UP Live

किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों से जोड़ने की पहल है विकसित कृषि संकल्प अभियान: सूर्य प्रताप शाही

अब तक 4,959 स्थानों पर आयोजित किये जा चुके हैं कार्यक्रम, 10,125 स्थानों पर आयोजित होना है कार्यक्रम.अभियान में 4,58,000 मिनीकिट वितरण की तैयारी, दलहन, तिल, मूंगफली और मिलेट्स के मिनीकिट किये जा रहे वितरित.अभियान में अब तक 8,39,617 किसानों ने लिया भाग, 550 वैज्ञानिकों ने उन्नत कृषि विधाओं के बारे में किया जागरूक.

लखनऊ : भारतीय कृषि अनुसंधान, कृषि विज्ञान केन्द्र, कृषि विश्वविद्यालयों और राज्य सरकार के विभिन्न कृषि विभागों द्वारा प्रदेश के सभी 75 जनपदों में ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान-2025’ का आयोजन किया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों, उन्नत कृषि पद्धतियों और नवीनतम कृषि प्रजातियों की जानकारी प्रदान करना है। इसके तहत 29 मई से 12 जून 2025 तक प्रदेश में 10,125 स्थानों पर वैज्ञानिक-कृषक संवाद और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

मेरठ में केंद्रीय कृषि मंत्री ने किसानों से लिया फीडबैक

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि अभियान का शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 29 मई को किया था। अभियान के तहत विभिन्न क्षेत्रों में कृषक वैज्ञानिक संवाद आयोजित किये जा रहे हैं। कृषि मंत्री ने जहांगीरपुर और गोसाईगंज, लखनऊ में 456 किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों के बारे में जानकारी दी। इसके बाद 30 मई को बहराइच के केवीके नानपारा और 31 को पथरदेवा के ग्राम बंजरिया में कार्यक्रम आयोजित किए गए। इन कार्यक्रमों में किसान और वैज्ञानिकों के बीच संवाद स्थापित किया गया, जिसमें किसानों की समस्याओं का समाधान और कृषि योजनाओं की जानकारी दी गई। कृषकों की समस्याओं और उनके समाधान पर विशेष ध्यान दिया गया। 1 जून को मेरठ के ग्राम दबथुआ में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री और राज्य कृषि मंत्री ने किसानों से फीडबैक लिया और उनके मुद्दों पर चर्चा की। इसके बाद 2 को हापुड़ के ग्राम पंचायत बनखण्डा में 500 से अधिक किसानों ने भाग लिया और उनके साथ सरकारी योजनाओं की जानकारी साझा की गई।

अब तक पूरे प्रदेश में 4,959 स्थानों पर आयोजित किये गये कार्यक्रम

अभियान के तहत अब तक कुल 4,959 स्थलों पर कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं, जिनमें 8,39,617 किसानों ने भाग लिया है। इन कार्यक्रमों में 550 वैज्ञानिकों और विषय वस्तु विशेषज्ञों ने किसानों को उन्नत कृषि विधाओं के बारे में जागरूक किया। आगामी कार्यक्रमों के तहत 4,58,000 मिनीकिट वितरण की तैयारी है, जिसमें दलहन, तिल, मूंगफली और मिलेट्स जैसी फसलों के मिनीकिट शामिल हैं। अभियान के तहत विभिन्न योजनाओं के लिए कुल 41,067.12 लाख रुपये की वित्तीय स्वीकृति दी गई है। इनमें राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत 16,290 लाख रुपये, फूड और न्यूट्रीशन सिक्योरिटी के लिए 10,276.92 लाख रुपये और कृष्णोन्नति योजना के लिए 14,500.20 लाख रुपये की राशि शामिल है। इस पहल का उद्देश्य प्रदेश में खरीफ फसलों की समय से बुवाई सुनिश्चित करना और किसानों की आमदनी बढ़ाना है।

