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युवाओं के हर सुझाव, हर विचार और हर नवप्रवर्तन को सरकार का पूरा समर्थन-प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को देश में तेजी से बढ़ रहे स्टार्टअप उद्यमों के लिए उनके फलने-फूलने के परिवेश को और अच्छा बनाने का आश्वासन देते हुए कहा कि स्टार्टअप इकाइयां क्षेत्रीय विकास तथा महिलाओं के लिए अवसरों में असंतुलन को दूर करने में बड़ी भूमिका निभा सकती हैं।श्री मोदी आज स्टार्टअप इंडिया सप्ताह के दौरान युवा स्टार्टअप उद्यमियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बातचीत कर रहे थे। स्टार्टअप सप्ताह कल सम्पन्न हो रहा है।इस मौके पर उन्होंने कहा कि नये विचारों और नवप्रवर्तन के साथ काम करने वाले भारत के युवा स्टार्टअप उद्यमी दुनिया भर में देश का परचम लहरा रहे और समस्याओं के समाधान प्रस्तुत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस दशक में सरकार देश में नवप्रवर्तन, उद्यमिता और स्टार्टअप इकोसिस्टम (परिवेश) को मजबूत करने के लिए सरकार नीतियों और नियमों में बड़े पैमाने पर बदलाव कर रही है।

उन्होंने कहा, “ इन परिवर्तनों के तीन अहम पहलू हैं-पहला, उद्यमिता को, इनोवेशन (नवप्रवर्तन) को सरकारी प्रक्रियाओं के जाल वह नौकरशाही के अलग अलग खांचों से मुक्त कराना। दूसरा, इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए संस्थाग व्यवस्था का निर्माण करना। और तीसरा, युवा नवप्रवर्तकों, युवा उद्यमियों को शुरू में उंगली पकड़ा कर सहारा देना है।” उन्होंने जोर दिया कि युवाओं के हर सुझाव, हर विचार और हर नवप्रवर्तन को सरकार का पूरा समर्थन मिलेगा।प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर 16 जनवरी को ‘राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस’ के रूप में मनाने की भी घोषणा की। उन्होंने वर्ष 2016 में 16 में इसी दिन सरकार की एक बड़ी पहल स्टार्टअप इंडिया की शुरूआत की थी और स्टार्टअप इकाइयों के लिए कर, पेटेंट एवं कापीराइट्स , श्रम एवं पर्यावरण कानूनों के अनुपालन में कई रियायतें देने के साथ उद्यमपूंजी कोष सुलभ कराने की पहल की थी।

प्रधानमंत्री ने कहा युवा उद्यमियों से कहा, “ भविष्य की पौद्योगिकी से जुड़े अनुसंधान और विकास पर निवेश आज सरकार की प्राथमिकता है। देश में 2015 में बमुश्किल 500 स्टार्टअप थे आज 60 हजार से अधिक स्टार्टअप हो गए है। हमारा स्टार्टअप इकोसिस्टम दुनिया में अग्रणी स्थान पर पहुंच गया है।”प्रधानमंत्री ने भारतीय स्टार्टअप उद्यमियों से कहा कि भारत बहुत बड़ और बहुत विविधतापूर्ण बाजार है। देश में अवसरों की विशाल संभवना है। उन्हें उन्हें स्थानी अवसरों का लाभ उठाने, स्थानीय चुनौतियों का समाधान प्रस्तुत करने के लिए प्रेरित करने के साथ कहा कि वे अपने सपने को वैश्विक बनाएं। उन्होंने कहा , “ इस मंत्र को याद रखिए, भारत के स्टार्ट-अप्स खुद को आसानी से दुनिया के दूसरे देशों तक पहुंचा सकते हैं।”

