर रही है। देश के फार्मा क्षेत्र ने अपनी असाधारण क्षमता प्रदर्शित की है। भारत में बन रहे कोविड टीके पूरी दुनिया को महामारी से मुक्त कराने और करोड़ों लोगों का जीवन बचाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। भारत से लगभग 180 देशों को दवाओं की आपूर्ति की जा रही है।उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं से स्वास्थ्य सेवाओं के ढांचे को मजबूत किया जा रहा है और इसका विस्तार हो रहा है। देश में परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों के प्रति भी लोगों की रुचि बढ़ रही है। सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप योग, आयुर्वेद एवं पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों की लोकप्रियता में लगातार वृद्धि हाे रही है।
स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार का 64 हजार करोड़ रुपए की लागत से प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इनफ्रास्ट्रक्चर मिशन एक सराहनीय उदाहरण है। इससे न केवल वर्तमान की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी, बल्कि आने वाले संकटों के लिए भी देश को तैयार किया जा सकेगा।उन्होंने कहा कि आज देश में 90 प्रतिशत से अधिक वयस्क नागरिकों को टीके की एक खुराक मिल चुकी है, जबकि 70 प्रतिशत से अधिक लोग दोनों टीके ले चुके हैं। उन्होंने कहा, “ सरकार और नागरिकों के बीच यह परस्पर विश्वास, समन्वय और सहयोग, लोकतन्त्र की ताकत का अभूतपूर्व उदाहरण है। इसके लिए, मैं देश के प्रत्येक स्वास्थ्य और अग्रिम पंक्ति के योद्धाओं का, हर देशवासी का अभिनंदन करता हूँ।”
राष्ट्रपति ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ इस लड़ाई में भारत के सामर्थ्य का प्रमाण कोविड टीकाकरण कार्यक्रम में नजर आया है। एक साल से भी कम समय में 150 करोड़ से भी ज्यादा कोविड टीके लगाने का रिकॉर्ड पार किया। सरकार ने 8000 से अधिक जन-औषधि केंद्रों के माध्यम से कम कीमत पर दवाइयां उपलब्ध कराकर, इलाज पर होने वाले खर्च को कम किया है।उन्होंने कहा,“ मेरी सरकार की संवेदनशील नीतियों के कारण देश में अब स्वास्थ्य सेवाएँ जन साधारण तक आसानी से पहुंच रही हैं। अस्सी हजार से अधिक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स और करोड़ों की संख्या में जारी आयुष्मान भारत कार्ड से गरीबों को इलाज में बहुत मदद मिली है।
कोरोना संकट के दौरान भारत में दुनिया का सबसे बड़ा खाद्य कार्यक्रम :कोविंद
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज कहा कि कोरोना संकट के दौरान दुनिया के कई देशों को खाद्य संकट का सामना करना पड़ा जबकि भारत में विश्व का सबसे बड़ खाद्य कार्यक्रम चलाया गया ।श्री कोविंद ने संसद के संयुक्त अधिवेशन को सम्बोधित करते हुए कहा कि एक सौ साल के सबसे बड़े कोरोना संकट के दौरान कोई गरीब भूखा नहीं रहे इसके लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना शुरु की गयी । इससे तहत करीब 80 करोड़ लोगों को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराया गया । इस योजना पर दो लाख 60 हजार करोड़ रुपये खर्च की जा रही है ।उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े खाद्य कार्यक्रम को सरकार ने मार्च 2022 तक बढा दिया है ।
देश की सुरक्षा के लिए संकल्पबद्ध होकर काम कर रही है सरकार: कोविंद
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज कहा कि सरकार देश की सुरक्षा के लिए दृढ संकल्प के साथ काम कर रही है जिससे रक्षा क्षेत्र में आत्म निर्भरता निरंतर बढ रही है।श्री कोविंद ने सोमवार को संसद के बजट सत्र के पहले दिन केन्द्रीय कक्ष में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार के कदमों से देश रक्षा क्षेत्र में आत्म निर्भरता की ओर तेजी से बढ रहा है।उन्होंने कहा , “ मेरी सरकार देश की सुरक्षा के लिए दृढ़ संकल्पित होकर काम कर रही है। सरकार की नीतियों की वजह से डिफेंस सेक्टर में, विशेषकर रक्षा उत्पादन में, देश की आत्म-निर्भरता लगातार बढ़ रही है।”सैन्य बलों के आधुनिकीकरण की दिशा में किये जा रहे कार्यों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा , “ वर्ष 2020-21 में सैन्य बलों के आधुनिकीकरण के लिए जो भी स्वीकृतियों प्रदान की गयी उनमें 87 फीसदी उत्पादों में मेक इन इंडयिा को प्राथमिकता दी गयी।”
सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मेक इन इंडिया का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 2020-21 में 98 प्रतिशत उपकरणों से जुड़े अनुबंधों में मेक इन इंडिया को प्राथमिकता दी गयी है।सशस्त्र बलों की जरूरतों को देश में ही पूरा करने के सरकार के प्रयासों तथा सफलता के बारे में उन्होंने कहा, “ हमारी सेनाओं ने 209 ऐसे साजो सामान की सूची भी जारी की है जिन्हें अब विदेश से नही खरीदा जायेगा। ”उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि सेनाओं की जरूरत का सामान भारत में ही विकसित हो तथा भारत में ही निर्मित हो। इसे ध्यान में रखते हुए हिन्दुस्तान ऐरोनाटिक्स लिमिटेड ( एचएएल) के साथ 83 एलसीए तेजस लड़ाकू विमान बनाने के लिए अनुबंध किये गये हैं। सरकार ने आर्डिनेन्स फैक्ट्रियों को रक्षा क्षेत्र के सात सार्वजनिक उपक्रमों कारूप देने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं। इसके अलावा रक्षा क्षेत्र में निजी सेक्टर और स्टार्ट अप को तेजी सेबढावा देने के लिए भी सरकार प्रतिबद्ध है।
कृषि उत्पादन और निर्यात में रिकार्ड वृद्धि : कोविंद
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने आज कहा कि कोरोना संकट केे बावजूद किसानों के अथक प्रयास से देश में खाद्यान्न और बागवानी फसलों का रिकार्ड उत्पादन और निर्यात हुआ है ।श्री कोविंद ने संसद के संयुक्त अधिवेशन को सम्बोधित करते हुए कहा कि वर्ष 2020..21 के दौरान 30 करोड टन खाद्यान्नों तथा 33 करोड़ टन बागवानी फसलों का उत्पादन हुआ । उन्होंने कहा कि फसलों के रिकार्ड उत्पादन के साथ ही रिकार्ड मात्रा में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर इसकी खरीद भी की गई है जिससे किसानों को आर्थिक लाभ हुआ है ।राष्ट्रपति ने कहा कि रबी फसलों के दौरान 433 लाख टन गेंहू की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गई जिससे 50 लाख किसानों को फायदा हुआ । इसी तरह से खरीफ सीजन के दौरान 900 लाख टन धान की खरीद की गयी जिससे एक करोड़ 30 लाख किसानों को आर्थिक लाभ हुआ ।उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 .. 21 के दौरान कृषि निर्यात में 25 प्रतिशत की वृद्धि हुयी और यह तीन लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है । बागवानी और शहद उत्पादन से भी किसानों को आय के नये स्राेत खुले हैं। शहद का उत्पादन एक लाख 25 हजार टन पहुंच गया है । वर्ष 2014..15 की तुलना में इसमें 55 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वर्ष 2014..15 की तुलना में शहद का निर्यात 102 प्रतिशत बढ गया है ।
वस्त्र उद्योग में भारत की क्षमताओं को पुन: मजबूत बना रही है सरकार
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार द्वारा वस्त्र उद्योग के विकास के लिए 4500 करोड़ रुपये के निवेश से सात मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन और ऐपेरल पार्क बनाये जा रहे हैं, जिससे देश में उत्पादन की समन्वित श्रंखला का विकास होगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।राष्ट्रपति ने कहा कि इससे इन क्षेत्रों में विदेशी निवेश भी आकर्षित होगा। श्री कोविंद संसद के बजट अधिवेशन के प्रारंभ में संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में आयोजित दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, “मेरी सरकार नये क्षेत्रों के साथ-साथ उन पारंपरिक क्षेत्रों में भी देश की स्थिति को पुन: मजबूत बना रही है, जिनमें हमारे पास सैकड़ों वर्षों का अनुभव है। इसी दिशा में मेरी सरकार द्वारा वस्त्र उद्योग के विकास के लिए करीब 4500 करोड़ रुपये के निवेश से सात मेगा समन्वित वस्त्र क्षेत्र और परिधान उद्योग-पार्क बनाए जा रहे हैं।”श्री कोविंद ने कहा, “इससे देश में एक समन्वित वस्त्र मूल्यवर्धन श्रृंखला तैयार होगी।”उन्होंने कहा कि ये मेगा वस्त्र उद्योग पार्क भारतीय निवेशकों के साथ-साथ विदेशी निवेशकों को भी अकर्षित करेंगे तथा रोजगार के लाखों नए अवसर पैदा करेंगे।