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मिसालः खेलों की बढ़ी प्रेजेंस तो बढ़ने लगी अटेंडेंस

जिलाधिकारी ने मिशन मैदान के पहले चरण के तहत परिषदीय विद्यालयों में तैयार किये उच्च गुणवत्ता वाले खेल मैदान .जिलाधिकारी बोलीं- सीएम के नेतृत्व में बच्चों में आत्मविश्वास, अनुशासन और टीमवर्क विकसित करने को तैयार किये खेल मैदान .

  • खीरी में एक हजार खेल मैदान बढ़ने से हुआ कमाल, स्कूलों में बढ़ी 12 प्रतिशत से अधिक अटेंडेंस
  • मिशन मैदान से खीरी जिला निपुण असेसमेंट में 72वें स्थान से 26वें स्थान पर पहुंचा
  • मिशन से पहले स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति थी 57.24 प्रतिशत, जो बढ़कर हुई 69.40 प्रतिशत

लखनऊ/लखीमपुर खीरी । लखीमपुर खीरी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार “मिशन मैदान” को सफलतापूर्वक अपनाते हुए जिले के एक हजार परिषदीय विद्यालयों में उच्च गुणवत्ता वाले खेल मैदान विकसित किए हैं। इन खेल मैदानों के माध्यम से बच्चे मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत हो रहे हैं। “मिशन मैदान” के सकारात्मक प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखने लगे हैं। जिले का निपुण असेसमेंट रैंक 72वें स्थान से 26वें स्थान पर आ गया है। साथ ही, स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति 12% बढ़ गई है। एक साल पहले यह अनुपात 57.24% था, जो अब बढ़कर 69.40% हो गया है।

अनुशासन, आत्मविश्वास और टीमवर्क की सीख

जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल ने बताया कि “मिशन मैदान” के अंतर्गत बच्चों में आत्मविश्वास, अनुशासन और टीम वर्क को विकसित करने के लिए यह पहल की गई थी। जिले के 765 विद्यालयों में खो-खो, कबड्डी, वॉलीबॉल और बैडमिंटन के खेल मैदान बनाए गए हैं, जबकि 205 विद्यालयों में हॉकी, फुटबॉल, क्रिकेट और एथलेटिक्स सहित विभिन्न खेलों के मैदान तैयार किए गए हैं।

रूफटॉप इनडोर गेमिंग जोन की भी हुई शुरुआत

खेलों को और बढ़ावा देने के लिए 30 विद्यालयों में रूफटॉप इनडोर गेमिंग जोन विकसित किए गए हैं, जहां बच्चे चेस, कैरम, माइंड गेम, सिमेट्री गेम और टेबल टेनिस खेल सकते हैं। अब लखीमपुर खीरी के परिषदीय विद्यालयों में बच्चे हर सुबह 30 मिनट की खेल गतिविधि से दिन की शुरुआत कर रहे हैं। इससे न केवल उनका शारीरिक और मानसिक विकास हो रहा है, बल्कि एकाग्रता और सीखने की क्षमता भी बढ़ रही है।

मनरेगा से मिला सहयोग, गांवों में बढ़ा रोजगार

इस योजना को सफल बनाने में मनरेगा और स्थानीय संसाधनों की बड़ी भूमिका रही है। ग्रामीण श्रमिकों को रोजगार मिला, जिससे आर्थिक सशक्तिकरण को भी बल मिला। डीएम की इस पहल ने यह साबित कर दिया कि जब प्रशासन, समुदाय और सरकार मिलकर काम करें, तो असंभव भी संभव हो सकता है। “मिशन मैदान” केवल खेल परियोजना नहीं, बल्कि बच्चों में आत्मविश्वास, अनुशासन और टीम वर्क जैसी जरूरी योग्यताओं का विकास करने का सशक्त माध्यम बन गया है। यह उन बच्चों के लिए नई उड़ान लेकर आया है, जिन्हें पहले खेल सुविधाओं का अवसर नहीं मिल पाता था। लखीमपुर खीरी की यह पहल पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणा बन गई है।

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