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राजस्थान, पंजाब के सीमावर्ती गांवों में सड़क नेटवर्क मजबूती योजना को सरकार ने दी मंजूरी

दिसंबर 2028 तक मुफ्त फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति की मंजूरी.लोथल में विश्वस्तरीय राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर को मंत्रिमंडल की मंजूरी

नयी दिल्ली : केन्द्र सरकार ने सीमावर्ती गांवों की जीवंतता बढाने के लिए ब्राइबेंट विलेज योजना के तहत राजस्थान तथा पंजाब के सीमावर्ती इलाकों में 2280 किलो मीटर सड़कों का नेटवर्क विकसित करने का निर्णय लिया है।

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक के बाद यह जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना पर 4406 करोड रुपए खर्च होने का अनुमान है।उन्होंने कहा कि श्री मोदी ने सीमावर्ती क्षत्रों के गांव के प्रति नयी सोच दी है- ‘जिन गांव को पहले आखिरी गांव कहा जाता रहा है उन्हें अब उन्होंने प्रथम गांव मानकर वहां विकास की गतिविधियों को बढाने और संपर्क सुविधाओं को विकसित करने का महत्वपूर्ण कार्यक्रम शुरु किया है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राजस्थान तथा पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कों का जाल विकसित करने से उन इलाकों में लोगों की आजीविका के अवसर बढ़ेंगे, आवाजाही आसान होगी और बड़े राजमार्गों एवं सड़कों से इन इलाकों का संपर्क इससे सुनिश्चित हो सकेगा।उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों के सीमावर्ती क्षेत्रों में 2280 किलोमीटर सड़को के निर्माण को मंजूरी दी गई है और इस योजना पर 4400 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत आने की संभावना है। इस योजना के तहत सरकार का मकसद पंजाब और राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों में बुनियादी ढांचे का विकास करना है। सरकार ने 2022 के बजट में बाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम की घोषणा की थी।

दिसंबर 2028 तक मुफ्त फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति की मंजूरी

केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के अंतर्गत जुलाई 2024 से दिसंबर, 2028 तक मुफ्त फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति जारी रखने को मंजूरी दी है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बुधवार को यहां एक बैठक में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं सहित सरकार की सभी योजनाओं के अंतर्गत फोर्टिफाइड चावल की सार्वभौमिक आपूर्ति को जुलाई 2024 से दिसंबर 2028 तक जारी रखने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गयी ।

बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यहां संवाददाताओं को बताया कि फोर्टिफाईड चावल की पीएमजीकेएवाई (खाद्य सब्सिडी) के हिस्से के रूप में सरकार के शत प्रतिशत वित्त पोषण के साथ जारी रहेगी।वर्ष 2019 और वर्ष 2021 के बीच किए गए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार, देश में एनीमिया एक व्यापक समस्या बनी हुई है, जो विभिन्न आयु समूहों और आय स्तरों के बच्चों, महिलाओं और पुरुषों को प्रभावित करती है। आयरन की कमी के अलावा, विटामिन बी12 और फोलिक एसिड जैसे अन्य विटामिन और खनिज की कमी भी बनी रहती है, जिससे आबादी के समग्र स्वास्थ्य और उत्पादकता पर असर पड़ता है।चावल सूक्ष्म पोषक तत्वों की आपूर्ति के लिए एक आदर्श साधन है क्योंकि भारत की 65 प्रतिशत आबादी चावल को मुख्य भोजन के रूप में खाती है।

लोथल में विश्वस्तरीय राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर को मंत्रिमंडल की मंजूरी

सरकार ने देश की 45 सौ वर्ष पुरानी समुद्री विरासत को संजोने तथा इसे भावी पीढियों तक पहुंचाने के लिए गुजरात के लोथल में विश्वस्तरीय राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर का विकास करने का निर्णय लिया है।सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुबह हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। उन्होंने कहा कि यह परियाेजना दो चरणों में पूरी की जायेगी।

उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने मास्टर प्लान के अनुसार परियोजना के चरण 1 बी और चरण 2 के लिए स्वैच्छिक संसाधनों तथा योगदान के माध्यम से धन जुटाने के बाद उनके निष्पादन को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी।चरण 1 बी के तहत लाइट हाउस संग्रहालय के निर्माण को लाइट हाउस और लाइटशिप महानिदेशालय (डीजीएलएल) द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा। लोथल में इस परिसर के विकास, प्रबंधन और संचालन के लिए सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री की अध्यक्षता में एक शासी परिषद द्वारा एक अलग सोसायटी का गठन किया जायेगा जो परियोजना भविष्य के चरणों के विकास का कार्य करेगी।इस परियोजना से 15,000 प्रत्यक्ष और 7,000 अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की उम्मीद है।

इससे क्षेत्र में विकास को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय समुदायों, पर्यटकों , आगंतुकों, शोधकर्ताओं , विद्वानों, सरकारी निकायों, शैक्षणिक संस्थानों, सांस्कृतिक संगठनों, पर्यावरण , संरक्षण समूहों तथा व्यवसायों को काफी मदद मिलेगी।इस परिसर का मास्टर प्लान प्रसिद्ध वास्तुविद कंपनी मेसर्स आर्किटेक्ट हफीज कॉन्ट्रैक्टर द्वारा तैयार किया गया है और चरण 1 ए का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को सौंपा गया है। परियोजना का चरण 1 ए 60 प्रतिशत से अधिक भौतिक प्रगति के साथ कार्यान्वयनाधीन है और इसे 2025 तक पूरा करने की योजना है।(वार्ता)

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