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बजट 2025-26 पर लोकसभा की मुहर, गूगल टैक्स समाप्त

नयी दिल्ली : लोकसभा ने सरकार द्वारा प्रस्तुत 35 संशोधनों को ध्वनिमत से मंजूरी देते हुए मंगलवार को वित्त विधेयक 2025 को पारित कर दिया जिसमें गूगल और मेटा जैसी कंपनियों के प्लेटफार्म पर विज्ञापन जैसी सेवाओं की आय पर छह प्रतिशत के इक्वालाइजेशन कर को हटाने का प्रस्ताव भी शामिल है।विधेयक पर चर्चा पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के जवाब के बाद सदन में विपक्ष के एन. के. प्रेमचंद्रन, सौगत राय तथा कुछ अन्य सदस्यों के गैर सरकारी संशोधनों को खारिज कर वित्त विधेयक को स्वीकृति प्रदान की। इसके साथ ही लोकसभा ने 2025-26 के बजट को पारित करने की प्रक्रिया पूरी हो गई है।

लोकसभा में संशोधनों के साथ पारित वित्त विधेयक 2025 को अब चर्चा की औपचारिकता के लिए राज्य सभा में भेजा जाएगा और उस पर वहां वित्त मंत्री के जवाब के बाद उसे उसी रूप में लोकसभा को लौटा दिया जाएगा।वित्त मंत्री ने गूगल कर नाम से मशहूर छह प्रतिशत के इक्वालाइजेशन कर को समाप्त करने के प्रस्ताव को रखते हुए कहा कि इससे अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में व्याप्त अनिश्चितताओं का मुकाबला करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा “मैं विज्ञापनों के लिए छह प्रतिशत के इक्वेलाइजेशन लेवी को समाप्त करने का प्रस्ताव करती हूं। ऑनलाइन विज्ञापनों पर यह कर इसलिए हटाया जा रहा है ताकि अंतरराष्ट्रीय आर्थिक अनिश्चितता का सामना किया जा सके।

”श्रीमती सीतारमण ने कहा कि वित्त विधेयक 2025 में मध्य वर्ग के लिए व्यक्तिगत आयकर में भारी छूट के साथ-साथ आयात शुल्क को तर्कसंगत करने की प्रक्रिया को आगे बढाया गया है ताकि भारत में घरेलू विनिर्माण और निर्यात को बढावा दिया जा सके तथा उपभोक्ताओं को राहत मिले।वित्तमंंत्री ने व्यक्तिगत आयकर दाताओं की सालाना 12 लाख रुपए तक की आय पर कर शून्य किए जाने की व्यवस्था को एक बड़ी राहत बताते हुए कहा कि वेतनभोगियों को मिलने वाली मानक कटौती को भी जोड़ दें तो 12.75 लाख रुपए तक की व्यक्तिगत आय पर कर शून्य होगा। उन्होंने 12 लाख की सीमा से थोड़ी भी अधिक आय होने पर अधिक कराघात को लेकर सदस्यों की आशंका को खारिज करते हुए उन्होंने उदाहरण देकर समझाया कि यदि किसी की आय 12 लाख 10 हजार रुपए हैं तो उसे दस हजार रुपए की बढी आय पर ही कर देना होगा।

श्रीमती सीतारमण ने भारतीय बाजार में निवेश का प्रबंध कर रहे विदेशी निवेश प्रबंधकों को भारत में प्रोत्साहित करने के लिए सेफ हार्बर (सुरक्षित दायरा) कानूनी बढ़ाने का प्रस्ताव किया है। उन्होंने इलेक्ट्रोनिक विनिर्माण क्षेत्र की इकाइयों के संबंध में अनुमान पर आधारित कर योजना (प्रीजेम्पटिव टेक्स स्कीम) में इसके स्पष्टीकरण के लिए 44 बीबीडी का प्रावधान किया है जिससे उन पर आयकर की धारा 44 डीए और 115-ए लागू नहीं होंगी।वित्त मंत्री ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक समान पेंशन योजना लागू करने के प्रस्ताव के बारे में कहा कि यह निर्णय छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार लिया गया है जिसे उस समय की सरकार ने 2008 में स्वीकार किया था।

इसे लागू करने में डेढ़ दशक के विलम्ब के बारे में कांग्रेस के वेणुगोपाल के तर्कों को खारिज करते हुए कहा कि यह देरी सरकार के कारण नहीं बल्कि अदालती विवादों के कारण इसमें देरी हुई है।वित्त मंत्री ने इससे पहले पहली फरवरी को 2025-26 के बजट प्रस्ताव लोकसभा में पेश किए थे और उसके साथ ही उन्होंने वित्त विधेयक 2025 भी प्रस्तुत किया था।(वार्ता)

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