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यूपी में ‘उड़ान’ भरेंगे फ़्लाइंग क्लब्स

लखनऊ : उत्तर प्रदेश को एयर कनेक्टिविटी के लिहाज से बेहतरीन करने में जुटी योगी सरकार अब प्रदेश में उड्डयन प्रशिक्षण को भी बढ़ावा देने की तैयारी कर रही है। उड्डयन प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए सरकारी हवाई पट्टियों के इस्तेमाल की नीति में सरकार जल्द ही बदलाव करने जा रही है, जिसके बाद विभिन्न निजी फ़्लाइंग क्लब्स सरकारी हवाई पट्टियों का इस्तेमाल पहले से कहीं अधिक सुविधाजनक ढंग से कर सकेंगी।

मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष नवीन नीति का प्रस्तुतिकरण किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते साढ़े तीन साल में एयर कनेक्टिविटी के लिहाज से प्रदेश में अभूतपूर्व काम हुआ है। वर्तमान में प्रदेश में 07 फंक्शनल एयरपोर्ट हैं तथा 01 उड़ान हेतु तैयार है, जबकि 12 अन्य एयरपोर्ट का विकास राज्य सरकार द्वारा कराया जा रहा है। इसके अतिरिक्त 08 हवाई पट्टियाँ भी हैं। कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के विकास कार्य पूर्ण हो चुका है मात्र लाइसेंसिंग प्रक्रिया का कार्य चल रहा है। जबकि, नोएडा एयरपोर्ट पर पांच रनवे बनाने से संबंधित स्टडी को पीएमआइसी ने स्वीकार कर संस्तुति की है। यह ऐतिहासिक है। सीएम योगी ने कहा कि अपने संसाधनों से इतनी संख्या में एयरपोर्ट विकसित करने में उत्तर प्रदेश अग्रणी राज्य है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार विमानन गतिविधियों को बढ़ावा देने के साथ-साथ इस क्षेत्र में कॅरियर बनाने के इच्छुक युवाओं को बेहतरीन प्रशिक्षण के अवसर भी उपलब्ध कराएगी।

नवीन नीति के बारे में प्रस्तुतिकरण देते हुए निदेशक एवं विशेष सचिव, नागरिक उड्डयन विभाग, सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि प्रस्तावित नीति में विमानन के क्षेत्र में पायलट, अभियन्ता, टेक्नीशियन, फ्लाईट डिस्पैचर, केबिन-क्रू से सम्बन्धित प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए हवाई पट्टी का उपयोग किये जाने की व्यवस्था की गई है। इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों के अतिरिक्त हवाई पट्टी राजकीय विमानों तथा चार्टर आपरेशन के लिए भी उपलब्ध रहेगी। निजी संस्था को स्वयं के व्यय पर ट्रेनिंग हेतु इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करना होगा तथा नियामक संस्थाओं से स्वीकृतियाँ प्राप्त करना व उनकी गाइडलाइंस का अनुपालन सुनिश्चित करना होगा। हवाई पट्टी पर उपलब्ध अन्य संसाधनों का उपयोग निजी संस्थाओं द्वारा किया जा सकेगा। इसके अलावा, अब तक फ़्लाइंग क्लब्स से प्रारंभिक 05 वर्ष और फिर 5-5 वर्ष करके 30 वर्ष तक नवीनीकरण की व्यवस्था थी, जिसे अब एकमुश्त 10 वर्ष किए जाने का प्रस्ताव है। साथ ही, इन्फ्रास्ट्रक्चर के दृष्टिगत नाइट लैंडिंग की सुविधा भी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि फ़्लाइंग क्लब के आवंटन के लिए ई टेंडरिंग प्रणाली अपनाई जा सकती है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह क्षेत्र असीम संभावनाओं का है। उत्तर प्रदेश को इसका लाभ लेना चाहिए। मुख्यमंत्री ने नई नीति में कतिपय सुधार के भी निर्देश दिए। जिसके अनुसार संशोधन करते हुए जल्द की नवीन नीति कैबिनेट के सामने प्रस्तुत की जाएगी।

अभी सात संस्थाएं कर रहीं संचालन: प्रदेश में स्थित नागरिक उड्डयन विभाग के अधीन हवाई पट्टियों का उपयोग विमानन गतिविधियों को प्रोत्साहित करने तथा उड्डयन क्षेत्र में दक्ष श्रमशक्ति की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से वर्ष 2007 में नीति निर्धारित की गई थी। नीति के परिणामस्वरूप विभिन्न हवाई पट्टियों पर 07 निजी संस्थाओं द्वारा पायलट तथा विमानन अभियन्ता के कोर्स का संचालन किया जा रहा है । पूर्व नीति के जारी होने से अब तक 13 वर्षों के अन्तराल में विमानन क्षेत्र में हुए व्यापक परिवर्तन के दृष्टिगत पूर्व नीति में संशोधन किए जाने की आवश्यकता अनुभव की जा रही थी, जिसके बाद अब नई नीति लाई जा रही है।

मुख्यमंत्री आवास पर हुए इस प्रस्तुतिकरण के अवसर पर मुख्य सचिव आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव , मुख्यमंत्री एवं नागरिक उड्डयन विभाग एसपी गोयल, अपर मुख्य सचिव वित्त विभाग संजीव मित्तल, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक कुमार तथा प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग नितिन रमेश गोकर्ण की उपस्थिति रही।

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