मेडिकल डिवाइसेस के एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में डिजिटल फ्रेमवर्क होगा तैयार
सीएम योगी के विजन अनुसार, ईपीसी-एमडी के लिए ऐप, वेब पोर्टल और आईटी सॉल्यूशंस को विकसित करने की प्रक्रिया शुरू. बिजनेस ब्लू प्रिंट को एक्सेस कर स्वीकृति प्रदान करने का फ्रेमवर्क होगा तैयार, कई अन्य सुविधाओं से किया जाएगा युक्त.
- एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल-मेडिकल डिवाइस (ईपीसी-एमडी) का ऐप बेस्ड डिजिटल आईटी सेटअप होगा तैयार
- रोल बेस्ड एक्सेसिबिलिटी, रेगुलर मॉनिटरिंग फ्रेमवर्क, 3 लेवल सिक्योरिटी व क्लाउड स्टोरेज से आईटी सेटअप होगा लैस
- डिजास्टर रिकवरी प्लान, डाटा सेंटर सर्वर, सोशल मीडिया सेटअप, रीइंबर्समेंट क्लेम पोर्टल व पेमेंट गेटवे का भी होगा विकास
लखनऊ । उत्तर प्रदेश में के विभिन्न क्षेत्रों में मेडिकल डिवाइस पार्क की स्थापना कर रही योगी सरकार ने प्रदेश में मैनुफैक्चर होने वाले मेडिकल डिवाइसेस के एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है। इस कार्ययोजना के अनुसार, लॉजिस्टिक्स, उत्तम कनेक्टिविटी, मेडिकल डिवाइस व फार्मास्यूटिकल पार्कों की स्थापना के लिए विभिन्न प्राधिकरणों में लैंड बैंक एक्सेसिबिलिटी समेत विभिन्न प्रक्रियाओं को पूरा किया जा रहा है। वहीं, मेडिकल डिवाइस के प्रोडक्शन व एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल-मेडिकल डिवाइस (ईपीसी-एमडी) के लिए मोबाइल ऐप बेस्ड डिजिटल आईटी सेटअप को तैयार करने की प्रक्रिया पर काम शुरू हो गया है।
यह ऐप बेस्ड डिजिटल आईटी सेटअप (जिसमें वेब पोर्टल व विभिन्न आईटी सॉल्यूशंस की सेवाएं होंगी) आधुनिक तकनीक को अंगीकार करते हुए भविष्य की जरूरत के अनुसार तैयार किया जाएगा। यह ईपीसी-एमडी के लिए ‘वन स्टॉप सॉल्यूशन’ की तरह कार्य करेगा, जिसमें परियोजनाओं की स्वीकृति समेत विभिन्न कार्यों का आवलोकन हो सकेगा। यह प्रदेश में मेडिकल डिवाइसेस के उत्पादन की प्रगति, उत्पादन के विभिन्न घटकों को चिह्नित करने, प्रश्रय देने और एक्सपोर्ट प्रमोशन समेत एक्सपोर्ट संबंधी आंकड़ों के संकलन का मार्ग भी प्रशस्त करेगा।
बिजनेस ब्लू प्रिंट एक्सेस व रेगुलर मॉनिटरिंग का बनेगा फ्रेमवर्क
सीएम योगी के विजन अनुसार, प्रदेश में पहले ही उत्तर प्रदेश फार्मास्युटिकल और मेडिकल डिवाइस उद्योग नीति 2023 को 5 वर्षों की अवधि के लिए लागू किया जा चुका है। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) द्वारा इस पार्क को दो फेज में उत्तर भारत के पहले समर्पित मेडिकल डिवाइस पार्क के तौर पर विकसित किया जा रहा है। यह पार्क 350 एकड़ में फैला होगा और इसमें आवंटियों को सब्सिडी वाली बिजली, पानी, वेयरहाउसिंग और कौशल विकास, पेटेंट और गुणवत्ता प्रमाणन से जुड़ी प्रतिपूर्ति मिलेगी। ऐसे में, इस पार्क में लागत प्रभावी परीक्षण और वैज्ञानिक सुविधाओं तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए ईपीसी-एमडी के लिए ऐप, वेब पोर्टल और आईटी सॉल्यूशंस को विकसित किया जाएगा। यह बिजनेस ब्लू प्रिंट एक्सेस कर विभिन्न परियोजनाओं व गतिविधियों की रोल बेस्ड एक्सेसिबिलिटी के जरिए रेगुलर मॉनिटरिंग का मार्ग प्रशस्त करेगा।
थ्री लेयर्ड सिक्योरिटी, डिजास्टर रिकवरी प्लान समेत विभिन्न फीचर्स से होगा लैस
प्रक्रिया के अंतर्गत, ऐप बेस्ड डिजिटल आईटी सेटअप को कई एडवांस्ड फीचर्स से युक्त किया जाएगा। यह थ्री लेयर्ड सिक्योरिटी, डिजास्टर रिकवरी, डाटा सेंटर सर्वर, सोशल मीडिया सेटअप, सीओओ एक्टिवेशन, गो लाइव, रीइंबर्समेंट क्लेम, मेंबर्स डॉक्यूमेंटेशन, पेमेंट गेटवे इंस्टॉलेशन, इंटरनेशनल व नेशनल एग्जिबिशंस के लिए माइक्रो वेबसाइट, एसएमएस इंटीग्रेशन व हेल्प डेस्क समेत तमाम खूबियों से लैस होगा।
इन कोर इश्यूज पर फोकस करेगा डिजिटल आईटी सेटअप…
– चिकित्सा उपकरणों और संबंधित उत्पादों के निर्यातकों को आवश्यक मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करना।
– अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारतीय चिकित्सा उपकरणों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए प्रचार गतिविधियों का फ्रेमवर्क तैयार करना।
– नियामक मुद्दों, तकनीकी मानकों और अन्य व्यापार संबंधी मामलों पर निर्यातकों को सूचना देने के साथ ही चरणबद्ध संवाद स्थापित करना।
– अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारतीय चिकित्सा उपकरण उद्योग और उत्तर प्रदेश के योगदान को दर्शाने के लिए कार्ययोजना निर्माण व क्रियान्वयन में सहायक सिद्ध होना।
– विनिर्माण, गुणवत्ता मानकों और व्यापार बाधाओं से संबंधित मुद्दों सहित उद्योग के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए वन स्टॉप सॉल्यूशन के तौर पर काम करना।