एक देश, एक कृषि और एक टीम भावना की परिकल्पना संचालित किया जा रहा अभियान

योगी सरकार द्वारा चलाए जा रहे सभी कृषि संबंधी योजनाओं को अभियान में समावेशित किया गया है। इसका उद्देश्य किसानों को लाभकारी योजनाओं से अवगत कराना और उन्हें कृषि क्षेत्र में समृद्धि की दिशा में प्रेरित करना है। अभियान में भागीदार जनप्रतिनिधियों को भी अर्धशासकीय पत्र भेजे गए हैं, ताकि वे अपने क्षेत्रों में इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सक्रिय रूप से भाग लें। अभियान के अंत में ‘एक देश, एक कृषि, एक टीम’ की भावना के साथ यह परिकल्पना की जा सकती है कि यदि हम सब मिलकर काम करें, तो हम देशभर में विकसित कृषि के लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं।

अनवरत नौवें दिन किसानों के बीच पहुंचे वैज्ञानिक, हरदोई, बहराइच व मैनपुरी में किसानों से संवाद

विकसित कृषि संकल्प अभियान 2025 के अंतर्गत शुक्रवार को कई स्थानों में जनप्रतिनिधियों, वैज्ञानिकों, कृषि व अन्य विभागों के अधिकारियों ने किसानों से संवाद किया।

खेती में नवाचार का प्रयोग करें किसान

हरदोई में सवायजपुर विधायक माधवेन्द्र प्रताप सिंह, ब्लाक प्रमुख अनोखे लाल कश्यप द्वारा विकास खण्ड, हरपालपुर, के ग्राम ललुआमऊ में प्रतिभाग किया गया। विधायक ने कृषकों को गो आधारित प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि खेती में नवाचार का प्रयोग करें, जिससे कृषि लागत कम कर अपनी आय में बढोत्तरी कर सकते है। ब्लाक प्रमुख ने नैनो यूरिया, डी0ए0पी0 एवं बुवाई से पूर्व बीज शोधन करने सम्बन्धी जानकारी दी। उप कृषि निदेशक सतीश कुमार द्वारा केन्द्र सरकार द्वारा चलाई जा रही पीएम किसान, फार्मर रजिस्ट्री, डिजिटल क्राप सर्वे, जैविक खेती, फसल बीमा आदि योजनाओं की जानकारी दी गयी। इस अवसर पर कृषि विभाग के कृषि रक्षा अधिकारी विनीत कुमार शुक्ला, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एके0 दुबे, डॉ. एके तिवारी, भाजपा मण्डल अध्यक्ष कमलेश पल, ग्राम प्रधाान ललुआमऊ प्रेमावती आदि ने प्रतिभाग किया।

किसानों को योजनाओं से कराया गया अवगत

बहराइच के विकासखण्ड चित्तौरा के ग्राम पंचायत डीहा में आयोजित अभियान में जिला कृषि अधिकारी, के0वी0के0 वैज्ञानिक, वरिष्ठ प्राविधिक सहायक ग्रुप-ए सुधाकर शुक्ला व कृषि विभाग के अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे। किसानों को खरीफ फसल उत्पादन तकनीकी, एग्रीकृत जीवनासी प्रबन्धन बिष मुक्त खेती के बारे में जानकारी दी गयी। संतुलित उर्वरक, नैनो यूरिया, डीएपी की उपयोगिता एवं लाभकारी गुणवत्तापूर्ण बीज, मृदा स्वास्थ कार्ड, डीएसआर, मिलेट्स, प्राकृतिक खेती, पीएम किसान निधि, एफपीओ, एनएफ़एसएम, आत्मा कृषि यंत्रीकरण, प्रधानमंत्री फसल बीमा आदि सहित सभी फसलों की उत्पादन तकनीकी सहित अन्य सभी योजनाओं की विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी।

मैनपुरी में भी किसानों से संवाद

उप कृषि निदेशक कृषि रक्षा आगरा मंडल ने जनपद मैनपुरी के विकसित कृषि संकल्प अभियान अंतर्गत ग्राम परौख में प्रतिभाग किया। उक्त मौके पर नवीन कृषि तकनीकी, रोग कीट प्रबंधन पर विस्तृत चर्चा की गई। यहां जिला कृषि अधिकारी केवीके के वैज्ञानिक, विभिन्न विभागों के अधिकारीगण समेत लगभग 150 से अधिक कृषक उपस्थित रहे ।

