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पहली बार जम्मू कश्मीर, तमिलनाडु एवं कर्नाटक से विद्युत बैंकिंग व्यवस्था में जुड़ रहा है उत्तर प्रदेश

  • यूपीपीसीएल प्रबन्धन कश्मीर से कन्याकुमारी तक विद्युत बैंकिंग के माध्यम से बढ़ा रहा विद्युत उपलब्धता
  • जम्मू कश्मीर से 249.29 मिलियन यूनिट व तमिलनाडु से 61.56 मिलियन यूनिट के किए गए समझौते
  • राजस्थान के साथ विगत वर्ष के मुकाबले 4 गुना ज्यादा 1967.8 मिलियन यूनिट की विद्युत बैंकिंग की जा चुकी है

लखनऊ । सीएम योगी के प्रदेश की सत्ता संभालने के बाद से यूपी में विद्युत आपूर्ति में बड़े पैमाने पर सुधार हुआ है। सर्दी ही नहीं बल्कि गर्मियों में जब बिजली की मांग कई गुना अधिक होती है तब भी प्रदेश के सभी क्षेत्रों में अधिक से अधिक विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था की गई है। हालांकि इस बार गर्मियों में विद्युत आपूर्ति में और भी अधिक सुधार देखने को मिलेगा।

मुख्यमंत्री योगी की मंशा एवं निर्देशों के अनुपालन में आगामी गर्मियों में प्रदेश में विद्युत उपलब्धता की कमी न हो और प्रदेश के सभी क्षेत्रों को निश्चित शेड्यूल के अनुरूप भरपूर बिजली मिले इसके लिए उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन प्रबन्धन विद्युत बैंकिंग के माध्यम से देश के अन्य राज्यों से समझौता कर विद्युत की व्यवस्था करने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास कर रहा है। इस मुहिम में यूपीपीसीएल को जबरदस्त सफलता प्राप्त हुई है।

प्रदेश के इतिहास में पहली बार जम्मू कश्मीर से 249.29 मिलियन यूनिट, तमिलनाडु से 61.56 मिलियन यूनिट के समझौते किए जा चुके हैं। कर्नाटक से समझौता प्रस्तावित है। राजस्थान से विगत वर्ष 449.6 मिलियन यूनिट की विद्युत बैंकिंग की तुलना में इस वर्ष प्रयास करके 1967.8 मिलियन यूनिट (लगभग चार गुना) की विद्युत बैंकिंग की जा चुकी है।

जल्द होंगे और राज्यों से समझौते

सीएम योगी के निर्देश पर उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन द्वारा उठाए गए इस कदम के दूरगामी परिणाम मिलने की संभावना है। इसके माध्यम से यूपीपीसीएल को कश्मीर से कन्या कुमारी तक विद्युत बैंकिंग के इस प्रयास में सफलता मिली है। जम्मू कश्मीर, तमिलनाडु, राजस्थान तथा मध्य प्रदेश से विद्युत बैंकिंग समझौते किए जा चुके हैं। साथ ही कर्नाटक तथा एनटीपीसी से इस तरह के समझौते प्रस्तावित हैं।

गर्मी के लिहाज से पर्याप्त होगी बिजली

पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष एम देवराज का कहना है कि कारपोरेशन द्वारा समय पर किए गए इन प्रयासों से आगामी गर्मियों में प्रदेश की विद्युत आपूर्ति को अत्यधिक लाभ मिलेगा। हम महंगी बिजली खरीदने से बचेंगे, साथ ही हमारे पास विद्युत बैंकिंग की इस व्यवस्था से पर्याप्त बिजली होगी। उनका कहना है कि पावर कारपोरेशन प्रबन्धन गार्मियों के पूर्वानुमान के आधार पर विद्युत उपलब्धता बढ़ाने की कोशिश अभी से प्रारम्भ कर चुका है और हमें पूरी उम्मीद है कि हम गर्मियों में मांग के अनुरूप सभी क्षेत्रों को निर्बाध विद्युत आपूर्ति करने में सफल होंगे।

क्या है विद्युत बैंकिंग?

विद्युत बैंकिंग का मतलब हैं उन महीनों में जब प्रदेश में बिजली की उपलब्धता ज्यादा होती है और उसकी तुलना में मांग कम रहती है तो प्रदेश की सरप्लस बिजली को उन राज्यों को दे दिया जाता है जहां बिजली की मांग ज्यादा है। गर्मियों में जब उत्तर प्रदेश में बिजली की मांग बढ़ जाती है तथा पावर एक्सचेंज में बिजली बहुत मंहगी होती है, उस समय उन राज्यों से बिजली बिना खरीदे वापस मिल जाती है जहां विद्युत बैंकिंग के माध्यम से पहले बिजली दे रखी है।

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