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आईएन-स्‍पेस में भारत की स्पेस इंडस्ट्री में क्रांति लाने की बहुत क्षमता है: मोदी

अहमदाबाद : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को गुजरात में अहमदाबाद के बोपल में कहा कि आईएन-स्‍पेस में भारत की स्पेस इंडस्ट्री में क्रांति लाने की बहुत क्षमता है।श्री मोदी ने आईएन-स्पेस मुख्यालय के उद्घाटन के अवसर पर कहा कि आज 21वीं सदी के आधुनिक भारत की विकास यात्रा में एक शानदार अध्याय जुड़ा है। इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एन्ड ऑथराइजेशन सेंटर यानि आईएनएसपीएसीइ (आईएन-स्‍पेस) के हेडक्वार्टर के लिए सभी देशवासियों को और विशेष कर के साइंटिफिक कम्युनिटी को मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

उन्होंने कहा कि आजकल हम देखते हैं कि सोशल मीडिया पर युवाओं को कुछ एक्साइटिंग या इन्टरेस्टिंग पोस्ट करना होता है, तो उससे पहले वो अलर्ट करते हैं और अलर्ट में मेसेजिंग करते हैं- ‘वॉच दिस स्पेस’ भारत की स्पेस इंडस्ट्री के लिए, आईएन-स्‍पेस का लॉन्च होना, ‘वॉच दिस स्पेस’ मोमेन्ट की तरह ही है। आईएन-स्‍पेस, भारत के युवाओं को, भारत के बेस्ट साइंटिकफिक माइंडस को अपना क्षमता दिखाने का एक अभूतपूर्व अवसर है। चाहे वो सरकार में काम कर रहे हों या निजी क्षेत्र में, आईएन-स्‍पेस सभी के लिए बेहतरीन अवसर लेकर के आया है।

उन्होंने कहा,’आईएन-स्‍पेस में भारत की स्पेस इंडस्ट्री में क्रांति लाने की बहुत क्षमता है और इसलिए मैं आज जरूर इस बात को कहूंगा कि ‘वॉच दिस स्पेस’ आईएन-स्‍पेस इज फोर स्पेस, आईएन-स्‍पेस इज फोर पेस,आईएन-स्‍पेस इज फोर एस।’उन्होंने कहा कि दशकों तक भारत में स्पेस सेक्टर से जुड़ी प्राइवेट इंडस्ट्री को सिर्फ वेंडर के तौर पर ही देखा गया। सरकार ही सारे स्पेस मिशन्स और प्रोजेक्टस पर काम करती थी। हमारे प्राइवेट सेक्टर वाले लोगों से जरूरत के हिसाब से बस कुछ पार्टस और इक्विपमेंट्स ले लिए जाते थे। प्राइवेट सेक्टर को सिर्फ वेंडर बना देने की वजह से उसके सामने आगे बढ़ने के रास्ते हमेशा अवरुद्ध रहे, एक दीवार खड़ी रही। जो सरकारी व्यवस्था में नहीं है, भले ही वो कोई वैज्ञानिक हो या फिर कोई युवा, वो स्पेस सेक्टर से जुड़े अपने आइडियाज पर काम ही नहीं कर पाते थे और इन सब में नुकसान किसका हो रहा था। नुकसान देश का हो रहा था।

श्री मोदी ने कहा कि इतिहास इस बात गवाह है कि आखिर बिग आइडियाज ही तो विनर्स बनाते हैं। स्पेस सेक्टर में रिफॉर्म करके, उसे सारी बंदिशों से आजाद करके, आईएन-स्‍पेस के माध्यम से प्राइवेट इंडस्ट्री को भी सपोर्ट करके देश आज विनर्स बनाने का अभियान शुरू कर रहा है।उन्होंने कहा आज प्राइवेट सेक्टर सिर्फ वेंडर बनकर नहीं रहेगा बल्कि स्पेस सेक्टर में बिग विनर्स की भूमिका निभाएगा। भारत के सरकारी स्पेस संस्थानों का सामर्थ्य और भारत के प्राइवेट सेक्टर का पैशन जब एक साथ जुड़ेगा तो उसके लिए आसमान भी कम पड़ेगा।उन्होंने कहा कि इवन स्काय इज नोट लिमिट जैसे भारत के आईटी सेक्टर का सामर्थ्य आज दुनिया देख रही है, वैसे ही आने वाले दिनों में भारत के स्पेस सेक्टर की ताकत नई ऊंचाई पर होगी। आईएन-स्‍पेस, स्पेस इंडस्ट्री, स्टार्टअप्स और इसरो के बीच ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी को भी फेसिलिएट करने का काम करेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि प्राइवेट सेक्टर, इसरो (आईएसआरओ) के रिसोर्सेज का इस्तेमाल भी कर सके, इसरो के साथ मिलकर काम कर सके, ये भी सुनिश्चित किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि आईएन-स्‍पेस हेडक्वार्टर का लोकार्पण आज हो रहा है, एक प्रकार से गतिविधि का केंद्र बनता जा रहा है। मुझे इस बात की भी खुशी है कि गुजरात अलग-अलग सेक्टर्स में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के बड़े संस्थानों का सेंटर बनता जा रहा है। मैं भूपेंद्र भाई और उनकी पूरी टीम को, गुजरात सरकार के हमारे सभी साथियों को उनके इस इनिशिएटिव के लिए प्रोएक्टिव हर नीतियों को सपोर्ट करने के लिए मैं हृदय से आभार व्यक्त करता हूं, अभिनंदन करता हूं।

