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2014 से मार्च 2017 तक सपा ने नहीं भेजा आवास से जुड़ा प्रस्ताव, 2017 के बाद से यूपी में दिए गए 56 लाख आवासः योगी

जो मुंह में चांदी का चम्मच लेकर पैदा हुए, वे कहते थे कि यह वीआईपी कुम्भ हो गयाः मुख्यमंत्री

  • समाजवादी पार्टी की सरकार जब भी रही, गरीबों के लिए कोई स्कीम नहीं बन पाईः सीएम योगी
  • बोले- आप लोगों ने गरीबी नहीं देखी, लेकिन गरीबों का उपहास करना जन्मसिद्ध अधिकार समझ लिया

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने जीरो पॉवर्टी की बात की। आप लोगों के कुछ रटेरटाए शब्द हैं, जिसे आप हमेशा बोलेंगे। जो मुंह में चांदी का चम्मच लेकर पैदा हुए, वे कहते थे कि यह वीआईपी कुम्भ हो गया। आप लोगों ने गरीबी देखी नहीं, बल्कि गरीबी का उपहास करना जन्मसिद्ध अधिकार समझा है। गरीबों को जो अधिकार प्राप्त होने चाहिए थे, उन्हें ईमानदारी से आपने नहीं दिया। समाजवादी पार्टी की सरकार जब भी रही, गरीबों के लिए कोई स्कीम बन नहीं पाई।

सपा की प्राथमिकता में नहीं था गरीब

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में पीएम बनने के बाद नरेंद्र मोदी जी ने स्कीम लागू करने का प्रयास किया, लेकिन सपा सरकार ने पहले ढाई वर्ष में यूपी में उस लागू नहीं होने दिया। तमाम योजनाएं ऐसी हैं, जो बताती हैं कि इसे काफी पहले लागू होनी चाहिए था। पीएम आवास योजना में देश में चार करोड़ गरीबों के आवास बने हैं। 2017 के बाद यूपी में 56 लाख गरीबों के आवास बनाए जा चुके हैं, लेकिन सपा सरकार ने ढाई वर्ष (2014 से मार्च 2017) तक कोई प्रस्ताव नहीं भेजा। क्योंकि गरीब उनकी प्राथमिकता में नहीं था।

2017 से अब तक हम लोगों ने पौने तीन करोड़ परिवार को दिया शौचालय

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन 2 अक्टूबर 2014 से लागू हुआ। इसमें अप्रैल 2017 से लेकर अब तक हम लोगों ने पौने तीन करोड़ परिवार को शौचालय दिया। आपने ढाई वर्ष में बहुत कम शौचालय बनाए, क्योंकि सपा ने इसे कभी महत्व नहीं दिया। वन्य गांवों को आजादी के बाद भी न्याय नहीं मिल पाया, उन्हें मतदाता नहीं बनाया गया था, राजस्व गांव के रूप में उन्हें मान्यता नहीं मिली, बल्कि उनका शोषण होता था। स्कूल, पेयजल, राशन कार्ड सुविधा नहीं थी। 2017 में हमारी सरकार आई तो 56 से अधिक ऐसे गांवों को राजस्व गांव के रूप में मान्यता देकर उन्हें समाज व राष्ट्र की मुख्य धारा से जोड़ा और सभी प्रकार की सुविधाएं दीं।

सीएम ने थारू, कोल, गोड़, मुसहर, चेरो, सहरिया आदि जातियों की दुर्दशा का भी किया जिक्र

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत-नेपाल बार्डर पर थारू, चित्रकूट-मीरजापुर में कोल जाति के लोग रहते हैं। उनका इतिहास भगवान राम के समय से जुड़ा है। चेरो, गोड़ व अन्य जातियां सोनभद्र व मीरजापुर, चंदौली में रहती है, सहरिया बुंदलेखंड-ललितपुर-झांसी में रहती है। उनके लिए आपके पास कोई स्कीम नहीं थी। महाराजगंज कुशीनगर से लेकर सोनभद्र तक मुसहर की बड़ी आबादी हैंड टू माउथ थी। न राशन कार्ड था, न जमीन का पट्टा था, न झोपड़ी ही थी। इस युग में भी जैसे-तैसे जीवनयापन कर रहे थे। सभी लोगों को जमीन के पट्टे देकर एक-एक आवास देने का कार्य किया गया। इन सभी को सेचुरेशन के लक्ष्य तक पहुंचाने के कार्यक्रम को हमने आगे बढ़ाया गया।