6075 स्थानों पर चला अभियान

प्रदेश के 75 जनपदों में अब तक लगभग 6075 स्थानों पर विभिन्न गणमान्य जनप्रतिनिधि/कृषि वैज्ञानिकों एवं कृषि एवं सहवर्ती विभाग के अधिकारियों के साथ शुक्रवार को नौवें दिन तक लगभग 10,26,117 से अधिक किसानों ने प्रतिभाग किया। अभियान के संचालन हेतु कृषि निदेशक के द्वारा प्रदेश के 38 अधिकारियों को नामित करते हुए उन्हें निर्देशित किया गया कि नामित जनपदों में प्रतिभाग कर जनपदीय टीम को मार्ग दर्शन एवं सहयोग प्रदान करें।

समृद्ध धान नेटवर्क (SDN) की पहली बैठक

उत्तर प्रदेश सरकार ने किया ‘समृद्ध धान नेटवर्क (SDN)’ का शुभारंभ: जलवायु अनुकूल धान खेती को बढ़ावा देने के लिए पहला बहु-हितधारक मंच उत्तर प्रदेश सरकार ने आज औपचारिक रूप से ‘समृद्ध धान नेटवर्क (SDN)’ का शुभारंभ किया। यह मंच राज्य में डायरेक्ट सीडेड राइस (DSR) तकनीक को बड़े स्तर पर बढ़ावा देने और टिकाऊ, जलवायु-स्मार्ट धान उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए गठित किया गया है।

DSR एक ऐसी आधुनिक कृषि तकनीक है जो पारंपरिक तरीके से रोपाई की जगह सीधे बीज बोने पर आधारित है। इससे 30% तक पानी की बचत, 30% तक मीथेन गैस उत्सर्जन में कमी, और श्रम लागत में भारी कटौती संभव होती है। बदलते मौसम, घटते भूजल स्तर और बढ़ती लागत के बीच, उत्तर प्रदेश जैसे बड़े धान उत्पादक राज्य के लिए यह तकनीक एक व्यवहारिक और लाभकारी विकल्प बन सकती है।

बैठक का शुभारंभ और मुख्य अतिथियों की उपस्थिति

6 जून 2025 को लखनऊ में आयोजित इस पहले SDN सम्मेलन की अध्यक्षता प्रमुख सचिव (कृषि), श्री रविंद्र कुमार ने की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे उत्तर प्रदेश सरकार के माननीय कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही, और विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे राज्य कृषि मंत्री श्री बलदेव सिंह औलख। इस बैठक में सरकारी विभागों, शोध संस्थानों, निजी कंपनियों, किसान उत्पादक संगठनों (FPOs), कृषि विज्ञान केंद्रों (KVKs) और सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों सहित 110 प्रतिभागियों ने भाग लिया।

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही का संबोधन

“हम किसानों को ऐसी टिकाऊ तकनीकों से जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो पानी की बचत करें, लागत घटाएं और पर्यावरण के प्रति ज़िम्मेदार हों। DSR ऐसी ही एक तकनीक है। यदि यह बिना पैदावार घटाए लाभ पहुंचा सकती है, तो इसे व्यापक स्तर पर अपनाना चाहिए। इससे फसल चक्र भी सुधरेगा और किसान पहले कटाई कर सकेंगे। मैं SDN के सभी साझेदारों को बधाई देता हूं।”

राज्य कृषि मंत्री  बलदेव सिंह औलख का वक्तव्य

“मैंने कई वर्षों पहले ही DSR तकनीक में संभावनाएं देखी थीं। यह जल संरक्षण, पर्यावरण संतुलन और श्रमिकों की कमी जैसी समस्याओं का समाधान है। कृषि विभाग को चाहिए कि जरूरी मशीनों पर सब्सिडी की प्राथमिकता तय करे, ताकि DSR को हर किसान तक पहुंचाया जा सके। इससे पैदावार में भी सुधार संभव है।”

