डिजिटल एक्सटेंशन प्लेटफॉर्म: कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर व डिजिटल भारत का सपना होगा साकार

नई तकनीक और पहल के जरिए केंद्र सरकार कृषि के आधुनिकीकरण पर जोर देने का काम निरंतर रूप से कर रही है। हाल ही में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने राष्ट्रीय स्तर के एक डिजिटल एक्सटेंशन प्लेटफॉर्म के निर्माण के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी ढांचे के तहत डिजिटल ग्रीन के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, जो एक पुरस्कार विजेता सामाजिक उद्यम है। डिजिटल ग्रीन, टेक्नोक्रेट और सामाजिक विकास के प्रति उत्साही रिकिन गांधी द्वारा स्थापित किया गया है। यह बिहार, झारखंड, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में राज्य सरकारों के साथ काम कर रहा है तथा 25 लाख से अधिक किसानों के लिए सेवारत है और इसने 4000 से अधिक फ्रंट लाइन वर्कर्स की क्षमता में वृद्धि की है।
डिजिटल लाइब्रेरी उपलब्ध होगी
यह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म क्यूरेटेड बहु-प्रारूप बहु-भाषी सामग्री की एक डिजिटल लाइब्रेरी उपलब्ध कराएगा। इसके जरिए डिजिटल कृषि इकोसिस्टम की मजबूत नींव तैयारं होगी और किसानों से जुड़ी सभी प्राथमिकताओं को विस्तार देगी और अधिक कुशल एवं प्रभावी बनाने में भी मदद करेगी। इस प्लेटफॉर्म को छह महीने के भीतर लॉन्च किया जाना है। और इस प्लेटफॉर्म में पोर्टल तथा देश भर के पूरे कृषक समुदाय की सेवा करने की क्षमता और नए एवं उच्च मूल्य प्रस्ताव के साथ एगटेक व अन्य बाजार अभिकर्ताओं को उत्प्रेरित करने की क्षमताएं होंगी।
किस तरह से काम करेगा
यह ऐसा प्लेटफॉर्म होगा, जो एक्सटेंशन वर्कर्स को क्यूरेट की गई सामग्री को समय पर किसानों तक पहुंचाने तथा वितरित करने में मदद करेगा। इसके अलावा, यह प्रमाणित ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के माध्यम से कृषि, बागवानी, मत्स्य पालन, पशुधन और ग्रामीण आजीविका मिशन के लिए एक्सटेंशन वर्कर्स के विशाल नेटवर्क का कौशल विकास करने में सहायता प्रदान करेगा।
किसान होंगे डिजिटल सशक्त
इस एक्सटेंशन प्रणाली के जरिए किसानों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाया जा सकेगा साथ ही डिजिटल कृषि का लाभ उठाने में किसानों की सहायता की जा सकेगी। वर्तमान में भारत में कृषि, आजीविका और संबद्ध क्षेत्रों में 200,000 से अधिक एक्सटेंशन वर्कर्स हैं। इस पहल को महत्वाकांक्षी पहल के रूप में देखा जा रहा है आपको बता दे कि इसके माध्यम से कृषि, बागवानी, पशुधन, डेयरी, मत्स्य पालन और ग्रामीण आजीविका विभागों के आउटरीच कार्यक्रमों को विकेंद्रीकृत सामग्री निर्माण तथा लक्षित प्रसार के माध्यम से एक डिजिटल प्लेटफॉर्म के तहत आगे ले जाने का रास्ता तय किया जा सकेगा। रिकिन गांधी ने कहा कि परिकल्पित प्लेटफॉर्म भारत में कृषि क्षेत्र के लिए एक डिजिटल सार्वजनिक मंच के रूप में उभरने के लिए राष्ट्रीय प्रणालियों में योगदान देगा और सहायक के तौर पर कार्यान्वित होगा।
किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा
डिजिटल एक्सटेंशन प्लेटफॉर्म के जरिए अंतिम मील के किसान के जीवन में यकीनन सकारात्मक बदलाव आएगा। इस प्लेटफॉर्म को भारतीय कृषि प्रणाली को भविष्य हेतु तैयार करने के उद्देश्य से प्रौद्योगिकी में निवेश करने के लिए तैयार किया गया है। केंद्र सरकार छोटे तथा सीमांत किसानों को फलने-फूलने की दिशा में निरंतर जुटी हुई है। कृषि सचिव मनोज आहूजा ने बताया कि ‘‘प्रस्तावित राष्ट्रीय डिजिटल प्लेटफॉर्म सरकार द्वारा बनाए जा रहे डिजिटल कृषि परिवेश की मजबूत नींव से किसानों को जोड़कर हमारी विस्तार प्रणाली को और अधिक कुशल और प्रभावी बनाने में मदद करेगा।’’
कृषि को तकनीक के साथ जोड़ना प्राथमिकता
केंद्र सरकार कृषि को तकनीक के साथ जोड़ने की भरसक कोशिशों में जुटी हुई है ताकि आधुनिकीकरण के जरिए किसान अपनी आमदनी बढ़ाई जा सके। आज कई ऐसी पायलट परियोजनाएं है जिसके जरिए आज किसान ये जान पाने में सक्षम है कि कौन-सी किस्म के बीज उपयोग करना है और अधिकतम उपज के लिए कौन सी विधियां अपनानी हैं। इसके अलावा किसान इस बारे में भी उचित फैसला ले पाने में सक्षम हैं कि अपनी उपज को बेचना है या भंडारण करना है और कब, कहां व किस कीमत पर बेचना है।
DA&FW signed an #MOU with Digital Green Trust for building a framework for National level Digital Agriculture Extension platform. This initiative will converge the extension efforts of Departments of Agriculture, Animal husbandry, Fisheries, Rural Development…#agrigoi #G20 pic.twitter.com/jBt3f1CYv5
— Agriculture INDIA (@AgriGoI) February 6, 2023