
7वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। योग दिवस से पहले देश भर में योग से संबंधित विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। ऐसे में एक ऐसे संस्थान की बारे में जानेंगे जिसने 75 दिन तक लगातार सूर्य नमस्कार कर विश्व रिकॉर्ड बनाया है। इस दौरान 270 युवाओं में पांच साल की बच्ची से लेकर लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारियों ने 2 लाख 51 हजार सूर्य नमस्कार किए।
साहसिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान अपनी अहम भूमिका निभा रहा है। एक तरफ जहां संस्थान ने यूरोप की सबसे ऊंची चोटी पर सूर्य नमस्कार और योगासन करने का विश्व रिकॉर्ड बनाया, वहीं 75 घंटे लगातार सूर्य नमस्कार कर एक कीर्तिमान स्थापित किया।
माउंट एल्ब्रुस पर सूर्य नमस्कार और योगासन का विश्व रिकॉर्ड
दरअसल हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान ने 15 अगस्त 2019 को यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रुस पर 18 हजार 600 फीट पर सूर्य नमस्कार और योगासन करने का विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया है। सूर्य नमस्कार के इस वर्ल्ड रिकॉर्ड में एनसीसी के 28 कैडेट भी शामिल रहे।
2 लाख 51 हजार सूर्य नमस्कार का रिकॉर्ड
इसके साथ ही नेशनल यूथ फेस्टिवल 2021 के दौरान एचएमआई ने 75 घंटे तक लगातार दिन-रात बिना रुके सूर्य नमस्कार का आयोजन कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। जिसमें एचएमआई के अंदर 270 युवाओं मे 2 लाख 51 हजार सूर्य नमस्कार पूर्ण किए।
एचएमआई के प्रधानाचार्य ग्रुप कैप्टन जय किशन कहते हैं कि संस्थान ने कई रिकॉर्ड बनाए हैं। इसमें 12 जनवरी को यूथ फेस्टिवल के असवस पर एचएमआई ने सूर्य नमस्कार का विश्व रिकॉर्ड बनाया है। इसमें 270 युवाओं में पांच साल की बच्ची से लेकर लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारी जुड़े। इसमें सभी दिन-रात अलग-अलग शिफ्ट में सूर्य नमस्कार किया।
दार्जिलिंग में स्थिति है हिमालय पर्वतारोहण संस्थान
दार्जिलिंग में स्थिति हिमालय पर्वतारोहण संस्थान यानी एचएमआई की वर्ष 1954 में पर्वतारोहण और साहसिक गतिविधियों में प्रशिक्षण देने के लिए इस संस्थान का गठन किया गया। संस्था का मूल उद्देश्य हिमालय की प्राकृतिक सुंदरता से लोगों को रूबरू कराने के साथ-साथ साहसिक गतिविधियों में हिस्सा लेने और प्रचार करने के लिए भारतीय और दुनियाभर के युवाओं को प्रोत्साहित करना और प्रशिक्षण करना है।
एचएमआई मार्च से मई और सितंबर से दिसंबर तक 28 दिन की बेसिक और एडवांस माउंट चेनिंग कोर्स चलाता है। यहां राहत और बचाव, साहसिक कार्य, अग्रिम पर्वतारोहण और दिव्यांगों के लिए विशेष कक्षाएं जैसे पाठ्यक्रम भी चलाता है। जिसमें पुरुष और महिलाएं सबको प्रशिक्षित किया जाता है। संस्थान द्वारा दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट समेत विभिन्न चुनौतीपूर्ण चोटियों के लिए नियमित अभ्यास आयोजित किए जाते हैं।
इस संस्थान के अन्य आकर्षणों में से एक पर्वतारोहण संग्रहालय शामिल है, जिसमें माउंट एवरेस्ट अभियानों से जुड़ी यादगार चीजों को संजोया गया है। इस परिसर में माउंट एवरेस्ट की उच्चतम बिंदु पर चढ़ने वाले पहले भारतीय व्यक्ति तेनजिंग नोर्गे की प्रतिमा है।