
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन – डीआरडीओ ने सेरो सर्वेक्षण में एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए डिपकोवेन किट विकसित की है। कोविड-19 महामारी और लोगों में सार्स कोव-2 संक्रमण का पता लगाने के लिए यह किट बहुत उपयोगी साबित होगी।
अगले महीने के पहले सप्ताह से किट की व्यावसायिक शुरुआत
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक ये किट नई दिल्ली की वेनगार्ड डायग्नॉस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से विकसित की गई है। कंपनी इस किट की व्यावसायिक शुरुआत अगले महीने के पहले सप्ताह से करेगी।
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केवल 75 मिनट में जांच के रिजल्ट होंगे सामने
इस किट से केवल 75 मिनट में जांच की जा सकती है और इसकी कीमत प्रति जांच मात्र 75 रुपए होगी। डीपकोविन किट को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने अप्रैल में मान्यता दी थी। भारतीय औषधि महानियंत्रक ने भारत में किट के विनिर्माण और बिक्री की अनुमति इसी महीने प्रदान की है।
रक्षा मंत्री ने किट को लेकर डीआरडीओ के प्रयास की सराहना की
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किट को विकसित करने के लिए डीआरडीओ के प्रयास की सराहना की। इस बाबत उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि यह किट लोगों को कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में मदद करेगी।
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