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द्रौपदी मुर्मू ने रचा इतिहास, राष्ट्रपति चुनाव में दर्ज की रिकॉर्ड जीत, 25 को लेंगी शपथ

देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति बनीं मुर्मू ,सर्वोच्च संवैधानिक पद पर पहुंचने वाली पहली आदिवासी महिला हैं मुर्मू

नयी दिल्ली : श्रीमती द्रौपदी मुर्मू (64) देश की 15वीं राष्ट्रपति होंगी। वह इस पद पर पहुंचने वाली आदिवासी समाज की पहली नेता हैं।श्रीमती मुर्मू ने राष्ट्रपति पद के चुनाव में विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को भारी अंतर से हराया। मतगणना के नतीजों के औपचारिक घोषणा होने से पहले ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) उम्मीदवार श्रीमती मुर्मू ने विपक्षी उम्मीदवार के खिलाफ काफी बड़ी बढ़त बना ली थी और उन्हें देशभर से बधाईयां मिलनी शुरू हो गयी थीं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ने देश के सूदूर पूर्वी इलाके के एक गांव में पैदा एक आदिवासी महिला को 1.3 अरब की आबादी वाले विशाल लोकतंत्र के सर्वोच्च पद के लिए चुन कर आज एक इतिहास रचा है।इस चुनाव में श्रीमती मुर्मू को राजग में शामिल दलों के अलावा कई विपक्षी दलों के सांसदों और विधायकों का भी समर्थन मिला। मतगणना के रुझानों से यह झलक मिली कि जनप्रतिनिधियों का उनकी पार्टी लाइन से ऊपर उठकर समर्थन मिला है।प्रधानमंत्री मोदी ने पार्टी लाइन से ऊपर उठकर श्रीमती मुर्मू का समर्थन करने वाले सांसदों और विधायकों को धन्यवाद देते हुए ट्वीटर पर कहा,’उनकी जीत हमारे लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत है।’

श्री मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने श्रीमती मुर्मू को जीत की बधाई देने वाले पहले लोगों में थे। दोनों नेताओं ने नयी दिल्ली में श्रीमती मुर्मू के निवास स्थान पर जाकर उन्हें पुष्प गुच्छ भेंट किया और जीत की बधाई दी।विपक्ष के उम्मीदवार श्री सिन्हा ने मतगणना की अंतिम घोषणा से पहले ही श्रमती मुर्मू को जीत की बधाई दे दी थी।श्रीमती मुर्मू का जीवन संघर्ष पथ से शिखर पर पहुंचने की उतार-चढ़ाव भरी एक यात्रा की कहानी है।

उन्होंने मयूरभंज जिले के आदिवासी गांव में जन्म लेकर जीवन के प्रारंभिक संघर्षों के बीच पढ़ाई और सरकारी नौकरी की और अध्यापन कार्य किया। उनका राजनीतिक जीवन 90 के उत्तरार्ध में शुरू हुआ, जब उन्होंने भाजपा की सदस्यता ली और स्थानीय निकाय में पार्षद बनीं।राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को सम्पन्न हो रहा है। उनके बाद इस संवैधानिक पद और सेना के सर्वोच्च कमांडर का दायित्व श्रीमती मुर्मू के हाथ में होगा।(वार्ता)

राष्ट्रपति चुनाव के निर्वाचन अधिकारी पीसी मोदी ने द्रौपदी मुर्मू को सौंपा प्रमाण पत्र

द्रौपदी मुर्मू को देश के अगले राष्ट्रपति के रूप में आधिकारिक रूप से निर्वाचित घोषित किया गया है। वह देश की 15वीं राष्ट्रपति के रूप में 25 जुलाई को शपथ लेंगी।राष्ट्रपति चुनाव के निर्वाचन अधिकारी राज्य सभा के महासचिव पीसी मोदी ने गुरुवार रात द्रौपदी मुर्मू के विजयी होने की आधिकारिक घोषणा की। इसके बाद पीसी मोदी ने निर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के दिल्ली स्थित आवास पर जाकर उन्हें प्रमाण पत्र सौंपा। इससे पहले निर्वाचन अधिकारी ने चुनाव परिणाम की घोषणा करते हुए कहा कि राष्ट्रपति चुनाव के मतदान में कुल 4754 मत पड़े, जिनमें से 4701 वैध और 53 अवैध पाये गये।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित होने के लिए एक उम्मीदवार को पांच लाख 28 हजार 491 मत मूल्य की जरुरत थी। मुर्मू को डाले गये कुल वैध मत 4701 में से प्रथम वरीयता के 2824 मत मिले जिनका मूल्य 6 लाख 76 हजार 803 है। उनके प्रतिद्वंदी विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को प्रथम वरीयता के 1877 मत मिले जिनका मूल्य तीन लाख 80 हजार 177 है। इस प्रकार मुर्मू द्वारा हासिल किये गये प्रथम वरीयता के मत विजय के लिए जरूरी मत संख्या से अधिक हैं। निर्वाचन अधिकारी मोदी ने कहा कि निर्वाचन अधिकारी के रूप में वह राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू के विजयी होने की घोषणा करते हैं।