उन्होंने कहा कि आपको मालूम है अभी कुछ सप्ताह पहले ही जामनगर में डब्ल्यूएचओ के ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन का काम शुरू हुआ है। राष्ट्रीय रक्षा यूनिवर्सिटी हो, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी हो, पंडित दीनदयाल एनर्जी यूनिवर्सिटी हो, नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी हो, नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन हो, चिल्ड्रन’स यूनिवर्सिटी हो, कितने ही नेशनल इंस्टीट़्यूट्स यहां आसपास में ही हैं। भास्कराचार्य इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस एप्लीकेशन एन्ड जियोइनफॉर्मेटिक्स यानी बीआईएसएजी इसकी स्थापना ने देश के अन्य राज्यों की भी प्रेरणा बन गई है। इन बड़े संस्थानों के बीच अब आईएन-स्‍पेस भी इस जगह की पहचान बढ़ाएगा।

श्री मोदी ने कहा,’मेरा देश के युवाओं से, विशेष कर गुजरात के युवाओं से आग्रह है कि वो इन बेहतरीन भारतीय संस्थाओं का पूरा लाभ उठाएं। मुझे पूरा भरोसा है, आपकी सक्रिय भूमिका से भारत स्पेस सेक्टर में नई ऊंचाई हासिल करेगा और आज के इस शुभ अवसर पर मैं खासकर के जो प्राइवेट सेक्टर ने उत्साह के साथ भाग लिया है, जो नौजवान नए हौसले, नए संकल्पों के साथ आगे आए, उनको बधाई भी देता हूं और बहुत-बहुत शुभकामनाएं भी देता हूं। मैं इसरो के सभी वैज्ञानिकों को भी और उनकी पूरी टीम को भी अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं, बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं।’उन्होंने कहा,’मुझे विश्वास है गोएंका प्राइवेट सेक्टर में बहुत सफल व्यक्तित्व रहा है, उनके नेतृत्व में आईएन-स्‍पेस सच्चे अर्थ में जो सपना हमारा है उस सपने को पूरा करने का सामर्थ्य ले के आगे बढ़ेगा। इन्हीं अपेक्षाओं के साथ अनेक-अनेक शुभकामनाओं के साथ, मैं बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं।’

भारत ने अंतरिक्ष क्षेत्र में एक बहुत बड़ा पड़ाव हासिल कर लिया है: शाह

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथ से भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केन्द्र (इन-स्‍पेस) के मुख्यालय के उद्घाटन के साथ ही भारत ने अंतरिक्ष क्षेत्र में एक बहुत बड़ा पड़ाव हासिल कर लिया है।श्री मोदी ने शुक्रवार को गुजरात के अहमदाबाद में भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केन्द्र (इन-स्‍पेस) के मुख्यालय का उद्घाटन किया। इस मौके पर श्री अमित शाह और राज्य के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति कार्यक्रम में उपस्थित थे।

