कोरोना काल में यूपी ने बनाया जरूरतमंदों तक काढ़ा व रोग प्रतिरोधक दवाएं पहुंचाने का रिकॉर्ड
कोरोना काल में उत्तर प्रदेश ऐसा राज्य बन गया है, जिसने जरूरतमंदों को काढ़ा व रोग प्रतिरोधक दवाएं पहुंचाने का रिकॉर्ड कायम किया है। जी हां, इस दौरान राज्य के आयुष, यूनानी और होम्योपैथिक विभाग द्वारा करीब 14 लाख से अधिक लोगों तक दवाएं व काढ़ा पहुंचाने का महत्वपूर्ण कार्य किया गया है।
महज एक महीने में किया यह करिश्मा
लॉकडाउन के दौरान होम आइसोलेटेड मरीजों व अन्य लोगों को दवाएं व आयुर्वेदिक गुणों से युक्त काढ़ा पहुंचाने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। इसी कड़ी में विभाग की ओर से कोरोना संक्रमण के दौरान दवाएं, जोशांदा व काढ़ा पहुंचाने में रिकॉर्ड बनाया गया है। महज एक महीने में आयुष विभाग की ओर से करीब 14 लाख होमआइसोलेटेड मरीजों, क्वारंटीन व अन्य लोगों को दवाएं व काढ़ा पहुंचाने का काम किया गया है।
दवाओं का लाभ पाने वालों में 5 लाख से अधिक महिलाएं
शनिवार को आयुष विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रशांत त्रिवेदी ने बताया कि आयुष विभाग ने 13 अप्रैल से 19 मई के बीच 13 लाख 72 हजार 347 होम आइसोलेटेड, क्वारंटीन, व अन्य लोगों को आयुष किट, आयुष 64, काढ़ा, होम्योपैथिक दवा, यूनानी दवा व जोशांदा वितरण करने का काम किया गया है। उन्होंने बताया कि इन दवाओं का लाभ पाने वालों में 8 लाख 01 हजार 836 पुरुष व 5 लाख 70 हजार 511 महिलाएं शामिल हैं।
बीते साल 3 लाख से अधिक लोगों को आयुष-64 दवा का किया था वितरण
प्रशांत त्रिवेदी बताते हैं कि पिछले साल अप्रैल से दिसम्बर महीने के बीच 3 लाख से अधिक लोगों को आयुष-64 दवा का वितरण किया गया था। दवा वितरण के साथ आयुष विशेषज्ञ मरीजों व आम आदमी को घरेलू नुस्खों के बारे में जानकारी देने का काम भी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि आयुर्वेद की पुरानी परम्पराओं में हर मर्ज से लड़ने की विधि मौजूद हैं।
एक दिन में 48 हजार लोगों में बंटी दवाएं
उन्होंने बताया कि आयुष विभाग की ओर से एक दिन में 48 हजार से अधिक मरीजों व अन्य लोगों में दवाओं का वितरण किया गया है। 20 मई को आयुष, यूनानी व होम्पयोपैथिक विभाग की ओर से उप्र में 48 हजार 971 लोगों को दवाएं वितरित करने का काम किया गया है। विभाग की ओर से 27 हजार 466 पुरुषों व 21 हजार 505 महिलाओं को दवाएं दी गई हैं।
ओपीडी बंद, दवाएं हो रही है वितरित
डॉ. ए.के. तिवारी ने बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते अस्पतालों में ओपीडी बंद है, लेकिन अस्पतालों से दवाओं का वितरण रोजाना किया जा रहा है। इसके अलावा लोगों को आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने मौसमी बीमारियों से बचने के सम्बंध में आयुर्वेद के महत्व के बारे में जानकारी दी जा रही है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल में ही आयुर्वेदिक, यूनानी व होम्योपैथिक चिकित्सों से वेबिनार के जरिए संवाद किया था। इसमें मुख्यमंत्री ने चिकित्सों को निर्देश दिए थे कि प्रदेश भर में होम आइसोलेटेड, क्वारंटीन व अन्य लोगों को कोरोना से लड़ने वाली दवाएं के साथ काढ़ा, जोशांदा पहुंचाने का काम किया जाए।