पूर्व सांसद धनंजय सिंह नैनी से फतेहगढ़ सेंट्रल जेल ट्रांसफर
नैनी जेल में विरोधी माफिया गिरोहों के बड़े अपराधियों की पहले से मौजूदगी बनी खतरा, भेजे गए फतेहगढ़ सेंट्रल जेल अपने पक्ष के अपराधियों के बीच
जौनपुर। हत्या के साज़िशकर्ता के तौर पर चिन्हित होने के बाद एक और आपराधिक मामले की गिरफ्त में आए पूर्व सांसद धनंजय सिंह को आज प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल से फर्रुखाबाद जिले की फतेहगढ़ सेंट्रल जेल ट्रांसफर कर दिया गया है। सरकार के निर्देश पर धनंजय सिंह की जेल बदली गई है। कड़ी सुरक्षा के बीच पुलिस एस्कार्ट के साथ प्रिजन वैन में धनंजय सिंह को गुरुवार को फतेहगढ़ जेल भेज दिया गया। ऐसा माना जा रहा है कि नैनी सेन्ट्रल जेल से तबादला जेल प्रशासन की गोपनीय रिपोर्ट के आधार किया गया है। दरअसल आपराधिक छवि के पूर्व सांसद धनंजय सिंह के नैनी सेन्ट्रल जेल पहुंचने के बाद जेल प्रशासन की चिंता सुरक्षा को लेकर काफी बढ़ गई थी। इस माफिया के विरोधी माफिया मुख्तार अंसारी और माफिया अभय सिंह के कई गुर्गे और शार्प शूटर नैनी सेन्ट्रल जेल में बंद हैं। इसके साथ ही साथ पश्चिमी यूपी के कई शातिर अपराधी भी नैनी सेंट्रल जेल में बंद है। पश्चिम का शातिर अपराधी सागर मलिक जिसने मुजफ्फरनगर कोर्ट के अंदर विक्की मालिक की हत्या की थी वह भी इसी जेल में बंद है।
नैनी सेंट्रल जेल में 68 ऐसे बड़े कैदी बंद है जो कि दूसरे जिलों से ट्रांसफर किए गए थे और बड़े अपराधी हैं। जिनसे धनंजय सिंह को हर समय खतरा महसूस हो रहा था। बागपत की जिला जेल में हुई मुन्ना बजरंगी की हत्या के भी साजिशकर्ता माने जा रहे रहे धनंजय सिंह को गुरुवार को उसी फतेहगढ़ सेंट्रल जेल ट्रांसफर किया गया है, जहां पर मुन्ना बजरंगी की जेल में हत्या का मुख्य आरोपित सुनील राठी बंद है। फतेहगढ़ जेल में सुनील राठी के साथ वहां पर वाराणसी निवासी माफिया सुभाष ठाकुर और प्रयागराज का माफिया पूर्व ब्लॉक प्रमुख दिलीप पहले से ही बंद है। बुधवार को देर रात धनंजय सिंह के स्थानांतरण का आदेश जेल प्रशासन को मिला था। इसके बाद सुबह 10:05 बजे उन्हेंं जेल प्रशासन ने पुलिस के हवाले किया। नैनी सेंट्रल जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक पी एन पाण्डेय का कहना है कि देर रात शासन से आदेश मिलने के बाद ही धनंजय सिंह को यहां से फतेहगढ़ जेल भेजने की तैयारी शुरू हो गई थी। गौरतलब है कि मऊ जिले के ब्लाक प्रमुख रहे अजीत सिंह की प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 6 जनवरी को हत्या हो गई थी। इस मामले की साजिशकर्ता के रूप में चिह्नित पूर्व सांसद धनंजय सिंह के खिलाफ लखनऊ की कोर्ट से गैरजमानती वारंट जारी हुआ था। इसके बाद लखनऊ पुलिस ने धनंजय सिंह पर 25 हजार का इनाम घोषित किया था। पूर्व सांसद की संपत्ति कुर्क करने की पुलिस तैयारी कर रही थी। इस बीच 5 मार्च को धनंजय सिंह ने एमपीएमएलए कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। इसके बाद पूर्व सांसद को नैनी जेल भेज दिया गया था।