श्री अमित शाह ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि आज श्री मोदी जी के हाथ से (इन-स्‍पेस) के मुख्यालय के उद्घाटन के साथ ही भारत ने अंतरिक्ष क्षेत्र में एक बहुत बड़ा पड़ाव हासिल कर लिया है। आजादी के अमृत महोत्सव के वर्ष में अंतरिक्ष के क्षेत्र में अब तक भारत और इसरो (आईएसआरओ) ने जो कुछ भी उपलब्धियां प्राप्त की थी उन्हें प्रैक्टिकल उपयोग में लाना, जमीन पर उतारना और इसके साथ-साथ निजी क्षेत्र की कंपनियों और स्टार्टअप्स को इसके साथ जोड़कर एक ऐसा इकोसिस्टम खड़ा करना कि अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत बहुत बड़ी छलांग लगाने के लिए आगे आए, यह कल्पना प्रधानमंत्री श्री मोदी ने दो साल पहले की थी जिसकी शुरुआत अंतरिक्ष क्षेत्र में प्रमुख सुधारों से हुई। इससे भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र में अपार संभावनाओं के द्वार तो खुलेंगे ही साथ-साथ भारतीय अंतरिक्ष उद्योग हमारी अर्थव्यवस्था में एक बहुत बड़ा कंट्रीब्यूटर भी बनेगा।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज हम आज़ादी के 75वें साल में हैं लेकिन 2014 से पहले की सरकारों ने नीति निर्धारण में जितना काम होना चाहिए था वो नहीं किया। अनेक क्षेत्र ऐसे थे जो भारतीय लोगों, समाज और भारतीय टेक्नोक्रेट्स के लिए अनछुए रह गए क्योंकि इनके अनुकूल नीति ही नहीं थी। मोदी जी ने 2014 में देश के प्रधानमंत्री बनने के बाद सबसे बड़ा परिवर्तन जो किया तो वो ये कि भारत सरकार ने अनेक क्षेत्रों में नीति निर्धारण करके और उनके अनुरूप कार्यक्रमों की रचना करके अनेक क्षेत्रों की संभावनाओं को खोल दिया और अंतरिक्ष इनमें से एक है।

उन्होंने कहा कि नई ड्रोन नीति, आयुष्मान भारत के साथ जोड़कर नई स्वास्थ्य नीति, मेक इन इंडिया के माध्यम से मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की नीति, स्टैंड अप इंडिया, स्किल्ड इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, डिजिटल इंडिया, उड़ान, आत्मनिर्भर भारत, पीएलआई योजना, ग्रीन इंडिया मिशन, स्वच्छ भारत, नेशनल पॉलिसी ऑन इलेक्ट्रॉनिक्स, डीबीटी, सुलभ भारत, मिशन शक्ति, जीएसटी को जमीन पर उतारना और स्मार्ट सिटी जैसी कई नीतियां और कार्यक्रम इस प्रकार से बनाए गए कि नए क्षेत्रों के लिए भारत का बाजार भी खुला और भारतीय युवाओं को एक मंच भी मिला जहाँ से वो विश्व के युवाओं के साथ ही स्पर्धा कर सके। आज मोदी जी ने जो इन-एसपीएसीइ (इन-स्पेस) मुख्यालय का उद्घाटन किया है वह हमारे लिए अंतरिक्ष क्षेत्र में बहुत सारी संभावनाओं को जमीन पर उतारने का काम करेगा।

श्री शाह ने कहा कि 21वीं सदी का भारत आज जिस अप्रोच के साथ आगे बढ़ रहा है और जो सुधार कर रहा है, उनका मूल आधार प्रधानमंत्री का भारत के लोगों की क्षमता पर अटूट विश्वास है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह कार्यक्रम भारत को अंतरिक्ष के क्षेत्र में बहुत ऊंचाई पर पहुंचाने में बहुत बड़ा कदम सिद्ध होने वाला है। मोदी जी ने स्पेस क्षेत्र, स्पेस टेक्नोलॉजी, स्पेस एप्लीकेशन और इसका कल्याणकारी उपयोग, इन सभी को संजोने के लिए इसकी कल्पना की थी और आज का यह कार्यक्रम उसी कल्पना की एक कड़ी है।

उन्होंने श्री मोदी के एक वाक्य का उल्लेख करते हुए कहा कि आज अंतरिक्ष के क्षेत्र में जरूरत इस बात की है कि प्रतिभा पर किसी तरह की बंदिश न हो चाहे वह प्रतिभा सार्वजनिक क्षेत्र की हो या निजी क्षेत्र की। यहां से निजी क्षेत्र की प्रतिभाओं को प्लेटफॉर्म भी मिलेगा और सहायता भी और इसके साथ ही उनकी खोजों को जमीन पर उतारने के लिए रास्ता भी यहीं से निकाला जाएगा।(वार्ता)

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