SDN बैठक के प्रमुख उद्देश्य

कृषि विभाग के अंतर्गत SDN सचिवालय की स्थापना

SDN कोर समूह की घोषणा और जिम्मेदारियों का निर्धारण

2025 खरीफ सीजन के लिए DSR को बढ़ाने की रणनीति तैयार करना

राज्य की प्राथमिकताओं के साथ SDN के उद्देश्यों का समन्वय

प्रमुख सचिव कृषि रविंद्र कुमार का वक्तव्य

“SDN एक ऐसा मंच बनेगा जो आंकड़ों की निगरानी, सहयोग और तालमेल को बढ़ावा देगा। मैंने टीम को निर्देश दिए हैं कि पूरे राज्य में DSR की उपयुक्तता का नक्शा तैयार करें, KVKs के सहयोग से पारंपरिक किस्मों का परीक्षण करें, और पूर्वी यूपी के 75 DSR क्लस्टर्स की मान्यता करें। सभी सदस्य अपने अनुभव और सुझाव सक्रिय रूप से सचिवालय के साथ साझा करें।”

SDN के सदस्य सचिव और कृषि निदेशक डॉ. जितेंद्र कुमार तोमर का वक्तव्य

“यह मंच किसानों, शोधकर्ताओं, नवाचारकर्ताओं और नीति-निर्माताओं को एक साथ लाता है। हमारा लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में उत्तर प्रदेश में 20 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में DSR तकनीक को अपनाया जाए और संभावनाओं का पूरा लाभ लिया जा सके।”

रणनीतिक भागीदारी और ज्ञान सहयोग

बैठक में बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन और कोका-कोला फाउंडेशन जैसे विकास भागीदारों की विशेष उपस्थिति रही। इन संस्थाओं ने UP एक्सीलरेटर कार्यक्रम के DSR प्रयासों में महत्वपूर्ण सहयोग दिया है।

ISARC (IRRI – South Asia Regional Centre) के निदेशक डॉ. सुधांशु सिंह ने कहा:

“हम SDN और UP एक्सीलरेटर कार्यक्रम के साथ मिलकर काम करने को लेकर उत्साहित हैं। ISARC वैज्ञानिक शोध और प्रशिक्षण के माध्यम से टिकाऊ धान प्रणाली को मजबूत करेगा। अब ज़रूरत है ट्रेनर को ट्रेन करने और किसानों के लिए फील्ड विज़िट आयोजित करने की।”

SDN की पृष्ठभूमि और अब तक की प्रगति

SDN लॉन्च से पहले अप्रैल से मई 2025 के बीच पूर्वी उत्तर प्रदेश के 15 जिलों में कार्यशालाएं आयोजित की गईं, जिसमें सैकड़ों किसान, FPOs, KVKs और जिला कृषि अधिकारी शामिल हुए।30 से अधिक चैंपियन किसानों को ISARC परिसर में दो दिवसीय प्रशिक्षण देकर DSR तकनीक सिखाई गई। अब SDN इन प्रयासों को क्लस्टर विकास, तकनीकी पहुंच और फील्ड वैलिडेशन के साथ आगे बढ़ाएगा।प्रगतिशील किसानों और KVK प्रमुखों ने बैठक में अपने अनुभव और विस्तार योजनाएं साझा कीं।

आगे की दिशा

SDN ने यह तय किया है कि आने वाले महीनों में साक्ष्य-आधारित और परिणाम केंद्रित एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा। अगली बैठक नवंबर 2025 में खरीफ सीजन के बाद आयोजित होगी, जिसमें DSR के फील्ड नतीजों की समीक्षा और 2026 की रणनीति पर चर्चा होगी।

जनता की समस्याओं पर त्वरित संवेदनशीलता दिखाएं अधिकारी : मुख्यमंत्री

कल्याण मंडपम की पहल करने वाला प्रदेश का पहला नगर निगम है गोरखपुर : मुख्यमंत्री

BABA GANINATH BHAKT MANDAL  BABA GANINATH BHAKT MANDAL

Related Articles

Back to top button