गडकरी ने हरियाणा में 20,000 करोड़ रुपये की नई आर्थिक गलियारा परियोजनाओं का शिलान्यास किया
चंडीगढ़ से दिल्ली हवाई अड्डे तक की यात्रा में लगने वाला समय 4 घंटे से घटकर 2 घंटे रह जाएगा
केन्द्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग एवं एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने आज हरियाणा में नए आर्थिक गलियारे (इकोनॉमिक कॉरिडोर) के तहत लगभग 20 हजार करोड़ रुपये की लागत की विभिन्न राजमार्ग परियोजनाओं का वेबकास्ट के माद्यम से शुभारम्भ और शिलान्यास किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने की। इस वर्चुअल समारोह में केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वी. के. सिंह, हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, केन्द्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह, कृष्णपाल गुर्जर, रतन लाल कटारिया, एनएचएआई के चेयरमैन एस. एस. संधू, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और हरियाणा राज्य सरकार के कई अधिकारियों ने भागीदारी की।
शुरू की गई परियोजनाओं में 1183 करोड़ रुपये की लागत से एनएच 334बी के रोहना/हसनगढ़ से झज्जर खंड तक 35.45 किलोमीटर लंबे 4 लेन मार्ग, 857 करोड़ रुपये की लागत से एनएच 71 के पंजाब-हरियाणा सीमा से जींद खंड तक 70 किलोमीटर लंबे मार्ग को 4 लेन किया जाना और 200 करोड़ रुपये की लागत से एनएच 709 पर पेव्ड शोल्डर्स के साथ 85.36 किलोमीटर के 2 लेन जींद-करनाल मार्ग का निर्माण शामिल है। इस अवसर पर 8560 करोड़ रुपये की लागत से 8 टुकड़ों में इस्माइलपुर से नारनौल तक 6 लेन के नियंत्रित पहुंच वाले 227 किलोमीटर लंबे ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे, 1524 करोड़ रुपये की लागत से एनएच352 डब्ल्यू के 46 किलोमीटर लंबे 4 लेन गुरुग्राम-पटौदी-रेवाड़ी खंड, 928 करोड़ रुपये की लागत से 14.4 किलोमीटर लंबे 4 लेन रेवाड़ी बाईपास, 1057 करोड़ रुपये की लागत से एनएच 11 पर 30.45 किलोमीटर लंबे 4 लेन रेवाड़ी-अटेली मंडी खंड, 1380 करोड़ रुपये की लागत से 40.8 किलोमीटर के एनएच 11, एनएच 148बी पर नारनौल बाईपास, और एनएच 11 पर नारनौल से अटेली मंडी खंड, 1207 करोड़ रुपये की लागत से एनएच 352ए के 40.6 किलोमीटर के 4 लेन जींद-गोहाना (पैकेज 1, ग्रीनफील्ड अलाइनमेंट) मार्ग, 1502 करोड़ रुपये की लागत से एनएच 352ए के 38.23 किलोमीटर के 4 लेन गोहाना-सोनीपत खंड और 1509 करोड़ रुपये की लागत से एनएच 334बी पर 40.74 किलोमीटर लंबे 4 लेन के उत्तर प्रदेश- हरियाणा सीमा से रोहा तक के मार्ग सहित कई परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया।
इस अवसर पर श्री गडकरी ने कहा कि इन परियोजनाओं से हरियाणा के लोगों को व्यापक स्तर लाभ होगा। इससे राज्य के भीतर के साथ ही पंजाब, राजस्थान, दिल्ली और उत्तर प्रदेश जैसे अन्य राज्यों से भी संपर्क में सुधार होगा। मंत्री ने यह भी कहा कि इन महत्वपूर्ण परियोजनाओं से बड़े शहरों में भीड़-भाड़ कम होगी और यात्रा में लगने वाले समय में भी कमी आएगी। इससे चंडीगढ़ से दिल्ली हवाई अड्डे तक पहुंचने में लगभग 2 घंटे लगेंगे, जबकि वर्तमान में 4 घंटे लगते हैं। परियोजनाओं से समय, ईंधन और लागत की बचत होगी, साथ ही राज्य के पिछड़े इलाकों में विकास को प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा कि सरकार देश की प्रगति और संपन्नता के लिए प्रतिबद्ध है तथा इस सरकार के शुरुआती दो साल में दो लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएं पूरी हो जाएंगी। उन्होंने दोहराया कि प्रधानमंत्री ने देश को पांच ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को हासिल करने दिशा में 100 लाख करोड़ रुपये की आधारभूत ढांचा विकास योजनाओं का ऐलान किया है। मंत्री ने कहा कि राज्य के लोगों को जैव ईंधनों के लिए फसलों को अपनाने पर विचार करना चाहिए, जिसमें जीवन के हर क्षेत्र में सुधार की क्षमता है। इससे गांवों के भीतर रोजगार के अवसर सुनिश्चित होंगे, जिससे रोजगार की तलाश में होने वाले पलायन पर भी रोक लगेगी। मंत्री ने कहा कि प्रस्तावित दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, ट्रांस हरियाणा आर्थिक गलियारा और गुरुग्राम-रेवाड़ी-अटेली-नारनौल एक नए उभरते हुए भारत के राजमार्ग हैं, जिससे हरियाणा के हर कोने विकास होगा।
