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स्वतंत्रता संग्राम की समग्र गाथा पर धारावाहिक रविवार से शुरु करने जा रहा है दूरदर्शन

नयी दिल्ली : देश की आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रमों की पृष्ठभूमि में देश के स्वतंत्रता संग्राम के महानायकों के बलिदानों की बहुत सी सुनी-अनसुनी कहानियों को लोगों के सामने प्रस्तुत करने के लिए सरकारी क्षेत्र का टीवी प्लेटफॉर्म दूरदर्शन 14 अगस्त से 75 कड़ियों का धारावाहिक ‘स्वराज-भारत के स्वतंत्रता संग्राम की समग्र गाथा’ का प्रसारण शुरू करने जा रहा है।दूरदर्शन कार्पोरेट क्षेत्र की आकर्षक नौकरी छोड़कर पंचायती संस्थाओं और ग्रामीण क्षेत्र में सेवा को मिशन बनाने वाली महिलाओं पर केन्द्रित एक नया कार्यक्रम ‘कार्पोरेट सरपंच’ और देश प्रेम पर आधारित दो नए धारावाहिक ‘ये दिल मांगे मोर’ और ‘जय भारती’ का भी प्रसारण शुरू करने जा रहा है। इसके अलावा दूरदर्शन संगीत के क्षेत्र में स्वसाधना से अपनी प्रतिभा को निखारने वाले कलाकारों को पर केन्द्रित म्यूजिक रियलटी शो ‘सुरों का एकलव्य’ का प्रसारण भी शुरू करने जा रहा है।

प्रसार भारती के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) दूरदर्शन तथा दूरदर्शन समाचार के महानिदेशक मयंक अग्रवाल ने शुक्रवार को संवाददाताओं को यह जानकारी देते हुए कहा, “ यह नए भारत का नया दूरदर्शन है। हम आजादी के अमृत काल में 75 कड़ियों का धारावाहिक ‘स्वराज-भारत के स्वतंत्रता संग्राम की समग्र गाथा’ ला रहे हैं। इसकी पहली कड़ी का प्रसारण दूरदर्शन के राष्ट्रीय चैनल डीडी नेशनल पर स्वाधीनता संग्राम की पूर्व संध्या 14 अगस्त रविवार को रात नौ से 10 बजे के बीच शुरू होगा।”श्री अग्रवाल ने कहा, “ हमने इस धारावाहिक की मार्केटिंग (विज्ञापन) की बड़ी योजना बनाई है। हम प्रिंट (पत्र-पत्रिका) और डिजिटल चैनलों के अलावा कुछ टीवी चैनलों को भी विज्ञापन देने जा रहे हैं। अखबारों में तो विज्ञापन आज से ही आना शुरू हो गया है।” उन्होंने यह नहीं बताया कि इसके लिए प्रसार भारती ने कितना बजट रखा है।

उन्होंने बताया, “ इस सीरियल का आरंभ 1498 में वास्को-डि-गामा के भारत की धरती पर कदम रखने के कालखंड से शुरू होती है। उसके बाद, पुर्तगालियों, फ्रांसीसियों, डच (नीदरलैंड) और अंग्रेजों ने भारत में अपने-अपने उपनिवेश स्थापित किए। उनके अत्याचार और अन्याय के खिलाफ हमारे स्वाधीनता के नायकों की गौरव-गाथा को इस धारावाहिक में पिरोया गया है।”उन्होंने बताया कि इसमें न केवल मंगल पांडे, रानी लक्ष्मीबाई और भगत सिंह जैसे प्रसिद्ध नायकों और वीरांगनाओं की कहानी है बल्कि यह धारावाहिक रानी अबक्का, बक्शी जगबंधु, तिरोत सिंह, सिद्धो कान्हो मुर्मु, शिवप्पा नायक, कान्हो जी आंग्रे, रानी गाइदिन्ल्यू और तिलका मांझी जैसे वीरों और वीरांगनाओं की कहानी को भी शामिल किया गया है। उन्होंने एक प्रश्न के जबाव में कहा कि इस धारावाहिक में खान अब्दुल गफ्फार खां जैसी शख्सियतों की भी कहानी है, जिनकी कर्मस्थली भारत विभाजन के बाद अलग हो गयी है।

श्री अग्रवाल ने बताया कि नाटिका औऱ विवरण शैली में प्रस्तुत इस धारावाहिक को दूरदर्शन में प्रोडक्शन हाउस काँटिलो से तैयार करवाया गया है और इसके लिए गहन अनुसंधान दूरदर्शन में आंतरिक रूप से भी किया है। इस धारावाहिक की कथा की कड़ियों की प्रस्तुती मनोज जोशी ने की है। उन्होंने कहा,“ इस धारावाहिक को खासकर विद्यार्थी जरूर देखें, इसके लिए शिक्षा मंत्रालय विद्यालयों को पत्र भिजवा रहा है। ”इसे नौ क्षेत्रीय भाषाओं तमिल, तेलुगू, कन्नड़, मलयालम, मराठी, गुजराती, उडिया, बांग्ला और असमिया के अलावा अंग्रेजी में भी रूपांतरित किया जा रहा है और रूपांतरित संस्करणों को 20 अगस्त से दूरदर्शन के क्षेत्रीय चैनलों पर रात्रि आठ से नौ बजे तक प्रसारित किया जाएगा।

इस धारावाहिक को 20 अगस्त से आकाशवाणी के विभिन्न केन्द्रों द्वारा शनिवार को पूर्वाह्न 11 बजे से प्रसारित करने का भी कार्यक्रम है। सप्ताह के दौरान इसकी कड़ियों को दोबारा भी प्रसारित करने की भी योजना है।श्री अग्रवाल ने कहा कि दूरदर्शन एक और कार्यक्रम ‘स्टार्ट अप चैम्पियन्स 2.0’ भी ला रहा है, जो 46 राष्ट्रीय स्टार्ट अप पुरस्कार प्राप्त उद्यमियों के संघर्ष और सफलता की कहानी पर आधारित है इसे 46 कड़ियों में डीडी न्यूज पर हर शनिवार रात नौ बजे और डीडी नेशनल पर रविवार दोपहर 12 बजे दिखाया जाएगा। इसका अंग्रेजी संस्करण डीडी इंडिया पर शनिवार 10 बजे प्रसारित किया जाएगा।कार्पोरेट सरपंच और जयभारती की 260-260 कड़ियां और दिल मांगे मोर और सुरों का एकलव्य की 52-52 कड़ियां प्रस्तुत की जाएंगी।(वार्ता)

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