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पंचायती राज विभाग और IIM लखनऊ में ऐतिहासिक समझौता

पंचायत प्रतिनिधियों को मिलेगा प्रशासनिक, वित्तीय और तकनीकी प्रशिक्षण

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में पंचायत स्तर पर सुशासन, पारदर्शिता और आधुनिक प्रबंधन की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। पंचायती राज विभाग और भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) लखनऊ के बीच आज एक ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। इस पहल का मकसद पंचायत प्रतिनिधियों को न केवल प्रशासनिक और वित्तीय दृष्टि से सक्षम बनाना है, बल्कि उन्हें नई तकनीकों, विशेषकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसी आधुनिक विधाओं से भी प्रशिक्षित करना है। इस समझौते के तहत पंचायत प्रतिनिधियों के लिए 5 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिन्हें अलग-अलग बैचों में संचालित किया जाएगा। इस दौरान प्रतिनिधियों को निर्णय लेने की क्षमता, संसाधन प्रबंधन, पारदर्शिता और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन से जुड़ी बारीकियों की ट्रेनिंग दी जाएगी। समारोह में पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर, प्रमुख सचिव पंचायती राज अनिल कुमार, निदेशक पंचायती राज अमित कुमार सिंह और IIM लखनऊ की ओर से प्रो. मधुमिता चक्रवर्ती (चेयरपर्सन, मैनेजमेंट डेवलपमेंट प्रोग्राम) उपस्थित रहीं।

मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने इसे “बेहद दूरगामी और परिवर्तनकारी कदम” करार देते हुए कहा—”पंचायती राज विभाग IIM जैसे शीर्ष संस्थान से जुड़कर जनप्रतिनिधियों को नई सोच और आधुनिक प्रशिक्षण उपलब्ध कराएगा। यह कदम पंचायतों में व्यापक बदलाव का सूत्रधार बनेगा। मैं विभाग के प्रमुख सचिव और निदेशक को इस पहल के लिए बधाई देता हूँ।” प्रमुख सचिव अनिल कुमार ने कहा कि इस समझौते से पंचायत प्रतिनिधियों में बेहतर नेतृत्व क्षमता, पारदर्शिता और वित्तीय अनुशासन विकसित होगा। उन्होंने कहा— “हमारा उद्देश्य है कि योजनाओं का क्रियान्वयन और भी प्रभावी व पारदर्शी बने। IIM लखनऊ के सहयोग से यह प्रयास सफल होगा और पूरे प्रदेश की पंचायतें इसका लाभ उठाएंगी।”*निदेशक अमित कुमार सिंह ने कहा कि पंचायतें लोकतंत्र की जड़ हैं और यह MoU उन्हें नई तकनीकों से जोड़ने का बड़ा अवसर है। उन्होंने कहा—”इस प्रशिक्षण से पंचायत प्रतिनिधियों को आधुनिक प्रबंधन पद्धतियों और AI जैसी तकनीकों की समझ विकसित होगी। यह पहल उत्तर प्रदेश की पंचायतों को देश में रोल मॉडल बनाएगी।”

IIM लखनऊ की प्रो. मधुमिता चक्रवर्ती ने भी इसे एक “महत्वपूर्ण अवसर” बताते हुए कहा— “IIM लखनऊ हमेशा समाज और प्रशासन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध रहा है। पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशिक्षित कर हम जमीनी स्तर पर सुशासन और नवाचार को आगे बढ़ाएंगे।”विशेषज्ञों का मानना है कि यह MoU पंचायतों को भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार करेगा और उन्हें प्रशासनिक, वित्तीय एवं तकनीकी रूप से सशक्त बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

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