श्री गडकरी ने मुख्यमंत्री से राज्य में राजमार्ग परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण में तेजी लाने का अनुरोध किया। इस उद्देश्य से आरटीएच राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वी. के. सिंह के साथ विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श किया जाएगा और उनका निस्तारण किया जाएगा। केन्द्रीय मंत्री ने हरियाणा के मुख्यमंत्री से एक्सप्रेस वे परियोजनाओं विशेष रूप से दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से सटे इलाकों में एमएसएमई, स्मार्ट सिटीज और स्मार्ट विलेजेस सहित औद्योगिक क्लस्टर्स के विकास तथा खादी एवं ग्राम उद्योगों के विकास के लिए मिलकर प्रयास करने का भी आह्वान किया। उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री को हर संभव सहायता का भरोसा दिलाया। मंत्री ने अगले 5 साल में एमएसएमई के माध्यम से 5 करोड़ रोजगार उपलब्ध कराने और केवीआईसी के वर्तमान 88,000 करोड़ रुपये के टर्नओवर को कई गुना तक बढ़ाने के लक्ष्य के बारे में भी बताया।
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर ने राज्य के सड़कों के अनुरोधों का सम्मान करने के लिए श्री गडकरी का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं से राज्य में उद्योग और कारोबार दोनों पर सकारात्मक असर पड़ेगा। उन्होंने राज्य के विकास के लिए यहां के व्यापक सड़क नेटवर्क और परिवहन सुविधाओं को श्रेय दिया। मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले पांच साल में राज्य में 29,406 किलोमीटर लंबी सड़कों का विकास/ सुधार किया गया है। इसके अलावा हादसों को रोकने के लिए सभी रेलवे क्रॉसिंग्स पर आरओबी/ आरयूबी के निर्माण के लिए बजट आवंटन किया गया है।
इस अवसर पर अपने संबोधन में जनरल (सेवानिवृत्त) वी. के. सिंह ने कहा कि एनएच परियोजनाओं के कार्यान्वयन से हरियाणा का चहुंमुखी विकास होगा। उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री से रेवाड़ी में भीड़-भाड़ कम करने के लिए रेवाड़ी बाईपास परियोजना को रिंग रोड के रूप में विकसित करने पर विचार करने का अनुरोध किया। एनएचएआई चेयरमैन श्री एस. एस. संधू ने बताया कि इन परियोजनाओं के साथ एनएचएआई हरियाणा में 37,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को कार्यान्वित करने जा रहा है। उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री से एनएच परियोजनाओं के तेज विकास और भूमि अधिग्रहण में तेजी लाने का अनुरोध किया।
वर्ष 2014 में हरियाणा में एनएच की लंबाई 2050 किलोमीटर थी, जो अब बढ़कर 3,237 किलोमीटर हो गई है। राज्य में प्रति 1000 किलोमीटर में एनएच की 75 किलोमीटर सघनता देश के बड़े राज्यों में सबसे ज्यादा है। हरियाणा में चार बड़े गलियारे विकसित किए जा रहे हैं, जिनमें दो ब्राउनफील्ड परियोजनाएं जींद-गोहाना-सोनीपत और यूपी/ हरियाणा सीमा-रोहना-झज्जर शामिल हैं। अन्य दो ग्रीनफील्ड परियोजनाएं- 304 किलोमीटर की अंबाला-कोटपुतली और 132 किलोमीटर की गुरुग्राम-रेवाड़ी-नारनौल-राजस्थान सीमा परियोजनाएं शामिल हैं। इनके अलावा हरियाणा के आसपास दिल्ली एनसीआर क्षेत्रों में कई अहम परियोजनाएं शुरू की गई हैं। इनमें शामिल हैं : लगभग एक लाख करोड़ रुपये की लागत से 1350 किलोमीटर का दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे, 30000 करोड़ रुपये की लागत से 600 किलोमीटर का दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे, 8000 करोड़ रुपये की लागत से 30 किलोमीटर लंबा द्वारका एक्सप्रेसवे, 1630 करोड़ रुपये की लागत से 21 किलोमीटर लंबा गुरुग्राम-सोहना मार्ग, 28 किलोमीटर लंबी अंबाला रिंग रोड और 30 किलोमीटर लंबी करनाल रिंग रोड। इसके अलावा, 410 किलोमीटर लंबी अन्य एनएच परियोजनाएं प्रस्तावित हैं, जिन्हें अगले साल आवंटित किया जाएगा। अगले 2-3 साल में 60,000 करोड़ रुपये के निवेश से 1550 किलोमीटर लंबे राजमार्ग और एक्सप्रेस विकसित किए जाएंगे। इसके अलावा, हरियाणा में भ-स्वामियों को मुआवजे के रूप में लगभग 12,000 करोड़ रुपये वितरित किए जा रहे हैं।