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विज्ञान के क्षेत्र में भारत का वैश्विक लीडर बनना तय : डॉ. जितेंद्र सिंह

नई दिल्ली । केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी; राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान; एमओएस पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष, डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज कहा कि विज्ञान के क्षेत्र में भारत का वैश्विक लीडर बनना तय है और हमारे वैज्ञानिक मानव संसाधन की गुणवत्ता दुनिया के अधिकांश विकसित देशों से कहीं बेहतर है। केंद्रीय मंत्री एनसीआर बायोटेक साइंस क्लस्टर, फरीदाबाद में एक प्रमुख संस्थान `ट्रांसलेशनल हेल्थ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंस्टिट्यूट` (टीएचएसटीआई) के 12वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर, केंद्रीय मंत्री ने वैक्सीन अनुसंधान और विकास के लिए भारत की पहली एफईआरआरईटी सुविधा सहित कई प्रतिष्ठित नई वैज्ञानिक सुविधाओं की एक श्रृंखला का भी उद्घाटन किया, जो विशेष रूप से मौजूदा कोविड महामारी के मद्देनजर दुनियाभर का ध्यान आकर्षित करने वाली है।

उन्होंने महामारी से पैदा हुई चुनौतियों का डटकर सामना करने और रातों-रात इस दिशा में फोकस करने के लिए देश के युवा वैज्ञानिकों को बधाई दी। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के वैज्ञानिक स्वभाव और हर वैज्ञानिक मिशन को बढ़ावा देने में उनकी व्यक्तिगत भागीदारी का जिक्र करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि वर्तमान सरकार ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी को विशेष प्रोत्साहन दिया है। उन्होंने कहा कि `आत्मनिर्भर भारत` के निर्माण में भारत के वैज्ञानिक कौशल की प्रमुख भूमिका होगी। केंद्रीय मंत्री ने संस्थान की अभूतपूर्व उपलब्धियों की सराहना की और कहा कि महामारी के समय में इसने उल्लेखनीय योगदान किया है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने आगाह करते हुए कहा कि अब साइलो में काम करने का दौर खत्म हो चुका है।

उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत एक अग्रणी देश है और यह तथ्य है कि नासा भी इसरो के हासिल आंकड़ों को लेता है, जो हमारी वैज्ञानिक प्रगति के बारे में बहुत कुछ बताता है। जैव प्रौद्योगिकी विभाग की सचिव डॉ. रेणु स्वरूप ने अपने संबोधन में टीएचएसटीआई में उपलब्ध अत्याधुनिक अनुसंधान और विकास सुविधा का उल्लेख किया। उन्होंने नैदानिक और दवा विकास सुविधा, एंटी-वायरस स्क्रीनिंग कार्यक्रमों और टीएचएसटीआई के अन्य चल रहे अनुसंधान प्रयासों पर बात करते हुए कहा कि यह राष्ट्रीय महत्व का संस्थान है। लोगों को संबोधित करते हुए टीएचएसटीआई के कार्यकारी निदेशक डॉ. प्रमोद गर्ग ने कहा कि 12 साल की छोटी अवधि में संस्थान ने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने बताया कि मुख्य रूप से चार प्रमुख अनुसंधान कार्यक्रमों पर संस्थान का फोकस है।

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