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आपातकाल संविधान पर अब तक का सबसे बड़ा हमला : मुर्मु

चुनाव परिणामों को अपनी सरकार की सेवा, सुशासन पर जनता की मुहर बताया मुर्मु ने

नयी दिल्ली : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने संविधान की रक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए गुरुवार को कहा कि भारतीय संविधान पर कई बार हमले हुए हैं लेकिन आपातकाल लागू किया जाना हमारे संविधान पर अब तक का सबसे बड़ा हमला था।श्रीमती मुर्मु ने 18वीं लोकसभा के गठन के बाद संसद के संयुक्त सदन को संबोधित करते हुए लोकसभा चुनाव की निष्पक्षता और लोकतंत्र के खतरे जैसे मुद्दों पर सरकार के रुख को स्पष्ट करते हुए कहा कि सरकार संविधान को जन चेतना का हिस्सा मानती है और इसीलिए इस सरकार ने हर वर्ष 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाने का भी फैसला किया है।

चुनाव परिणामों को अपनी सरकार की सेवा, सुशासन पर जनता की मुहर बताया मुर्मु ने

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने लोक सभा चुनावों के नतीजों को मोदी सरकार के 10 वर्षों की ‘सेवा और सुशासन पर मुहर’ बताते हुए संसद सदस्यों ने देशवासियों की आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए काम करने का आह्वान किया।श्रीमती मुर्मु ने 18वीं लोक सभा के गठन के बाद संसद के दोनों सदनों की पहली संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने 2024 के चुनाव को “नीति, नीयत, निष्ठा और निर्णयों पर विश्वास का चुनाव” बताया। उन्होंने कहा कहा, “मेरी सरकार ने 10 वर्षों से सेवा और सुशासन का जो मिशन चलाया है, ये उस पर मुहर लगायी है। यह जनादेश है कि भारत को विकसित बनाने का काम बिना रुके चलता रहे और भारत अपने लक्ष्यों की प्राप्ति करे।”

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए सुधारों की प्रक्रिया जारी रहेगी : मुर्मु

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश को सशक्त बनाने के लिए सैन्यबलों को आधुनिक बनाना तथा रक्षा क्षेत्र में सुधार जरूरी है और इसलिए पिछले दस वर्षों से जारी रक्षा सुधार आगे भी जारी रहेंगे।श्रीमती मुर्मु ने संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अपने अभिभाषण में कहा, “ सशक्त भारत के लिए सैन्यबलों में आधुनिकता जरूरी है। युद्ध की स्थिति में हम सर्वश्रेष्ठ रहें, इसके लिए सेनाओं में सुधार की प्रक्रिया निरंतर जारी रहनी चाहिए। इसी सोच के साथ मेरी सरकार ने बीते 10 वर्षों में डिफेंस सेक्टर में अनेक सुधार किए हैं।”उन्होंने कहा कि सरकार ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए प्रमुख रक्षा अध्यक्ष की नियुक्ति जैसे अनेक कदम उठाये हैं जिससे सेनाओं को नई मजबूती मिली है।

उन्होंने कहा , “ आयुध फैक्ट्रियाें में सुधार से डिफेंस सेक्टर को बहुत लाभ हुआ है। चालीस से अधिक ऑर्डनेंस फैक्ट्रीज को 7 निगमों में संगठित करने से इनकी क्षमता और दक्षता दोनों बढ़ी हैं।”राष्ट्रपति ने कहा कि इन सुधारों के कारण ही देश देश रक्षा क्षेत्र में एक लाख करोड़ रूपये से अधिक का रक्षा विनिर्माण कर रहा है। उन्होंने कहा , “ ऐसे ही सुधार के कारण भारत आज एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग कर रहा है। पिछले एक दशक में, हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट 18 गुना अधिक होकर 21 हज़ार करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है। फिलीपीन्स के साथ ब्रह्मोस मिसाइल का रक्षा सौदा, रक्षा निर्यात के क्षेत्र में भारत की पहचान मज़बूत कर रहा है।”श्रीमती मुर्मु ने कहा कि सरकार ने युवाओं और उनके स्टार्टअप्स को बढ़ावा देकर आत्मनिर्भर रक्षा क्षेत्र की मजबूत नींव तैयार की है।

उन्होंन कहा ,“ मेरी सरकार उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में दो डिफेंस कॉरिडोर्स भी विकसित कर रही है। हम सभी के लिए ये खुशी की बात है कि पिछले वर्ष हमारी सैन्य जरूरतों की लगभग 70 प्रतिशत खरीद भारतीय उद्योगों से ही की गई है। हमारी सेनाओं ने 500 से अधिक सैन्य साजो-सामान को विदेशों से नहीं मंगाना तय किया है। ये सभी हथियार और उपकरण अब सिर्फ भारतीय कंपनियों से ही खरीदे जा रहे हैं।”उन्होंने कहा कि सरकार ने सैनिकों के हितों को हमेशा प्राथमिकता दी है और वह इसके लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा , “ मेरी सरकार ने सैनिकों के हितों को भी हमेशा प्राथमिकता दी है। तभी चार दशक के बाद वन रैंक वन पेंशन को लागू किया गया।

इसके तहत अब तक एक लाख 20 हजार करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं। शहीद सैनिकों के सम्मान के लिए सरकार ने कर्तव्यपथ के एक छोर पर नेशनल वॉर मेमोरियल की स्थापना भी की है। ये प्रयास केवल वीर जवानों के प्रति कृतज्ञ राष्ट्र का नमन ही नहीं हैं, बल्कि राष्ट्र प्रथम की अनवरत प्रेरणा का स्रोत भी हैं।”

विकास प्रक्रिया में महिला भागीदारी सुनिश्चित करेगी सरकार : मुर्मु

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा है कि सरकार सामाजिक विकास की योजनाओं को एकीकृत कर रही है और विकास प्रक्रिया में विशेषकर महिलाओं को भागीदार बनाने पर जोर दे रही है।श्रीमती मुर्मु ने संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए गुरुवार को कहा कि सरकार गरीबोन्मुखी काम कर रही है और उसके सामाजिक, आर्थिक विकास के साथ ही उनकी जीवन शैली में बदलाव लाने का काम कर रही है। गरीबों को निशुल्क राशन दी जा रही है और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।

राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ा रही है और ऊर्जा संरक्षण के लिए हरित ऊर्जा के क्षेत्र में आगे बढ रही है। सरकार आधुनिक मानदंड को बढा रही है ताकि भारत विकसित देशों के साथ प्रतिस्पर्धी बन सके। ढांचागत विकास के लिए सड़कों का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। सरकार पूर्वोत्तर के राज्यों में विकास कार्यो को तेजी से आगे बढाने का काम कर रही है। वहां ढांचागत विकास को बढाया जा रहा है और शांति बनाए रखने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि ड्रोन को बढावा दिया जा रहा है और ड्रोन पायलट के क्षेत्र में महिलाओं को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जा रहा है। महिलाएं विकास में बराबर की भागीदार बने और वे इस प्रक्रिया में हर क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाएं इसके लिए महिलाओं को विशेष रूप से प्रोतसाहित किया जा रहा है।राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार सबके विकास के लिए काम कर रही है। विकास की प्रक्रिया से कोई छूटे नहीं इस पर ध्यान दिया जा रहा है। इसी का परिणाम है कि अब तक 25 करोड़ लोगों को सरकार गरीबी से बाहर निकाल चुकी है।(वार्ता)

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