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू देश की 15वीं राष्ट्रपति चुनी गई हैं। इस शीर्ष पद पर पहुंचने वाली वे दूसरी महिला हैं। आदिवासी समाज से आने वाली मुर्मू देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर पहुंच कर इतिहास रच दिया है। वे इस पद पर पहुंचने वाली पहली आदिवासी महिला है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मुर्मू के आवास पर जाकर उन्हें बधाई दी। वहीं प्रतिद्वंदी रहे यशवंत सिन्हा ने भी ट्वीट कर नवनिर्वाचित राष्ट्रपति को बधाई दी है।राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी ने राष्ट्रपति चुनाव की मतगणना के नतीजों का ऐलान करते हुए बताया कि द्रौपदी मुर्मू को 5,77,777 मूल्य के मत प्राप्त हुए हैं। वहीं, विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को 2,61,062 मूल्य के मत प्राप्त हुए हैं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति चुनाव में कुल 3219 वैध मत थे जिनका मूल्य 8,38,839 है। इसमें से द्रौपदी मुर्मू को 5,77,777 मूल्य के कुल 2161 मत प्राप्त हुए। वहीं, सिन्हा को 2,61,062 मूल्य के कुल 1058 मत प्राप्त हुए।

राज्यसभा महासचिव ने बताया कि तीसरे चरण की मतगणना में कर्नाटक, केरला, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, ओडिशा और पंजाब राज्य के कुल 1333 वैध मत थे जिनका मूल्य 1,65,664 है। इसमें से द्रौपदी मुर्मू को 812 मत प्राप्त हुए और यशवंत सिन्हा को 521 मत मिले।

इससे पहले,दूसरे चरण की मतगणना में पहले 10 राज्यों के मतपत्रों की वर्णानुक्रम में गणना की गई। जिसमें कुल 1138 वैध मत थे और उनका कुल मूल्य 1,49,575 है। इसमें से द्रौपदी मुर्मू को 809 वोट मिले, जिनकी कीमत 1,05,299 और यशवंत सिन्हा को 329 वोट मिले, जिनकी कीमत 44,276 है।

उल्लेखनीय है कि पहले चरण की मतगणना में राजग उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को 3,78,000 के महत्व के मत मिले हैं। वहीं, यशवंत सिन्हा को 1,45,600 के महत्व के मत प्राप्त हुए हैं .पहले चरण में द्रौपदी मुर्मू ने 3,78,000 के महत्व के साथ 540 वोट हासिल किए हैं और यशवंत सिन्हा ने 1,45,600 के महत्व के साथ 208 वोट हासिल किए हैं। कुल 15 वोट अवैध थे। ये संसद भवन में हुए मतदान के आंकड़े हैं।(हि.स.)।

राष्ट्रपति चुनाव: द्राैपदी मुर्मू को 540 जबकि यशवंत सिन्हा को 208 मत मिले

राष्ट्रपति चुनाव में हो रही मतगणना के पहले दौर के बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू आगे चल रही हैं और उन्हें कुल वैध 748 मतों में से 540 मत मिले हैं जबकि विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को 208 मत मिले हैं।संसद भवन में गुरुवार सुबह शुरू हुई मतगणना के पहले दौर में सभी सांसदों के मतों की गिनती की गयी ।

चुनाव के लिए नियुक्त निर्वाचन अधिकारी और राज्यसभा के महासचिव पी सी मोदी ने बताया कि वैध 748 मतों में से श्रीमती मुर्मू को 540 मत मिले जबकि श्री सिन्हा को 208 मत मिले हैं।उन्होंने कहा कि मत मूल्य के हिसाब से कुल 523600 में से श्रीमती मुर्मू को 378000 जबकि श्री सिन्हा को 145600 मत मूल्य हासिल हुए।दूसरे दौर में राज्य विधानसभाओं में विधायकों द्वारा डाले गये मतों की गिनती की जा रही है।राष्ट्रपति चुनाव में 99 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने वोट डाले थे।

