भोपाल : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज कहा कि धर्म की आधारशिला पर ही मानवता टिकी है और धर्म-धम्म सम्मेलन जैसे आयोजन मानवता की जरूरतों को पूरा करने के सराहनीय प्रयास हैं।श्रीमती मुर्मू यहां आयोजित सातवें अंतर्राष्ट्रीय धर्म-धम्म सम्मेलन के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहीं थीं। इस दौरान राज्यपाल मंगु भाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर के अतिरिक्त लगभग 15 देशों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
श्रीमती मुर्मू ने कहा कि महर्षि पतंजलि, गौतम बुद्ध और गुरूनानक जैसी हस्तियों ने दु:ख दूर करने के मार्ग सुझाए हैं। आज के युग में ऐसे मार्ग और अहम हो जाते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि धर्म का जहाज हिलता-डुलता है, पर डूबता नहीं है, ये भारतीय चेतना का मूल है।उन्होंने कहा कि देश की परंपरा में धर्म को प्राचीनकाल से ही केंद्र में रखा गया है। स्वाधीनता के बाद लोकतांत्रिक व्यवस्था पर धर्म-धम्म का महत्व दिखाई दिया। हमारे राष्ट्रीय प्रतीकों पर भी धर्म का महत्व दिखता है। इसी क्रम में उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी के पीछे धर्म चक्र अंकित है।
राष्ट्रपति भवन के प्रमुख कक्ष में महात्मा बुद्ध की हजारों साल पुरानी प्रतिमा है। इसी भवन में भागवद् गीता के कई श्लोक लिखे हुए हैं।उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी भी गौतम बुद्ध के अहिंसा के संदेशों को प्रसारित करते थे। उनकी प्रार्थना में गीता और उपनिषद् के श्लोक भी थे।धर्म-धम्म सम्मेलन जैसे आयोजनों को आज के समय की जरूरत बताते हुए उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों में हुए चिंतन मानव समाज को विकास के साथ मानवता को बचाए रखने के संदेश देते हैं।(वार्ता)
LIVE: President Droupadi Murmu addresses the 7th International Dharma Dhamma Conference at Bhopal https://t.co/tEuB1JAxNm
— President of India (@rashtrapatibhvn) March 3, 2023