
नारायणी नदी में पानी छोड़े जाने से बाढ़ की चपेट में आये दर्जनों गांव
ग्रामीण पलायन करने को मजबूर
महराजगंज। बाल्मीकि नगर बैराज से नारायणी नदी में बीती रात 276800 क्यूसेक पानी छोड़े जाने से नारायणी नदी उफान पर आ गई है। बाढ़ का पानी महराजगंज जनपद के उस पार के आधा दर्जन गांव में घुसकर ग्रामीणों को पलायन करने पर मजबूर कर दिया है। साथ ही सोहगीबरवा,शिकारपुर,भोथहा, पिपरासी आदि गांव में चारों ओर पानी से घिर गया है। वहां के ग्रामीण सुरक्षित ठिकानों की ओर निकलने के लिए मजबूर हैं। लेकिन प्रशासन द्वारा उन्हें बाहर निकालने की कोई व्यवस्था तक नहीं की गई है।
बताते चले कि जनपद के नारायणी नदी उस पार के गांव में बाढ़ का पानी घुटने तक लगा हुआ है। सोहगीबरवा थाने पर 1 फीट पानी लगा हुआ है। साथ ही संपर्क मार्ग अन्य गांव से कट गया है। वहां के ग्रामीण बाढ़ से निकलने के लिए परेशान हैं ।लेकिन प्रशासन सिर्फ लेखपाल और ग्राम सचिव की तैनाती कर अपने कर्तव्यों से इतिश्री कर लिया है। गांव में पानी भरा होने के कारण ग्रामीणों को भोजन के भी लाले पड़े हुए हैं। बाढ़ के पानी ने हरिहरपुर से सोहगी बरवा जाने वाले मार्ग को बीच से काट दिया है,तो बसंतपुर के विद्यालय में पानी लगा हुआ है।
नदी के बढ़ते पानी से हजारों एकड़ फसल पानी में जहां डूब गई है वही एशिया के सबसे लंबे ठोकर वीरवार पर पानी का दबाव बढ़ने लगा है। बाढ़ खंड के अधिकारी बंधे की सुरक्षा और ठोकर की बचाव के लिए निगरानी करने में लगे हुए हैं। वही 800घनमीटर बोल्डर के सहारे बाढ़ से बांध और ठोकर की सुरक्षा कैसे पाएगा प्रश्नचिह्न बना हुआ है। सनद रहे बाढ़ आने से पूर्व शासन द्वारा धन नहीं मिलने के कारण कोई मरम्मत कार्य नहीं हुआ है और न भी ठोकरों और बांध का मरम्मत ही कराया गया,जिसको लेकर ग्रामीण भयभीत हो चले हैं। इस संबंध में एसडीओ बाढ खण्ड का कहना है कि बांध और ठोकर पूरी तरह सुरक्षित हैं आपातकाल के लिए 500 घन मीटर बोल्डर वीरभार ठोकर पर और 300 घन मीटर बोल्डर भैसहा में रखे गए हैं हम लोग नदी के रुख पर नजर बनाए हुए हैं किसी भी कीमत पर बांध और ठोकर की सुरक्षा की जाएगी।