सीएम ने सपा पर तंज कसते हुए कहा कि आप गरीबों की बात करेंगे। यह पहली बार हुआ है कि पीएम स्वामित्व योजना में देश के अंदर दो करोड़ लोगों को जहां पर मकान, वहीं पर उसका जमीन का पट्टा मिले। इसमें से एक करोड़ यूपी में हमारी सरकार ने किया है। जहां उसकी झोपड़ी, मकान, वहीं का जमीन का पट्टा मिलेगा। ड्रोन से सर्वे, खुली बैठक, रेखांकन करने के बाद फिर वह पट्टा उन्हें दिया जाता है।

अगले तीन वर्ष के भीतर गरीबी मुक्त होगा यूपी

मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुम्भ का प्रसाद सब तक पहुंचना चाहिए। इसलिए हमने तय किया है कि अगले तीन वर्ष के भीतर यूपी गरीबी रेखा से पूरी तरह मुक्त हो। हम हर व्यक्ति का जीवन स्तर इतना उठाएंगे कि वह सम्मान से खुद को यूपीवासी कह सके। आपने (सपा) तो पहचान का संकट खड़ा कर दिया। 2017 के पहले की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। यूपी के नाम पर धर्मशाला में कमरा भी नहीं मिलता था। सपा ने यही पहचान दिलाई थी। आज महाकुम्भ व अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर निर्माण के बाद प्रदेशवासी जहां भी जा रहे हैं, उन्हें सम्मान मिल रहा है। हमने यूपीवासियों को उनकी पहचान दी है। उत्तर प्रदेश के पास जो पहचान, ऊर्जा, प्रतिभा है, सरकार उन्हें अधिकार दिलाने का कार्य करेगी। इस योजना में सर्वे के पहले चरण का कार्य पूरा हो चुका है। देश में लगभग 25 करोड़ व यूपी में पिछले पौने आठ वर्ष में छह करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर उठाने में मदद की है।

हमने प्रदेश के गरीबों को दिलाया उनका अधिकार

मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी में एक कार्यक्रम बढ़ाने जा रहे हैं। पहले चरण में 13.57 लाख परिवार चिह्नित किए गए हैं। यदि एक परिवार में पांच सदस्य होंगे तो अगले दो वर्ष में इनके जीवन स्तर को इतना बढ़ाएंगे कि हर परिवार सवा से डेढ़ लाख रुपये सालाना कमाने का सामर्थ्य अर्जित कर सके। पात्रता के अनुरूप उसे योजनाओं (मकान, पेंशन, जमीन का पट्टा, राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड) का लाभ मिलेगा। बजट में अलग से इसकी व्यवस्था की गई है। कन्वर्जन के माध्यम से यह सुविधा देंगे। आपको इसमें भी बुरा लगता है। आप कहते हैं कि गरीबों को राशन बांटने की आवश्यकता क्या है यानी समाजवादियों का ही अधिकार है कि यह समाजवादी पेंशन व राशन भी पाएं। सपा के नाम पर राशन, पेंशन और बस भी हो गई। हमने प्रदेश के गरीबों को उनका अधिकार दिलाया है।

सरकार की प्रतिबद्धता का उदाहरण है अटल आवासीय विद्यालय

मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल आवासीय विद्यालय सरकार की प्रतिबद्धता के उदाहरण हैं। यह भविष्य में शिक्षा का मॉडल होगा। गरीब-श्रमिक का बच्चा भी सीबीएसई बोर्ड से जुड़े हुए विश्व स्तरीय शिक्षा केंद्र में अपनी शिक्षा अर्जित कर सकता है। उन्हें स्किल डवलपमेंट कार्यक्रम व अप्रेंटिसशिप स्किम की कार्रवाई के साथ जोड़ेंगे। उन सभी सुविधाओं से आच्छादित करेंगे, जो सरकार की प्रतिबद्धता व पीएम मोदी का विजन है। सरकार इस पर कार्य कर रही है। अपने अभिभाषण में राज्यपाल ने उसी बात का उल्लेख किया है।

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