निर्वाचन आयोग के अनुसार इस बार राष्ट्रपति चुनाव में कुल 4796 मतदाता थे, जिनमें से 99 प्रतिशत ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। ग्यारह राज्यों और केन्द्र शासित पुड्डुचेरी में शत-प्रतिशत मतदान हुआ। राष्ट्रपति चुनाव के लिए दिल्ली और पुड्डुचेरी समेत 30 जगहों पर मतदान कराया गया। इस चुनाव में राज्य सभा और लोकसभा के सदस्यों के अलावा राज्यों और विधानसभा वाले केन्द्रशासित प्रदेशों की विधानसभाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों को मताधिकार प्राप्त था।(वार्ता)

राष्ट्रपति पद के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू सांसदों के 748 मतों में से 540 मत पाकर आगे चल रही हैं, जबकि विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को 208 वोट मिले हैं। निर्वाचन अधिकारी पी. सी. मोदी ने पहले दौर की मतगणना के बाद बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।उन्होंने कहा कि 15 सांसदों के मत अमान्य पाए गए। उन्होंने कहा कि सांसदों के सभी वोटों की गिनती हो चुकी है।

मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में आठ सांसदों ने वोट नहीं डाला।अधिकारियों ने बताया कि इस राष्ट्रपति चुनाव में प्रत्येक सांसद के मत का मूल्य 700 है और मुर्मू को मिले कुल मतों का मूल्य 5,23,600 है, जो कि सांसदों के कुल वैध मतों का 72.19 प्रतिशत है, यह उनके पक्ष में कुछ ‘क्रॉस वोटिंग’ का संकेत देता है। मुर्मू को आधिकारिक रूप से समर्थन देने वाले दलों की संख्या बल के अतिरिक्त उन्हें पांच से छह और सांसदों के वोट मिलने का अनुमान है। चुनाव से पहले विभिन्न दलों के 538 सांसदों ने मुर्मू को अपना समर्थन दिया था, लेकिन उनमें से कुछ ने वोट नहीं दिया।दूसरी ओर, सिन्हा के कुल मतों का मूल्य 1,45,600 था, जो कुल वैध मतों का 27.81 प्रतिशत है।अधिकारियों ने बताया कि मतगणना के दूसरे दौर में विधायकों के मतों की गिनती शुरू हो गई है।(भाषा)

द्रौपदी की जीत का जश्न मनाने को पूरा गांव छुट्टी पर, फूलों से सजाया गया हर घर

ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर से 260 किमी दूर हरे भरे जंगलों के बीच कुसमुई ब्लॉक पड़ता है। इसी ब्लॉक में उपरबेड़ा गांव तलहटी पर स्थित है। आज यह छोटा सा गांव पूरे विश्व में सुर्खियां बटोर रहा है। इसी गांव की द्रौपदी मुर्मू देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति बनने जा रही है। उपरबेड़ा गांव में रोड बनी है जो 15 किमी दूर रायरंगपुर जोड़ती है। जहां द्रौपदी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1997 में एक पार्षद के रूप में की थी। रायरंगपुर में, व्यापारी समुदाय कम से कम 40,000 लोगों के बीच बांटने के लिए मिठाई तैयार कर रहा है।

द्रौपदी के छोटे भाई तरनसेन ने कहा कि वे सभी बहुत उत्साहित हैं। इस गांव को कुछ दिनों पहले तक कोई नहीं जानता था। द्रौपदी मुर्मू को एनडीए ने राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया तो यह गांव पूरे विश्व में छा गया। गुरुवार सुबह से ही इस गांव में जश्न का माहौल है क्योंकि यही वह गांव है जहां द्रौपदी मुर्मू का जन्म हुआ था। उपरबेड़ा के लोग द्रौपदी मुर्मू की जीत का ऐलान होने से पहले ही खुशियां मना रहे हैं। ग्रामीणों ने गुरुवार को गांव में ‘विजय दिवस’ मनाने की तैयारी की है। पूरा गांव को यह विश्वास कि उनकी बेटी ही राष्ट्रपति बनेगी।(वीएनएस)

 

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