उन्होंने देश में स्टार्टअप की सफलताओं का उदाहरण देते हुए कहा कि पहले अच्छे समय भी किसी कारोबार को बड़ा बनने में बड़ा समय लगता था लेकिन हमारी स्टार्टअप इकाइयों ने कोरोना की आपदा को अवसर में बदला और आपदा काल में बीते साल तो 42 यूनिकॉर्न देश में बने हैं। उल्लेखनीय है कि यूनीकॉर्न की बाजार हैसियत कम से कम एक अरब डारल होती है। उन्होंने कहा , “ हज़ारों करोड़ रुपए की ये कंपनियां आत्मनिर्भर होते, आत्मविश्वासी भारत की पहचान हैं। भारत आज तेज़ी से यूनिकॉर्न की सेंचुरी लगाने की तरफ बढ़ रहा है।”प्रधानमंत्री ने इस क्षेत्र में भारत की तेज छलांग का उदाहरण देते हुए कहा, “ मैं मानता हूं, भारत के स्टार्ट-अप्स का स्वर्णिम काल तो अब शुरु हो रहा है। नवप्रवर्तन को लेकर भारत में जो अभियान चल रहा है, उसी का प्रभाव है कि ‘ वैश्विक इन्नोवेशन इंडेक्स ’में भी भारत की रैंकिंग में बहुत सुधार आया है।”

उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 में इस रैंकिंग में भारत 81 नंबर पर था। अब इनोवेशन इंडेक्स में भारत 46 नंबर पर है। वर्ष 2013-14 में जहां चार हजार पेटेंट को स्वीकृति मिली थी, वहीं पिछले वर्ष 28 हजार से ज्यादा पेटेंट ग्रांट किए गए हैं। वर्ष 2013-14 में जहां करीब 70 हजार ट्रेडमार्क पंजीकृत हुए थे, वहीं 2020-21 में ढाई लाख से ज्यादा ट्रेडमार्क रजिस्टर किए गए हैं। वर्ष 2013-14 में जहां सिर्फ चार हजार कॉपीराइट्स मंजूर किए गए थे, पिछले साल इनकी संख्या बढ़कर 16 हजार के भी पार हो गई है।प्रधानमंत्री ने कहा कि चाहे नए ड्रोन के नियम हों, या फिर नई अंतरिक्ष नीति , सरकार की प्राथमिकता, ज्यादा से ज्यादा युवाओं को नवप्रवर्तन का का मौका देने की है।उन्होंने कहा कि देश में बौद्धिक संपदा अधिकार के पंजीकरण के नियम काफी सरल कर दिया है, देश में बचपन से ही विद्यार्थियों को नवप्रवर्तन के प्रति आकर्षण पैदा करने के काम को संस्थागत बनाने का प्रयास है। नौ हजार से ज्यादा अटल टिंकरिंग लैब्स, आज बच्चों को स्कूलों में नवप्रवर्तन करने, नए विचारों पर काम करने का मौका दे रही हैं।

उन्होंने कहा किइस दशक को भारत का टेकाथॉन कहा जा रहा है।आज के संवाद में कृषि, स्वास्थ्य, उद्यम प्रणाली, अंतरिक्ष, उद्योग 4.0, सुरक्षा, फिनटेक, पर्यावरण आदि सहित विभिन्न क्षेत्रों के 150 के करीब स्टार्टअप ने भाग लिया। ये इकाइयां भविष्य की प्रौद्योगिकी, विनिर्माण क्षेत्र में चैंपियंस का निर्माण औरग्रोइंग फ्रॉम रूट्स, नजिंग द डीएनए, फ्रॉम लोकल टू ग्लोबल, सतत विकास सहित विभिन्न् विषयों पर काम कर रही हैं।श्री मोदी ने कहा कि 2016 में स्टार्टअप इंडिया की बड़ी पहल के बादसरकार ने स्टार्टअप उद्योगों की प्रगति और उन्नति को बढ़ावा देने के लिए एक सक्षम वातावरण तैयार करने की दिशा में काम किया है। इससे देश में क्षेत्र में अत्यधिक प्रगति हुई है। भारत आज दुनिया में स्टार्टअप इकाइयों का तीसरा सबसे बड़ा हब है।‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के एक भाग के रूप में, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग द्वारा 10 से 16 जनवरी, 2022 तक एक सप्ताह चलने वाले कार्यक्रम, ‘सेलिब्रेटिंग इनोवेशन इको-सिस्टम’, का आयोजन किया है। यह आयोजन स्टार्टअप इंडिया पहल के शुभारंभ की छठी वर्षगांठ का प्रतीक है।

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